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अमित शाह ने की विवादास्पद टिप्पणी- BJP गलती से चुनाव हारी, तो पाकिस्तान में फूटेंगे पटाखे
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बिहार चुनाव का तीसरा चरण पूरा हो जाने के बाद अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक और विवादास्पद बयान दे दिया है. अमित शाह ने कहा कि अगर इस चुनाव में बीजेपी गलती से हार गई, तो पाकिस्तान में पटाखे चलेंगे.
बीजेपी अध्यक्ष
ने रक्सौल की रैली में यह बात कही. उनके इस बयान पर अब सियासत गरमा गई है. जेडीयू ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
चुनाव आयोग से शिकायत करेगी JDU
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि वे अमित शाह की इस टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे. उन्होंने कहा, 'हम अमित शाह के इस बयान और नए विज्ञापन के मामले में आयोग को शुक्रवार को 12.15 बजे शिकायत करेंगे.'
केसी त्यागी ने कहा, 'तीन चरणों के चुनाव शांतिपूर्वक हो चुके हैं, पर अब बीजेपी अध्यक्ष और पीएम नरेंद्र मोदी अपने रंग में हैं. उन्होंने सारे अखबारों में विज्ञापन देकर हमारे गठबंधन को आतंकवादियों से जोड़ने का असफल प्रयास किया है.'
उमर अब्दुल्ला ने कसा तंज
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमित शाह की टिप्पणी पर तंज किया, 'अगर आपने बीजेपी के पक्ष में वोट नहीं दिया या उसे समर्थन नहीं दिया, तो आप पाकिस्तानी हैं, क्योंकि केवल पाकिस्तान ही बीजेपी की हार का जश्न मनाते हैं.'
Life if so much clearer now - if you don't vote for or support the BJP you are a Pakistani since only Pakistanis celebrate BJP defeats.
— Omar Abdullah (@abdullah_omar)
October 29, 2015
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क्या है निक ऑफ टाइम का मतलब? एक ट्वीट से खबरों में आ गई थीं प्रियंका चोपड़ा
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बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, सलमान खान की फिल्म "भारत" छोड़ने की वजह से चर्चा में हैं. उनके भारत से हटने की जानकारी अली अब्बास जफ़र के एक ट्वीट से मिली. जफ़र ने इस ट्वीट में एक 'फ्रेज' इस्तेमाल किया था. इस फ्रेज को प्रियंका के कथित बॉयगफ्रेंड निक जोनस से जोड़कर देखा जाने लगा. इसी कड़ी में फ्रेज का एक अर्थ यह भी निकाला गया कि प्रियंका ने निक से शादी की वजह से भारत में काम करने से मना कर दिया.
आइए जानते हैं क्या था वो फ्रेज जिसे जफ़र ने अपने ट्वीट में इस्तेमाल किया था...
जफ़र ने ट्वीट में लिखा था - Yes Priyanka Chopra is no more part of @Bharat_TheFilm & and the reason is very very special, she told us in the
Nick of time
about her decision and we are very happy for her... Team Bharat wishes. इसमें लिखे गए इन द
'निक ऑफ टाइम'
को निक जोनस से जोड़ दिया गया.
क्या है निक ऑफ टाइम का मतलब?
दरअसल,
निक ऑफ टाइम
अंग्रेजी का एक फ्रेज है. इसका इस्तेमाल ठीक वैसे ही होता है जैसे हिंदी में
'ऐन मौके पर'
(एक तरह से लगभग
'आख़िरी वक्त'
में)
का किया जाता है. जैसे - ऐन मौके पर मना कर दिया. ऐन मौके पर साथ छोड़ दिया. ऐन मौके पर ही भूल गया आदि-आदि .
तो क्या इस हॉलीवुड फिल्म के लिए प्रियंका चोपड़ा ने सलमान की भारत को कहा ना?
जफर ने ट्वीट में कहा था, "हां प्रियंका चोपड़ा अब फिल्म भारत टीम का हिस्सा नहीं हैं और कारण बहुत खास है, उन्होंने इसके बारे में ऐन मौके यानी लगभग 'आखिरी वक्त' पर बताया और हम उनके लिए खुश हैं और टीम भारत को शुभकामनाएं." हालांकि जफर ने अपने ट्वीट में 'Nick of time' में N अक्षर को कैपिटल लेटर में लिखकर अमेरिकन सिंगर निक जोनस की तरफ इशारा किया है.
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फैंस का मानना है कि प्रियंका जल्द की निक से शादी करने वाली है जिसके कारण उन्होंने भारत के लिए ना कह दी. अब खबरें आ रही हैं कि प्रियंका के स्थान पर भारत में कटरीना कैफ को कास्ट किया जा सकता है.
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बहन से रेप के आरोप में 19 वर्षीय युवक गिरफ्तार
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अब तक कहा जाता रहा है कि लड़कियां घर के बाहर सुरक्षित नहीं हैं, पर इस घटना ने तो लड़कियों की घर में सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. इसे इंतेहा ही कहा जाएगा कि एक भाई ने अपनी नाबालिग बहन के साथ रेप किया और उसे गर्भवती कर दिया.
14 साल की किशोरी से बलात्कार करने के आरोप में 19 साल के युवक को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने सालभर पहले लड़की से रेप किया और उसके बाद उसे कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया.
मामला सोमवार को तब सामने आया, जब लड़की को बेचैनी और उल्टियां होने पर कालवा के एक अस्पताल में ले जाया गया.
डॉक्टरों ने बताया कि लड़की गर्भवती है, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ बलात्कार के आरोप लगाए गए. युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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तेज रफ्तार स्कूल बस की स्टेयरिंग हुई फेल, 30 बच्चे घायल, 3 गंभीर
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पलवल में स्कूली छात्रों को ले जा रही एक तेज रफ्तार स्कूल बस का स्टेयरिंग फेल हो गया और बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई. बस में सवार करीब 30 बच्चे घायल हो गए, जिनमें 6 बच्चों को गंभीर चोट आई है. घायलों को पलवल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
बस की हालत देखकर आप अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि टक्कर कितनी जबरदस्त रही होगी. दरअसल, आज सुबह करीब 9 बजे हथीन स्थित मोदिश पब्लिक स्कूल की बस
स्कूली बच्चों को लेकर वापस
स्कूल लौट रही थी. बस तेज गति से चल रही थी तभी गांव धीरकी के निकट मोड़ पर बस का स्टेरिंग फेल हो गया और बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई. बस में सवार बच्चे घायल हो गए. घायलों को उपचार के लिए पलवल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है और डॉक्टरों ने तीन स्कूली बच्चों की हालत को ज्यादा गंभीर देखते हुए फरीदाबाद के लिए रेफर कर दिया है.
इस घटना में
बस
कंडेक्टर भी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है. घटना के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जांच अधिकारी राम कुमार ने मीडिया को बताया कि बच्चों की अचानक बस पेड़ से टकराई है, जिसके बाद फौरन घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. जबकि डॉ. बीरसिंह सेहरावत, जो कि सिविल हॉस्पिटल पलवल में मौजूद थे, उनका कहना था कि हमारे पास 6 बच्चे घायल अवस्था में आए थे, जिसमें से 3 को सर में फ्रेक्चर था, उन्हें रेफर किया गया है बाकी बच्चों का इलाज जारी है.
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जस्टिन बीबर के शो से महाराष्ट्र सरकार को हुई 3.8 करोड़ की कमाई
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जस्टिन बीबर के कॉन्सर्ट को लेकर उनके फैन्स के बीच जबरदस्त क्रेज रहा. 10 मई को मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में हुए इस कॉन्सर्ट में करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे.
इस कॉन्सर्ट का सबसे महंगा टिकट 76 हजार का था. इस क्रेज का फायदा महाराष्ट्र सरकार को भी जबरदस्त हुआ है. बताया जा रहा है कि इस इवेंट से राज्य को 3.8 करोड़ का एंटरटेनमेंट टैक्स मिला है.
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ये थीं बीबर की महंगी डिमांड्स
इसके लिए बीबर की टीम ने प्रोग्राम के स्पॉन्सर्स के सामने एक लंबी डिमांड लिस्ट रखी थी. इसमें कई दिलचस्प चीजें शामिल रहीं. बीबर की टीम ने उनके लिए दो फाइव स्टार होटल बुक कराने की भी मांग रखी थी. उनकी पूरी टीम 13 कमरों में रहेगी. बीबर के लिए रॉल्स रॉयस कार और काफिले के लिए 10 सेडान कारें, 2 वॉल्वो बसों की मांग की थी.
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बीबर ने 24 घंटे जेड प्लस सिक्योरिटी टीम की डिमांड रखी थी. उनके पास 8 प्राइवेट सिक्युरिटी गार्ड भी साथ में रहने की मांग उठी. वहीं बीबर के लिए कनाडा से सोफा आने की चर्चा है. बीबर ने स्पॉन्सर्स से कहा था कि वह किसी को ऑटोग्राफ नहीं देंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक बीबर के साथ उनके परिवार और टीम के करीब 120 लोग भारत आए थे.
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कास्टिंग काउच पर विद्या बालन बोलीं- ऐसे लोगों से मैंने बना ली दूरी
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बॉलीवुड, हॉलीवुड हो या टॉलीवुड, हर इंडस्ड्री में कास्टिंग काउच का मुद्दा गरमाया रहता है. इसकी सच्चाई को कोई अनदेखा नहीं कर सकता. एक्ट्रेस विद्या बालन ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी. कहा कि उन्होंने कभी कास्टिंग काउच का सामना नहीं किया. साथ ही विद्या ने इससे बचने का अपना फॉर्मूला भी शेयर किया.
विद्या ने एक चैट शो में खुलासा किया कि ऐसे शरारती तत्वों से दूर रहना ही अपनी रक्षा करना का बेहतर तरीका है. जब भी उन्हें सामने वाले की तरफ से गलत वाइब्स मिलीं उन्होंने उस शख्स से दूरी बना ली. वह कहती हैं, मैं लोगों के साथ बहुत ज्यादा पर्सनल नहीं होती हूं. अगर आप ऐसे किसी इंसान से टकराते हो, तो खुद को उनसे दूर रखें. यह मेरे खुद को इस विवाद में पड़ने से बचाने का तरीका है.
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विद्या आगे कहती हैं, लोग इस मामले में महिलाओं को लेकर विचारधारा बना लेते हैं. सामने वाला यह डिसाइड नहीं कर सकता है महिला को कब बोलना है और कब चुप रहना है. लोग इस बात पर काफी सवाल उठाते हैं कि उसने इस बारे में पहले क्यों नहीं बोला.
उन्होंने कहा, कास्टिंग काउच की खबर का खुलासा करने पर महिला को बदनामी का डर सताता है. उन्हें इस बात का डर होता कि चुप्पी तोड़ने से कहीं उन्हें इंडस्ट्री में काम मिलना ना बंद हो जाए. वह कहती हैं, हॉलीवुड में फीमेल एक्टर्स सेक्सुअल हैरेसमेंट को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती हैं.
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हाल ही में हॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर हार्वी विंस्टीन के पर कास्टिंग काउच और यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. जिसके बाद इस मुद्दे पर बॉलीवुड की भी तमाम सिलेब्रिटीज ने अपनी राय रखी.
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दीया मिर्जा ने कहा है कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के लिए किसी को मक्खन नहीं नहीं लगाया, इसलिए लोगों ने उन्हें बोरिंग कह दिया. हार्वी विंस्टीन पर मीडिया फैसला सुना रही है, लेकिन पहले उनके बारे में सोचना चाहिए, जो इस तरह के लोगों को अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करने देने हैं. मुझे लगता है कि इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता कि कोई पुरुष अपनी ताकत का इस्तेमाल औरत या किसी पुरुष के यौन उत्पीड़न के लिए करे.
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13 जुलाई: निचले स्तर पर लिवाली से सेंसेक्स 184 अंक चढ़ा
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बीएसई में तीन दिन से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया और निवेशकों द्वारा ब्लूचिप शेयरों में निचले स्तर पर लिवाली से बुधवार को सेंसेक्स 184 अंक चढ़कर 18,596 अंक के स्तर पर पहुंच गया.
वैश्विक बाजारों से मजबूत संकेतों तथा चीन के उम्मीद से बेहतर वृद्धि दर के आंकड़ों से भी बाजार में तेजी लौटी. बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में पिछले तीन दिन में 667 अंक या 3.49 प्रतिशत की गिरावट आई थी. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स मजबूत खुलने के बाद लगातार ऊपर की ओर बना रहा. अंत में यह 184.40 अंक या एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,596.02 अंक के स्तर पर बंद हुआ.
इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 59.30 अंक या 1.07 प्रतिशत चढ़कर 5,585.45 अंक पर पहुंच गया. बड़ी कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, एलएंडटी, ओएनजीसी, एसबीआई, भारती एयरटेल और टाटा मोटर्स के शेयरों में तेजी ने सेंसेक्स की बढ़त में 125 अंक का योगदान दिया.
ब्रोकरों ने कहा कि टिकाउ उपभोक्ता सामान, रिफाइनरी, रीयल्टी, वाहन, स्वास्थ्य सेवा, धातु और बैंकिंग शेयरों में अच्छी लिवाली देखने को मिली. तीन दिन की गिरावट के बाद निवेशक निचले स्तर पर शार्टकवरिंग में जुटे रहे. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि विभिन्न वर्गों के शेयरों में अब ताजा लिवाली देखने को मिल रही है.
इन्फोसिस के कमजोर नतीजों, यूरोप के ऋण संकट के अन्य देशों में फैलने की आशंका तथा कमजोर वैश्विक संकेतों से अभी तक बाजार में बिकवाली का जोर था. चीन के उम्मीद से बेहतर वृद्धि दर के आंकड़ों से एशियाई बाजारों में तेजी का रुख रहा. चीन, हांगकांग, जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के बाजार 0.36 से 1.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए.
दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजारों में भी तेजी थी. शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शेयर बाजारों से 969.44 करोड़ रुपये की निकासी की. इससे पिछले 13 सत्रों में उन्होंने 11,978.8 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. विभिन्न वर्गों के सूचकांकों में 12 लाभ के साथ तथा एक हानि के साथ बंद हुआ. टिकाउ उपभोक्ता सामान सूचकांक में 1.73 प्रतिशत का उल्लेखनीय सुधार हुआ.
तेल एवं गैस क्षेत्र का सूचकांक 1.70 प्रतिशत बढ़ा, जबकि रीयल्टी में 1.69 प्रतिशत, वाहन में 1.58 प्रतिशत, धातु में 1.23 प्रतिशत, पीएसयू में 1.22 प्रतिशत और बैंकेक्स में 1.09 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई. सेंसेक्स की 30 कंपनियों में 26 लाभ के साथ बंद हुए, जबकि इन्फोसिस, टाटा पावर, हिंदुस्तान यूनिलीवर और विप्रो में हानि रही. सेंसेक्स की कंपनियों में डीएलएफ का शेयर 2.95 प्रतिशत चढ़ा, एमएंडएम में 2.20 प्रतिशत की बढ़त रही.
ओएनजीसी का शेयर 1.97 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.89 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 1.85 प्रतिशत, रिलायंस इन्फ्रा 1.79 प्रतिशत, भारती 1.72 प्रतिशत, बजाज ऑटो 1.64 प्रतिशत, आरकॉम 1.60 प्रतिशत, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 1.60 प्रतिशत, एनटीपीसी 1.58 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 1.44 प्रतिशत, आईटीसी 1.37 प्रतिशत, एसबीआई 1.34 प्रतिशत और मारुति सुजुकी 1.25 प्रतिशत चढ़ गए.
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कांग्रेस का बीजेपी पर वार, ‘अबकी बार डेटा लीक सरकार’
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डेटा लीक के बाद नमो ऐप और WithINC ऐप पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं. ऐप के जरिए लोगों की खुफिया जानकारियां लीक करने का दोनों ही दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. सुबह से इस मुद्दे पर चल रहे विवाद के बाद शाम को कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जिस तरह से डेटा लीक हो रहे हैं, ऐसे में इस सरकार का नाम डेटा लीक सरकार कर देना चाहिए.
कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार नमो ऐप के जरिए आम लोगों की सहमति के बिना
डेटा बेस
बना रही है. सिंघवी ने कहा कि 13 लाख एनसीसी कैडेट्स को जबरन उनका डाटा बताने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि कोई भी किसी व्यक्ति को उसकी गोपनीय जानकारी बताने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है.
सिंघवी ने कहा कि जस्टिस बीएन श्रीकृष्णन की अगुवाई में बनी समिति पहले ही कह चुकी है कि पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बड़े पैमाने पर लोगों का पर्सनल डाटा इकट्ठा कर रहे हैं. दो पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज ने लोगों का आधार डाटा लीक कर दिया. शिकायत होने के बाद भी इस संबंध में कुछ नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने आईटी का मतलब इन्फ़ॉरमेशन टेक्नॉलजी से बदलकर आइडेंटिटी थेफ्ट कर दिया है. सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के राइट टू प्राइवेसी के मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे डाटा कलेक्शन के फॉर्म पर रोक लगानी चाहिए.
WithINC ऐप
पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों की सहमति के साथ वेबसाइट के जरिए प्राथमिक सदस्यता दिलाती है. उन्होंने साफ किया कि सदस्यता के लिए कांग्रेस ऐप का प्रयोग नहीं करती है.
इससे पहले नरेंद्र मोदी ऐप के नाम पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बीजेपी कर्नाटक ने पलटवार किया है. बीजेपी कर्नाटक के ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा गया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का उन्हीं के नाम पर ‘सिद्धारमैया ऐप’ है जो कि सरकारी पैसे पर चलाया जा रहा है. वहीं नमो ऐप को बीजेपी अपने खर्चे पर चला रही है. इसीलिए इस ऐप का नाम PMO की बजाए नमो रखा गया है.
राहुल गांधी ने आज एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि
नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए नमो ऐप के जरिए करोड़ों भारतीयों का पर्सनल डाटाबेस बना रहे हैं. राहुल ने कहा कि नमो ऐप सरकारी पैसे से चलाया जा रहा है. अगर प्रधानमंत्री पूरे देश से जुड़ने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं, लेकिन ऐप का नाम PMO ऐप होना चाहिए. यह डाटाबेस पूरे भारत का है, ना कि नरेंद्र मोदी का है.
इससे पहले राहुल ने आरोप लगाया कि नमो ऐप के जरिए बेहद गोपनीय तरीके से ऑडियो, वीडियो, दोस्तों-परिवार के फोन नंबर यहां तक कि जीपीएस के जरिए लोगों की लोकेशन तक ट्रेस की जा रही है. राहुल ने नरेंद्र मोदी को भारतीयों की जासूसी करने के लिए बिग बॉस तक कहा था. राहुल ने कहा कि अब मोदी हमारे बच्चों का भी डाटा लेना चाहते हैं.
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'काबिल' के 'दिल क्या करे जब किसी को...' गाने से आपको प्यार हो जाएगा
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रितिक रोशन और यामी गौतम स्टारर 'काबिल' का नया गाना 'दिल क्या करे जब किसी को, किसी से प्यार हो जाए' रिलीज हो गया है.
यह गाना 1970 की फिल्म 'जूली' के गाने 'दिल क्या करे...' का रीमेक है. इस गाने के लिए संगीतकार राजेश रोशन को फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है.
'काबिल' का नया गाना देख उर्वशी का दीवाना होगा जमाना...
'काबिल' के इस रीमेक वर्जन को भी राजेश रोशन ने ही कंपोज किया है. गाने में नेत्रहीन रितिक और यामी के रोमांस को दिखाया गया है. इस गाने को जुबीन ने गाया है.
'कुछ दिन' नहीं बहुत दिन याद रहेगा 'काबिल' का नया गाना
फिल्म को संजय गुप्ता ने डायरेक्ट किया है. फिल्म इस साल 25 जनवरी को रिलीज होगी.
देखें ये गाना:
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Exclusive: अमित शाह ने कहा- मोदी के राज में मुसलमान सबसे सुखी, राम मंदिर मुद्दा नहीं
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बीजेपी के पीएम इन वेटिंग और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी अमित शाह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में मोदी कहां से चुनाव लड़ेंगे ये अभी तय नहीं है. अमित शाह ने साफ कर दिया कि राम मंदिर मुद्दा बीजेपी के एजेंडे में नहीं है.
आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में यूपी में बीजेपी के प्रभारी और गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'नरेंद्र मोदी कहां से चुनाव लड़ेंगे यह अभ तय नहीं है. इसका फैसला पार्टी करेगी.' जब उनसे पूछा गया कि क्या वे खुद यूपी में किस्मत आजमाएंगे तो उन्होंने कहा कि ये बाद की बात है अभी तो उनका पूरा ध्यान प्रचार में है. अमित शाह ने का कि राम मंदिर मुद्दा बीजेपी के एजेंडे में नहीं है. अमित शाह से बातचीत की है हमारे एडिटर-एट-लार्ज राहुल कंवल ने. पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश:
आपने जिंदगी भर गुजरात में राजनीति की, आपको नरेंद्र मोदी की वजह से इतनी बड़ी जिम्मेवारी दी गई, देश का सबसे बड़ा राज्य, सबसे जटिल राज्य, उसका बनाया गया अपको इंचार्ज. लोंगों ने यह सोचा कि क्या अमित शाह वाकइ में यूपी की राजनीति इतनी जल्दी समझ पाएंगे...गुजरात की तो बाईपोलर राजनीति है, यूपी के कंप्लेक्स राजनीति को क्या आप इतनी जल्दी समझ पाएंगे?
अमित शाह -
देखिए, वो तो चुनाव के नतीजे जब आएंगे तभी पता चलेगा. लेकिन मुझे भरोसा है, पार्टी ने जिस विश्वास से मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी है, उस विश्वास से मैं बिल्कुल दमखम से पार उतारुंगा और सबसे बड़ी पार्टी बनकर हम उत्तर प्रदेश में वापस आएंगे.
क्यों दी गई आपको इतनी बड़ी जिम्मेदारी, क्या है आपका और मोदी का रिश्ता ऐसा कि आप मोदी के दाहिने हाथ माने जाते हैं?
अमित शाह -
देखिए दो सवाल अलग-अलग है. क्यों दी गई ये तो आप राजनाथ सिंह जी से पुछिए और पार्टी के बड़े नेताओं से पूछिए. मेरा काम है जो पार्टी मुझे जिम्मेदारी दे, उस काम को मुझे मेरे अंदर जितनी भी क्षमता है, क्षमता का सही तरह से उपयोग करते हुए मैं निभाउंगा. और जहां तक मोदी जी का सवाल है तो मोदी जी का कोई खासमखास नहीं है, जो ज्यादा काम करते हैं वो उन्हें अच्छे लगते हैं. और स्वभाविक रूप से जो ज्यादा काम करता है उसे ज्यादा मौका मिलता है.
आप सीधी बात कीजिए. सीधी-सीधी बात होनी चाहिए, ऐसा न कहिए कि आप उनके खास नहीं हैं. पूरा देश आपको इस वक्त देख रहा है, सब जानते हैं मोदी को, अमित शाह को भी और देश के राजनीति को भी. यह बताइये कि उत्तर प्रदेश पर फतह करने की आपकी स्ट्रेटेजी क्या है?
अमित शाह - देखिए, वैसे उत्तर प्रदेश पर फतह करना इस बार कोई बड़ी बात है नहीं. इसके तीन कारण हैं- पहला कारण, यूपीए सरकार के खिलाफ बड़ी एंटी इंकंबेंसी की लहर पूरे उत्तर प्रेदेश में है, मंहगाई और भ्रष्टाचार, देश की सुरक्षा और लचर प्रशासन. इससे लोग त्रस्त हैं तो सरकार बदलने का मूड वैसे ही बना है. दूसरा कारण है कि जो उत्तर प्रेदेश की सरकार है, इसके खिलाफ भी एंटी इंकंबेंसी पूरे पीक पर है और सपा व बसपा दोनों के कुशासन से लोग त्रस्त हैं. बसपा का कुशासन आज भी लोगों को याद है, सपा का कुशासन आज भी चल रहा है और बीजेपी के अलावे लोगों के पास कोई चारा नहीं है. अगर केंद्र में सरकार बदलनी है तो न सपा बदल सकती है, न बसपा बदल सकती है, सिर्फ बीजेपी बदल सकती है और इस बार परिवर्तन की लहर देश भर में अगर सबसे ज्यादा है तो वो उत्तर प्रदेश में है.
पर धारणा यह है कि अमित शाह को उत्तर प्रदेश इस वजह से भेजा गया है ताकि वहां हिंदु पोलराइजेशन हो. जमीन पर, सतह के नीचे अमित शाह यह मैसेज भेज रहे हैं कि किस तरह से मुसलमानों का एपीजमेंट हो रहा है, हिंदुओं को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. क्या यही अमित शाह की रणनीति है कि मोदी के नाम पर हिंदुओं को जोड़ो?
अमित शाह -देखिए, मैं सीधे संगठन के लिए काम कर रहा हूं मगर यूपी के हालात, जो लोग सरकार में हैं, उन्हीं लोगों ने ऐसे बनाए हैं कि मुझे लगता है चुनाव आते-आते क्मयुनलाइज हो जाएगा. 21 मुकदमे जो हार्डकोर टेररिस्टों के खिलाफ अगल-अलग समय में दायर किए थे, और वो लोग जेल में हैं, उन्हें जेल में से छोड़ेने कि सिफारिश इस सरकार नें की है. मैं कभी सोच ही नहीं सकता, संविधान के तहत चलने वाली सरकार इस तरह का काई स्टेप ले सकती है क्या. रोज-रोज के काम और विकास के कामों में भी एपीजमेंट के कारण, बहुमत की संख्या जो है वे हिंदु है, उसमें बड़ी नाराजगी प्रशासन के प्रति है. मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है, मुस्लिम एपीजमेंट करने के चक्कर में हिंदुओं को नाराज करने का काम मुलायम ने कर दिया है.
आप कह रहे हैं, मुलायम की सरकार, अखिलेश की सरकार चीजों को पोलराइज कर रही है. लेकिन हमने मुज्जफरनगर के दंगों में देखा, आपका विधायक था संगीत सोम जो कि झूठ-मूठ के फर्जी क्लिप सर्कुलेट कर रहा था, ताकि लोगों में यह भावना पैदा हो माइनारिटी क्मयुनिटि के खिलाफ. कौन कर रहा था यह काम, आपके पार्टी का था?
अमित शाह -ये पुलिस का वर्जन है, एक बार इस मामले को कार्ट में जाने दीजिए.
एक दफा भी संगीत सोम ने नहीं कहा कि उन्होंने नहीं किया है?
अमित शाह - इस बात को कोर्ट में जाने दीजिए, बहस होने दीजिए, आप सबको मालूम चल जाएगा कि यह फर्जी मुकदमा है. और आप सिर्फ क्लिप को क्यों देख रहे हैं, जो घटना घटी उस पर तुरंत एक्शन क्यों नहीं लिया प्रशासन नें, अगर तुरंत एक्शन लिए जाते तो तुरंत वो बात वहीं दब गई थी. क्यों रिएक्शन आया, रिएक्शन इसलिए आया कि प्रशासन ने एकतरफा कार्यवाही की. जब एक बड़ी संख्या के मन में ऐसा भाव खड़ा होता है कि प्रशासन एकतरफा कार्यवाही करता है, अन्याय हो रहा है तो लोगों में गुस्सा उबलना स्वभाविक है. अगर एक तरफा कार्यवाही नहीं होती तो कुछ नहीं होना था वहां पर. देश भर में इस तरह की घटनाएं घटती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के अलावा कहीं कुछ नहीं होता है. क्योंकि पुलिस अपना काम करती है, वो न जाति देखती है, न धर्म देखती है. मगर उत्तर प्रदेश में पुलिस आज धर्म देखकर काम कर रही है, इसके कारण पोलराइजेशन हुआ है.
पर लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त एक डबल गेम चल रहा है. एक तरफ नरेंद्र मोदी हैं जो कहते हैं कि शौचलय पहले आना चाहिए, देवालय बाद में. दूसरी तरफ आप हैं, आप जाते हैं, पहला काम आपने यह किया कि आप अयोध्या गए, आपने कहा कि राम मंदिर यहीं बनेगा. विनय कटियार कानपुर के मंच पर खड़े होकर बोलते हैं कि हिंदुत्व, राम मंदिर का मुद्दा है चुनाव में. बाकि बीजेपी के नेता एकदम चुप्प हैं तो ये क्या गेम चल रहा है. हिदुत्व के नाम पे, राम मंदिर के नाम पे. साफ-साफ बताइये कि राम मंदिर आपके एजेंडे पर है कि नहीं?
अमित शाह - देखिए, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने बार-बार इस बात को स्पष्ट किया है मीडिया के सामने कि राम मंदिर हमारा चुनावी एजेंडा नहीं है. मुझे लगता है इसके बाद भी मीडिया के अलावा और कोई ये नहीं कह रहा कि राम मंदिर हमारे एजेंडे में है.
आप सबसे पहले अयोध्या गए और सबसे पहले आपने कहा कि हम सबकी ये भावना है और यहीं पर बनाएंगे राम मंदिर?
अमित शाह - आपने मेरी बात को या तो ठीक से सुना नहीं, या तो आप गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. मैंने कहा था कि मैने राम भगवान के सामने प्रार्थना की है कि देश कुशासन से मुक्त हो, कांग्रेस मुक्त भारत बने और यहां सबकी सहमति से बड़ा राम मंदिर का निर्माण हो, ऐसी मैंने प्रार्थना की है. न बीजेपी की कोई बात की थी, न ही चुनावी ऐजेंडे की कोई बात कही थी. जहां तक मेरी प्रार्थना का सवाल है, वो मेरा अधिकार है और मैं आज भी कहता हूं कि राम लला के सामने मैंने ऐसी प्रार्थना की थी कि सबकी सहमति से सबके सहयोग से वहां एक भव्य राम मंदिर बने और राम लला एक अच्छी जगह पर, एक भव्य जगह पर विराजें.
आपने कहा कि राम मंदिर आपके लिए चुनावी मुद्दा नहीं है तो हिंदुत्व, उत्तर प्रदेश में खासकर के, अमित शाह के लिए, नरेंद्र मोदी के लिए कितना महत्वपूर्ण है?
अमित शाह – देखिए मेरी पार्टी कि पालिसी है कि किसी का एपीजमेंट मत कीजिए, सबके साथ न्याय कीजिए. इसमें दो बात हैं, किसी का एपीजमेंट न करना और सबके साथ न्याय करना. इसमें अगर किसी का एपीजमेंट होता है तो अपने आप दूसरे छोर की भावनाएं उभरकर ऊपर आती हैं. इसको मैं नहीं रोक सकता, इसके लिए अगर कोई दोषी है तो एपीजमेंट करने वाला है.
आप भी तो तूल दे रहे हैं उस भावना को.
अमित शाह – तूल देने का सवाल ही नहीं है. जो जन भावना है उसे बीजेपी रिफलेक्ट करेगी, उसको आवाज देगी. जनभावनाओं को आवाज देना हम लोगों का काम है, और किसी के साथ भी अन्याय होगा, मेरी बात को ठीक से समझिएगा, किसी के साथ भी अन्याय होगा तो बीजेपी उसको मुखर होकर उठाएगी?
आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया. हिंदुत्व का आपके चुनाव में क्या रोल है.
अमित शाह – सरकार के द्वारा जो एपीजमेंट हो रहा है. उससे दूसरे छोड़ की भावनाएं आहत हो रही हैं और वो सरफेस पर आ गया. इसमें किसी ने उकसाया है, इस तरह की बात नहीं है. एक्शन जो सरकार का है वही दूसरे छोर की भावनाओं को उकसा रहा है.
वही एक्शन और रिएक्शन वाली बात है.
अमित शाह – सरकार के एपीजमेंट वाले एक्शन से दूसरे छोर पर रिएक्शन हुआ है और भावना रिएक्ट होकर सरफेस पर आयी है.
आपकी एक रणनिति है कि नरेंद्र मोदी को अति पिछड़ा नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करें और कहें कि पहला मौका है जब कोई अति पिछड़ा देश का प्रधानमंत्री बने, इसलिए जो पिछड़े हैं वो भी नरेंद्र मोदी को वोट दें. मेरी कुछ वरिष्ट नेताओं से बात हुई जो आपके प्रतिद्दंदी हैं, उनका कहना है कि ऐसे ही नाम लेने से या जाति के नाम पर कोई ओबीसी नेता नहीं बन जाता, कॅरियर में नरेंद्र मोदी ने अबतक क्या किया है जिसके आधार पर जनता को लगे कि वाकई में कोई नेता है जो ओबीसी है?
अमित शाह – देखिए बीजेपी मोदी जी को किसी एक वर्ग के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं कर रही. मगर वो बात सही है कि मोदी जी अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं. दूसरी बात आपने कहा कि मोदी जी ने कुछ नहीं किया. मैं एक बात आपको दावे के साथ कहता हूं कि मोदी जी के 12 साल के शासन में गुजरात में ओबीसी सबसे ज्यादा सुखी है, माली तौर पर, शिक्षा कि बात में और उनका एमपावरमेंट – तीनों चीजों में अगर ओबीसी कहीं पर सुख से हैं तो मैं बेझिझक कह सकता हूं कि वो गुजरात में हैं. और इस 12 साल में मोदी का शासन रहा है. तो मोदी ने कुछ नहीं किया ओबीसी के लिए ये बात सही नहीं है. मोदी के शासन में ही गुजरात में ओबीसी बड़े पैमाने पर आगे आए हैं, उनका एमपावरमेंट हुआ है. और जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है, ओबीसी आज तीनों पार्टियों से बहुत नाराज हैं क्योंकि धर्म आधारित आरक्षण की बात तीनों पार्टिंयां करती हैं और धर्म आधारित आरक्षण अगर आता है तो 50 प्रतिशत की जो कैप लगी है उसके कारण एससी/एसटी का तो कुछ नहीं जाएगा, क्योंकि वो संविधान संरक्षित बात है और जो आरक्षण कम होगा वो ओबीसी का ही होगा.
आप फिर से खौफ पैदा कर रहे हैं.
अमित शाह – नहीं खौफ पैदा नहीं कर रहा हूं, वास्तविकता बता रहा हूं. मैने कभी क्लेम नहीं किया है कि 18 प्रतिशत आरक्षण मायनरिटीज को देंगे. मेरी पार्टी इसके खिलाफ है. ये संविधान सम्मत नहीं है कि किसी भी धर्म विशेष को आरक्षण दिया जाए. फिर भी पार्टियां वोट के लालच में इसको उछाल रही हैं. इसका रिएक्शन ओबीसी में जरूर है. ओबीसी नाराज हैं कि हमारे मुंह का निवाला छीनकर माइनरिटीज को देने की बात की जा रही है.
मुसलमानों में काफी शंका है नरेंद्र मोदी को लेकर. आपके हिसाब से अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो उनका माइनरिटी से रिश्ता कैसा होगा.
अमित शाह – मोदी सत्ता के लिए कोई फॉरेन एलिमेंट नहीं हैं. मोदी जी तेरह साल से गुजरात में सत्ता में हैं. और कोई चुनौती नहीं है और भारत सरकार ने जो कमीशन एप्वांयट किया, उस कमीशन की रिपोर्ट में, (सच्चर कमीशन की बात कर रहा हूं मैं) तो उस रिपोर्ट के हिसाब से मुसलमान अगर सबसे ज्यादा कहीं सुखी हैं तो वो स्टेट गुजरात है. माइनरिटी का जहां तक सवाल है, जब पूरे स्टेट में बिजली जाती है तो माइनरिटी के घर भी बिजली जाएगी. पूरे स्टेट में रोड बनते हैं तो उसका उपयोग माइनरिटी के लोग भी करते हैं, पूरे स्टेट के शिक्षा का अपग्रेडेशन होता है तो उसका उपयोग माइनरिटी के बच्चों के लिए भी होगा. माइनरिटी और मेजॉरिटी के चक्कर से बाहर निकल जाइये, ये एरा हिन्दुस्तान में खत्म हो चुका है. डेवलपमेंट के आधार पर पूरा हिन्दुस्तान वोट करने जा रहा है.
पर हकीकत यह है कि मुसलिम पोलराइजेशन इस वक्त हो रहा है. मोदी के नाम पर दूसरी पार्टियां खौफ पैदा कर रही हैं और मुसलमानों में भी आशंका, चिंता है मोदी को लेकर. तो मोदी क्यों नहीं थोड़ा रीच आउट करते हैं. कई लोगों ने कहा कि 2002 के दंगों के लिए अगर वो तहे दिल से माफी मांगते हैं तो शायद मुसलमानों में जो चिंता है मोदी को लेकर वो उनके दिल से दूर हो जाएगी?
अमित शाह – मुसलमानों की चिंता को कम करने कि जिम्मेवारी हम पर छोड़ दीजिए. कोई मुसलमान नाराज नहीं है, न खौफजदा है, विपक्षी पार्टियां इसका जितना प्रचार करेंगी, उतना ही उनका नुकसान होगा.
जैसे हम देख रहे हैं कि सिंबलिज्म काफी हो गया है. हमने काफी रैलियों से पहले देखा कि बीजेपी की तरफ से एक नोटिस निकला कि आप टोपी पहन कर आइये, आप शेरवानी पहन कर आइये. ये तमाशा करने कि क्या जरूरत है.
अमित शाह – ये सब मीडिया की बात है.
नहीं, हमारे पास चिट्ठी है. हमने मुख्तार अब्बास नकवी को दिखलाया कि बीजेपी माइनरिटी कमिटी के लेटर हैं जिसमें ये कहा कि अगर आप रैली के लिए आएं तो आप कोशिश कीजिए.
अमित शाह – देखिए, ये चिट्टी या तो फर्जी है, या तो निजी तौर पर किसी नीचे के कार्यकर्ता ने अति उत्साह में आकर किया होगा. पार्टी ने न तो ऐसी कोई सूचना दी है न पार्टी की ओर से ऐसा कोई प्रयत्न हुआ है.
आप कहते है कि आप सिंबलिज्म के खिलाफ है और फिर आप कहते हैं कि टोपी पहन कर आइये.
अमित शाह – मैं बिल्कुल डिनाई करना चाहता हूं पार्टी की ओर से ऐसा कोई प्रयत्न नहीं हुआ. पार्टी में किसी व्यक्ति ने निजी तौर पर किया होगा. मगर मैं अधिकृत रूप से इसको डिनाई करता हूं, पार्टी ने ऐसा कोई प्रयत्न नहीं किया, न कभी करेगी.
आपके हिसाब से यूपी में अमित शाह के जाने से कितना फर्क पड़ा है, कितनी आपकी हालत सुधर गई है. आज अगर चुनाव होते हैं तो बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी.
अमित शाह – अमित शाह के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा है. नरेंद्र मोदी के नाम पर बहुत बड़ा फर्क है. क्योंकि जिन चीजों से एंटी इंकंबैसी जेनरेट हुआ, उन सभी चीजों का जवाब लोग मोदी में देख रहे हैं. मैं सीटों के अंदाज पर जाना नहीं चाहूंगा. चुनाव में देर है. प्रत्याशी भी सभी पार्टियों के घोषित नहीं हुए हैं. मगर मैं इतना पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि यूपी में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है.
यूपी की कौन सी सीट से नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ेंगे.
अमित शाह – नरेंद्र मोदी ने कहां से चुनाव लड़ना है वो अभी तय नहीं हुआ है. मोदी ने कभी अपनी सीट अपने आप तय नहीं की है. ये पार्टी तय करेगी.
आप लोगे चैलेंज. आप लड़ोगे यूपी से.
अमित शाह – मेरा लड़ना, न लड़ना बहुत देर की बात है. अभी तो मुझे यूपी का संगठन ठीक करना है.
इतने सारे बीजेपी में शर्ष नेता हैं. कई यूपी से आते हैं. तो ये जिम्मेदारी आप ही को क्यों दी गई. सबसे बड़ा चैलेंज अमित शाह को ही क्यों दिया गया?
अमित शाह – मैंने भी बहुत सोचा, लेकिन मेरे पास समय की बहुलता है, इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं लगता.
चलिए, जहां एक तरफ अमित शाह उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं वहीं एक ओर अमित शाह का एक इतिहास भी है. एक ऐसा इतिहास जिसमें आप पर चार्जशीट है. आप पर बहुत संगीन मुकदमें हैं. चर्चा यह हो रही है कि दूसरी इशरत चार्जशीट में आपका नाम हो सकता है. आपको चिंता है कॅरियर की?
अमित शाह - देखिए, चिंता मुझे जरा भी नहीं है क्योंकि मैं नहीं मानता कि मेरे कारण यूपी का काम रुकेगा. यूपी में लाखों कार्यकर्ता हैं. सबने एक साथ मिलकर एक माहौल बनाया है और अब इसे कोई रोक नहीं सकता. जहां तक मुझ पर आरोपों का जो सवाल है, ये जो फर्जी चार्जशीट मुझपर दाखिल की गई है सीबीआई के द्वारा, उससे पहले मुझपर एक भी मुकदमा मेरे 49 साल के जीवन में कभी दायर नहीं हुआ. ये पहली चार्जशीट हुई है, वो भी एक एंकांउटर की हुई है, एक एंटी-नेशनल के एंकांउटर की हुई है. और मैं दावे से कहता हूं कि ये फर्जी चार्जशीट है और हाईकोर्ट ने भी उसको स्वीकार किया है कि कोई प्राइमाफेसी केस नहीं है, इसलिए मेरा बेल दिया है और उसी फैक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐक्सेप्ट किया है कि कोई प्राइमाफेसाई केस नहीं बनता है.
अभी तो आपको सिर्फ बेल मिली है. चार्जशीट अगर होती है, तो कोर्ट को अलग से तय करना होगा कि...
अमित शाह - बेल के जजमेंट के अंदर लिखा है कि सीबीआई के लॉयर कोई प्राइमाफसाई केस कोर्ट के सामने नहीं रख सके, इसलिए हम बेल देते हैं.
डीजी बंजारा को आप बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. आपके साथ उन्होंने बहुत दिनों तक काम किया है. उन्होंने चिट्ठी लिखी, जिसमें लिखा कि जो भी फेक एंकांउटर कि पालिसी थी गुजरात की वो सारे के सारे अमित शाह की जानकारी में थे.
अमित शाह - देखिए दो बातें हैं, एक तो बंजारा ने अपनी चिट्ठी में लिखा ही नहीं कि ये फेक एंकांउटर्स थे. उन्होंने एंकांउटर्स लिखा है. और जहां तक पॉलिसी का सवाल था, गुजरात सरकार की पॉलिसी वेबसाईट पर रखी हुई है. हर पुलिस स्टेशन में उपलब्ध है. हर पुलिसकर्मी सीआरपीसी के हिसाब से काम करे ये गुजरात सरकार कि पॉलिसी है.
अब आपने अपनी बात कही. आप गृहमंत्री थे, बंजारा एंकांउटर स्पेशलिस्ट थे. जब बंजारा एंकांउटर स्पेशलिस्ट नहीं रहे और ये बातें निकल कर आईं, तो क्या उसके बाद लश्कर-ए-तयबा ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधना बंद कर दिया क्या?
अमित शाह - आपको मालूम नहीं, इसके बाद भी थ्रेट परसेप्शन है. इसके बाद भी इसी तरह के आईबी इनपुट आए. इसके बाद आज भी सेंट्रल आईबी थ्रेट परसेप्शन भेज रही है. आज भी देशभर में लश्कर हो या कोई भी जिहादी संगठन उसका सबसे बड़ा निशाना कोई अगर है तो वो नरेंद्र मोदी हैं.
क्योंकि माना ये गया कि थोड़ा नेशनल इमेज देना चाहते थे कि वो थोड़े कट्टर हैं, आतंकियों के खिलाफ लड़ेंगे, इसलिए आपने इन बिचारे लोगों को मरवा दिया. ऐसा आपके प्रतिद्वंदियों का कहना है?
अमित शाह - इमेज बनाने के लिए कोई एंकांउटर की जरूरत नहीं थी, ये आप लोगों ने ऐसे ही बना दिया.
जांच के डाईरेक्शन सुप्रीम कोर्ट से आ रहे हैं?
अमित शाह - ये जांच ही राजनीतिक है. सुप्रीम कोर्ट का डायरेक्शन सच्ची जांच करने का है लेकिन जांच पॉलीटिकल होती है, और अगर इसी तरह से जांच हो तो देश का एक भी राजनेता जेल में जाने से नहीं बचेगा.
लोग कहते हैं कि अगर कोई नरेंद्र मोदी की कमजोर कड़ी बन सकता है तो वो अमित शाह हैं?
अमित शाह - ये समय बताएगा कि मजबूत या कमजोर कड़ी बनेगा.
आपको नहीं लगता कि मोदी ने एक बहुत बड़ा रिश्क लिया, आपको प्रोजेक्ट करके. ये जानते हुए कि आप पर किस तरह के चार्जेज हैं?
अमित शाह - देखिए पहले भी सोहराबुद्दीन का मुद्दा बनाया, उसके बाद में गुजरात के चुनाव हुए, स्थानीय निकोयों के चुनाव हुए, जनता ने ये बात नहीं मानी. कुछ भी गलत करेंगे तो वो उन पर बूमरैंग कर जाएगी.
बात आपके मिशन 272 की. यूपी में देख रहे हैं कि कुछ स्पार्क है, बिहार में चर्चा हो रही है, लेकिन अब भी कई सारी पॉलीटिकल पार्टियां ऐसी हैं जो कि नरेंद्र मोदी से वास्ता नहीं रखना चाहतीं?
अमित शाह - जब पहले भी अटल जी की सरकार बनी थी, जब हमारे पास बहुमत कम था, तब कोई भी हमारे साथ नहीं था. जैसे ही हम 180 क्रॉस कर गए सब हमारे साथ आ गए. हिन्दुस्तान के इतिहास में 180 का आंकड़ा जादुई आंकड़ा है, जो 180 क्रॉस करता है वो एक अच्छा आंकड़ा है. 180 जो क्रॉस नहीं कर सकते, लोग उनके साथ नहीं जाना चाहते. कोई अपने पत्ते चुनाव से पहले स्वभाविक रूप से नहीं खोलता है.
क्योंकि उत्तर और पश्चिम भारत से हम नीचे जाते हैं तो कुछ अनटचेब्लिटी है मोदी के लिए. कहा जाता है कि जयललिता जी से उनके अच्छे रिश्ते हैं, वो दो दफा चेन्नई चले जाते हैं. लेकिन जयललिता नहीं मिलीं?
अमित शाह - ये गलत बात है...
दिल्ली में आप लोगों ने बहुत कबाड़ा कर दिया. जिस तरह से लड़ाई चल रही है. हर्षवर्धन, विजय गोयल ये तो बहुत शर्मनाक है?
अमित शाह - देखिए डिवाइड हाउस आपको दिख रहा है. मुझे नहीं दिख रहा है. बीजेपी शब्द को जब प्रयोग करते हैं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ कार्यकर्ता तक सभी आते हैं. एक झगड़ा जो आपको दिखाई दे रहा है वो नेता तय होने तक आपको दिखाई देगा. विजय गोयल का एक स्पांटेनियस रिएक्शन हो सकता है, मगर हमारी पार्टी में नेता तय होने के बाद कभी ऐसा नहीं होता. हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे. आप देखिएगा, नेता तय होने के बाद आपको कोई डिवाइड नहीं दिखेगा.
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एनडी तिवारी नहीं उनके बेटे हुए हैं बीजेपी में शामिल: सूत्र
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पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों की बढ़ी सक्रियता के बीच नेताओं का एक पार्टी से दूसरे पार्टी में जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गए. अमित शाह की मौजूदगी में उन्होंने दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता स्वीकार की.
नारायण दत्त तिवारी के साथ उनके बेटे रोहित शेखर भी बीजेपी में शामिल हुए. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. राज्य के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा समेत 9 कांग्रेस एमएलए भी बीजेपी में शामिल हो गए थे.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एनडी तिवारी बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं. उनके बेटे रोहित शेखर बीजेपी में शामिल हुए हैं. एनडी तिवारी ने कहा है कि उनका समर्थन बीजेपी को रहेगा. संभावना है कि रोहित शेखर को हलद्वानी सीट से बीजेपी का टिकट दिया जाए.
तीन साल पहले रोहित शेखर को एनडी तिवारी ने स्वीकारा था बेटा
तीन साल पहले दिल्ली हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद एनडी तिवारी ने शेखर को बेटा स्वीकारा था. हाईकोर्ट ने कहा था कि शेखर तिवारी का बायोलॉजिकल बेटा है. बता दें कि इसके लिए 2013 में शेखर ने एक पैटरनिटी सूट कोर्ट में दायर किया था. इसमें दावा किया गया था कि रोहित के बायोलॉजिकल पेरेंट्स नारायणदत्त और उज्ज्वला शर्मा हैं. शुरुआत में डीएनए टेस्ट से इनकार करने के बाद तिवारी इसके लिए तैयार हो गए थे. हालांकि, जब टेस्ट हुआ तो रिजल्ट में शेखर के पक्ष में आया था.
उत्तराखंड में बीजेपी की बढ़ रही है हैसियत
एक हफ्ते के भीतर उत्तराखंड में बीजेपी में अपनी गतिविधियों में तेजी दिखाई है. यशपाल आर्य के बाद एनडी तिवारी भी बीजेपी में आ गए हैं. वहीं, उत्तराखंड में टिकट कटने से नाराज बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
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HUL ने किया 383 करोड़ का घपला, ऐसे हुआ आपको नुकसान
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मल्टीनेशनल कंपनी यूनिलीवर की भारतीय इकाई हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) की वजह से आपको 383 करोड़ रुपये का फायदा नहीं मिल सका है. यह खुलासा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण (NAA) ने किया है. प्राधिकरण के मुताबिक एचयूएल ने 383 करोड़ रुपये की कर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचाया है.
दरअसल, कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जिन पर जीएसटी की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई हैं लेकिन हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने प्रोडक्ट्स के अधिकतम खुदरा मूल्य में कटौती नहीं की. कर कटौती की यह रकम करीब 383.35 करोड़ रुपये है. इसका मतलब ये हुआ कि 383.35 करोड़ की कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिला है.
जीएसटी नियमों के अनुसार, कंपनी को 50 फीसदी राशि यानी 191.68 करोड़ रुपये केंद्रीय उपभोक्ता कोष में जमा करना होगा. शेष राशि कंपनी को उन राज्यों के उपभोक्ता कोष में जमा करानी होगी, जहां कंपनी ने उत्पादों की बिक्री की थी.
बता दें कि 1 जुलाई 2017 को वन नेशन, वन टैक्स जीएसटी पूरे देश में लागू हुआ था. इस टैक्स प्रणाली के स्लैब 0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी हैं. जीएसटी लागू होने के बाद काउंसिल ने लगातार टैक्स स्लैब में बदलावा किए हैं. ऐसे में कई बड़े प्रोडक्ट जिन पर 28 फीसदी का टैक्स लगता था उन्हें 5, 12 या 18 फीसदी के स्लैब में लाया गया. वहीं सबसे उच्च 28 फीसदी का स्लैब है जिसमें लग्जरी प्रोडक्ट आते हैं.
जीएसटी के एक स्टैंडर्ड टैक्स स्लैब के संकेत
हाल ही में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देश में जीएसटी के एक स्टैंडर्ड टैक्स स्लैब के संकेत दिए थे. जेटली ने 'जीएसटी के 18 महीने' शीर्षक का ब्लॉग लिखकर कहा था कि भविष्य के रोडमैप के तौर पर 12% और 18% की 2 स्टैंडर्ड रेट की जगह एक सिंगल स्टैंडर्ड रेट को लागू करने की दिशा में काम किया जा सकता है. जेटली के इस संकेत का मतलब ये हुआ कि नया रेट दोनों यानी 12 फीसदी और 18 फीसदी के बीच का होगा.
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सिख प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट राजमार्ग जाम किया
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दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में बीते हफ्ते एक सिख युवक के साथ र्दुव्यवहार करने वालों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए समुदाय के लोगों ने आज प्रदर्शन किया और कठुआ जिले में जम्मू पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया.
बीते बुधवार को इस अधार्मिक कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई में विफलता का आरोप जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार पर लगाते हुए सिख समुदाय के 300 से अधिक सदस्यों ने यहां से 75 किलोमीटर दूर राजबाग में राजमार्ग जाम किया.
दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाये और पुलिस तथा सरकार विरोधी नारे लगाये. प्रदर्शनकारियों ने घाटी में सिखों के निवास स्थानों के आसपास सुरक्षाकर्मियों की तैनाती किए जाने और प्रकरण की जांच की मांग की.
राजमार्ग के जाम रहने के कारण यहां 1000 से अधिक वाहनों का जाम लग गया था. समुदाय के लोगों ने चेतावनी दी कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करने में विफल रहती है. तो वे अपना आंदोलन तेज कर देंगे.
उमर अब्दुल्ला ने सिख समुदाय के नेताओं के समूह से वादा किया कि इस घटना में लिप्त लोगों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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Xiaomi के इस पॉपुलर स्मार्टफोन की सेल आज, यहां से खरीदें
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Xiaomi का पॉपुलर स्मार्टफोन Redmi Note 5 Pro स्मार्टफोन आज दोपहर 12 बजे से सेल में मौजूद रहेगा. ग्राहक इसे फ्लिपकार्ट से खरीद सकते हैं. सेल में ग्राहकों को (ब्लैक, गोल्ड, रोज गोल्ड और लेक ब्लू) सारे कलर ऑप्शन मिलेंगे. Redmi Note 5 Pro, की शुरुआती कीमत 13,999 रुपये है.
स्पेसिफिकेशन्स
Redmi Note 5 Pro में 5.99 की फुल एचडी प्लस डिस्प्ले दी गई है और इसका ऐस्पेक्ट रेश्यो 18:9 का है. मेमोरी की बात करें तो इसमें अलग अलग वेरिएंट में अलग मेमोरी ऑप्शन है. 3GB रैम के साथ 32GB मेमोरी,
4GB रैम
के साथ 64GB की मेमोरी जबकि 6GB रैम के साथ भी 64GB मेमोरी का ऑप्शन है. इस स्मार्टफोन में क्वॉल्कॉम स्नैपड्रैगन 636 प्रोसेसर दिया गया है जिसकी मैक्स स्पीड 1.8GHz है.
Redmi Note 5 Pro में क्वॉल्कॉम स्नैपड्रैगन 636 ऑक्टाकोर प्रोसेसर दिया गया है जो 600 सीरीज का लेटेस्ट है. इस चिपसेट में Kryo टेक्नोलॉजी दी गई है जो आम तौर पर 800 सीरीज में दी जाती है जिसे हाई एंड स्मार्टफोन में लगाया जाता है.
फोटोग्राफी की बात करें तो Redmi Note 5 Pro में डुअल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है जो देखने में
iPhone X
जैसा ही लगता है. इसमें एक लेंस 12 मेगापिक्सल का है जिसका अपर्चर f/2.2 है जबकि दूसरा लेंस 5 मेगापिक्सल का है और इसका अपर्चर f/2.0 है. आप इससे 30 फ्रेम प्रति सेकंड से फुल एचडी वीडियो भी रिकॉर्ड कर सकते हैं. सेल्फी के लिए इस स्मार्टफोन में 20 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है. सेल्फी के लिए भी डेडिकेटेड फ्लैश भी दिया गया है.
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यौन उत्पीड़न मामलों से जुड़े सवाल पर ये क्या बोल गए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर उनके मंत्रालय की ओर से दिए गए आदेश पर सवाल किया गया तो उन्होंने अजब जवाब दिया. उनसे पूछा गया था कि एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट से यौन उत्पीड़न की शिकायतें सबसे ज्यादा (कुल 15) क्यों आईं? इस पर डॉ सिंह ने कहा कि वो नहीं जानते कि एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट से इतनी शिकायतें आने की वजह क्या है लेकिन इतना निश्चित है कि इसका एटॉमिक एनर्जी से कोई लेनादेना नहीं होगा. और ना ही उस जगह पर ज्यादा एटॉमिक एनर्जी बह रही होगी.
डॉ सिंह प्रभारी मंत्री के नाते कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय को लेकर साल के अंत में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
कार्यस्थलों पर
यौन उत्पीड़न
की शिकायतें कम दर्ज किए जाने संबंधी सवाल पर डॉ सिंह ने कहा, 'हम नोडल मंत्रालय हैं, हम कानून बनाते हैं और दूसरे मंत्रालयों को उसे लागू करने के लिए कहते हैं. दूसरे मंत्रालय इसे लागू करते हैं. हमने यौन उत्पीड़न कानून को ज्यादा कारगर बनाने के लिए पूरी कोशिश की है.'
डॉ सिंह ने कहा कि वो इस पर सहमत हैं और मंत्रालयों से कहेंगे की वो ऐसे मामलों को रिपोर्ट करें. यहां तक तो सब सही था लेकिन जब डॉ सिंह से पूछा गया कि आठ मंत्रालयों ने ऐसे मामलों को रिपोर्ट किया है लेकिन उनमें सबसे ज्यादा मामले
एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट
से क्यों आए तो डॉ सिंह ने विचित्र जवाब दिया.
डॉ सिंह ने कहा, 'हम देखेंगे कि अगर वहां से सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं तो ऐसा क्यों है. मैं इतना निश्चित हूं कि इसका एटॉमिक एनर्जी से कोई लेनादेना नहीं है. ना ही उस जगह पर अधिक एटॉमिक एनर्जी बह रही होगी. लेकिन निश्चित रूप से ये जानना हमारा कर्तव्य है कि ऐसा क्यों है. ऐसा किसी भी मंत्रालय के साथ हो, हम ऐसा ही करेंगे.'
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने माना कि कई मंत्रालय है जो अपनी सालाना रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न के मामलों को रिपोर्ट नहीं करते. सचिव ने कहा कि हम इस मामले को देखेंगे, महिला और
बाल कल्याण मंत्रालय
भी इसे देख रहा है. कुछ दिन पहले सरकार ने कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न पीड़ितों को संरक्षण देने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए थे.
शिकायतों की जांच पूरी होने की समयसीमा 30 दिन
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक केंद्र ने ऐसी शिकायतों पर जांच पूरी करने की समयसीमा को घटा कर 30 दिन कर दिया है.
पीड़ितों को संरक्षण
विभागों को ये भी आदेश दिया गया है कि वो सुनिश्चित करे कि किसी भी शिकायतकर्ता को प्रताड़ित ना किया जाए. साथ ही जो शिकायतें सही पाई जाएं उन मामलों में शिकायत करने वाली महिलाओं का समुचित ध्यान रखा जाए. ऐसा पांच वर्ष के लिए किया जाए जिससे कि बदले की कार्रवाई की संभावना को खत्म किया जा सके.
महिला और बाल विकास मंत्रालय का दखल
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न
रोकने के लिए बने कानून के मुताबिक जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट 90 दिन में देनी होती है. इसे घटाकर 30 दिन करने की कोशिश महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी के दखल के बाद शुरू हुई. मेनका गांधी ने यौन उत्पीड़न मामलों की जांच जिस तरीके से लटकी रहती हैं, उस पर नाराजगी जताई थी. बीते अक्टूबर में मेनका गाधी ने वादा किया था कि ऐसी शिकायतों को समयबद्ध और संवेदनशील ढंग से डील किया जाएगा.
आरोपी के तहत पोस्टिंग नहीं
केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने इस दिशा में एक कदम और उठाया. विभाग के निदेशक मुकेश चतुर्वेदी की ओर से जारी नोट में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता की पोस्टिंग उस व्यक्ति के मातहत नहीं की जाएगी जिसके खिलाफ शिकायत है. ऐसे किसी भी व्यक्ति के तहत पोस्टिंग नहीं होगी जहां उत्पीड़न के अंदेशे की तार्किक वजह मौजूद हो.
नोट में ये भी कहा गया है कि किसी भी उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता की ओर से सीधे मंत्रालय के सचिव के सामने अपनी बात रखी जा सकती है. ऐसे मामलों को संवेदनशीलता से देखा जाएगा. साथ ही फैसला भी 15 दिन में लिया जाएगा.
यौन उत्पीड़न मामलों की कम रिपोर्टिंग
यहां ये गौर करने लायक है कि अमूमन यौन उत्पीड़न मामलों की कम रिपोर्टिंग होती है. सूत्रों ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में केवल 8 मंत्रालयों ने यौन उत्पीड़न की शिकायतों के आंकड़े दिए. एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट ने सबसे ज्यादा 15 मामलों को रिपोर्ट किया. ऐसे मामलों की पूरी जानकारी और उन पर क्या कार्रवाई की गई, इसका पूरा रिकॉर्ड रखे जाने के साथ उनका उल्लेख मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट में करना जरूरी है.
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राष्ट्रमंडल खेल: दिल्ली पुलिस खरीद रही है विशेष वाहन
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राष्ट्रमंडल खेलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ऐसे विशेष वाहन खरीद है जो कवच युक्त होंगे.
दिल्ली पुलिस एक विशेष कमांडो बल तैयार कर रही है, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन बिना किसी परेशानी के हो जाये.
तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में 71 देशों के एथलीटों को सुरक्षित रखने लिये दिल्ली पुलिस पुख्ता इंतजाम कर रही है.
पुलिस आयुक्त वाई एस डडवाल ने कहा, ‘‘हम तीन ऐसे कवच युक्त वाहन खरीद रहे हैं. पुलिस के लिये इस तरह के वाहनों का इस्तेमाल पहली बार दिल्ली में किया जायेगा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये वाहन पूरे शहर में घूमेंगे और स्टेडियमों के बाहर भी खड़े होंगे.’’
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नवीन गढ़ पर भारी दस्तक
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दिल्ली में आयोजित 'मै भी चौकीदार' कार्यक्रम में ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के मछुआरे पवित्र परीदा के एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''ओडिशा हिंदुस्तान को सरप्राइज देगा. ओडिशा दूसरा त्रिपुरा बनेगा.'' तो, बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का जवाब देना लाजिमी था. पटनायक ने बड़ी शाइस्तगी से जवाब दिया कि ओडिशा त्रिपुरा नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजद का प्रदर्शन पहले से बेहतर होगा.
दरअसल 2009 में बीजद के राजग से अलग होने के बाद से ही भाजपा ओडिशा में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक उसे कामयाबी नहीं मिली है. 2014 के मोदी लहर में भी बीजद ने कुल 147 विधानसभा सीटें में 117 और 21 लोकसभा सीटें में 20 जीती थी. हालांकि पंचायत चुनावों में पाई कामयाबी और बीजद से टूटकर आए नेताओं की वजह से भाजपा की उम्मीदें 2019 में उफान पर हैं. फरवरी 2017 के पंचायत चुनावों में कुल 853 सीटों में 306 सीटें जीत ली थी, जो 2012 में मिली महज 36 सीटों से आठ गुने से अधिक का इजाफा है.
इसी के मद्देनजर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पार्टी का आधार बढ़ाने की जुगत में जुटे हैं. प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की 2018 से ओडिशा में सभाएं भी बढ़ गई हैं.
इस जनवरी से ही मोदी वहां तीन बार सभाएं कर चुके हैं. इसके विपरीत 19 साल से सत्ता में काबिज मुख्यमंत्री पटनायक कई चुनौतियों से मुकाबिल हैं.
सत्ता विरोधी रुझान भारी है और नवीन बाबू बीजद में दूसरी पांत के नेताओं को आगे लाने में नाकाम रहे हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव बमुश्किल महीने भर दूर हैं और पार्टी के कई दिग्गज भाजपा के पाले में चले गए हैं.
बीजद के दिग्गज नेता, दो बार राज्यसभा तथा दो बार केंद्रपाड़ा से लोकसभा सदस्य रहे बैजयंत पांडा, भद्रक से आठ बार चुनाव जीतने वाले अर्जुन सेठी, नवरंगपुर से सांसद रहे बलभद्र माझी और कंधमाल से लोकसभा सदस्य रहीं प्रत्यूषा राजेश्वरी सिंह ने नवीन का साथ छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली.
यही नहीं, बीजू पटनायक के हमकदम कहे जाने वाले पूर्व मंत्री दामोदर राउत, रघुनाथ महंती, के. नारायणराव, तुषारकांति नायक, पूर्णचंद्र नायक, निरंजन प्रधान जैसे नेता भी भाजपा में चले गए. ये सभी चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने आइएएस से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेकर राजनीति में उतरीं अपराजिता सारंगी को भुवनेश्वर से, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को पुरी से, बलभद्र माझी को नवंरगपुर से, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम को सुंदरगढ़ से, बैजयंत पांडा को केंद्रपाड़ा से और प्रताप सारंगी को बालासोर से उतारा है.
बीजद ने इस चुनौती की काट की रणनीति कुछ अलग अंदाज में अपनाई है. पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 33 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को उतारा है. कुल 21 में सात प्रत्याशी महिला होंगी. यही नहीं, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी 70 लाख महिलाओं की नुमाइंदगी लोकसभा में पक्की करने के लिए आस्का लोकसभा क्षेत्र से प्रमिला बिसोई पर दांव लगाया है. फिर, भुवनेश्वर में भाजपा की पूर्व आइएएस अफसर अपराजिता सारंगी के मुकाबले बीजद ने मुंबई के पुलिस कमिशनर पद से रिटायर हुए आरूप पटनायक को उतारा है. कांग्रेस ने माकपा प्रत्याशी जनार्दन पति को समर्थन दिया है. केंद्रपाड़ा में बैजयंत पांडा के मुकाबले बीजद के ओडिया फिल्मों के सुपरस्टार राज्यसभा सदस्य अनुभव महंती हैं. यहां कांग्रेस ने धरणीधरण नायक पर दांव लगाया है.
नवीन ने मजबूत किलेबंदी की कोशिश की है. पांच राज्यसभा सदस्यों को मैदान में उतारा गया है. कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (किस) के संस्थापक अच्युत सामंत को कंधमाल से टिकट दिया गया है, जो अपने यहां 27,000 आदिवासी बच्चों को केजी से पीजी तक फ्री शिक्षा, छात्रावास मुहैया करा चुके हैं. पार्टी ने प्रसन्न आचार्य को बरगढ़ से उतारा है. बीजद पांचवीं बार सरकार बनाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतने की रणनीति में व्यस्त है. नवीन खुद हिंजली और बिजैपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने पहली चुनावी सभा में कहा था कि बीजद इस बार केंद्र में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा.
भाजपा और कांग्रेस भी केंद्र और राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रही हैं. पिछले एक हफ्ते में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरापुट और कालाहांडी में सभा कर चुके हैं. राहुल गांधी 24 जनवरी से अब तक पांच सभाएं कर चुके हैं.
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि बीजद का 2014 जैसा प्रदर्शन 2019 में नहीं दिखेगा. यह बात बीजद नेतृत्व खुद महसूस कर रहा है. शायद इसीलिए लोकसभा की 21 सीटों में से 17 नए चेहरे उतारे गए हैं और 147 में से 44 विधायकों के टिकट काटे गए. प्रचारतंत्र भी हाइटेक है. आदिवासी सीटों पर विशेष फोकस है. पार्टी के अनुसार, 66 नए चेहरे उतारे गए हैं.
दरअसल सत्ता विरोधी रुझान, शहरी बेरोजगारी, कृषि, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, चिटफंड घोटाले में फंसे लोगों और आरोपियों के पुत्रों को टिकट देने जैसे गंभीर आरोप विपक्ष चुनाव में मुद्दा बना सकता है. इसकी काट के लिए नवीन पटनायक 10,180 करोड़ रु. की कृषक आजिविका सहायता और आमदनी इजाफा (कालिया) योजना के जरिए 32 लाख किसानों और 2,40,000 खेत मजदूरों को लाभ पहुंचाने को गेमचेंजर मान रहे हैं. इसके अलावा, ग्रामीण लोगों, महिलाओं, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं भी हैं. पटनायक इसके अलावा विकास कार्यों और स्थिर सरकार जैसे मुद्दों के प्रभावी होने की उम्मीद करते हैं.
हालांकि राजनीति विश्लेषक के मुताबिक, राज्य में बीजद की सरकार तो बन सकती है पर सीटें कम आएंगी. उसे विधानसभा में 80 से 90 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. यह भी संभव है कि भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरे.
ओडिशा पर भाजपा का फोकस इससे भी समझा जा सकता है कि 2018 से यहां मोदी 14 जनसभाएं और अमित शाह 12 सभाओं को संबोधित कर चुके हैं. मोदी ने हाल में यहां डबल इंजन की बात की, यानी राज्य और केंद्र, दोनों में भाजपा सरकार हो. शाह का सवाल है कि ओडिशा के विकास के लिए केंद्र ने 5.56 लाख करोड़ रुपया दिया है लेकिन यह पैसा गांवों तक क्यों नहीं पहुंचा? उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के संरक्षण में नौकरशाही हाथ साफ कर रही है. भाजपा के प्रदेश प्रभारी महासचिव अरुण सिंह कहते हैं कि ओडिशा के अफसर तो बीजद कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं.
कांग्रेस भी जोर लगा रही है. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ओडिशा में अब तक पांच सभाएं कर चुके हैं. हालांकि 2014 में मुख्य विपक्षी दल रही कांग्रेस के बारे में कयास यही है कि इस बार उसकी लोकसभा सीटें कुछ भले बढ़ें पर विधानसभा में वह नंबर तीन की पार्टी हो सकती है. पार्टी अंतर्कलह से जूझ रही है. प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक दो विधानसभा क्षेत्रों से मैदान में हैं. उनका बेटा बालासोर लोकसभा सीट से लड़ रहा है. जो हो, राज्य में इस बार लड़ाई दिलचस्प है.
सियासी सूरमा
नवीन पटनायक बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष, लगातार चार बार के मुख्यमंत्री पांचवीं बार अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए कड़ी चुनौती से मुकाबिल हैं. 2014 में कुल 21 संसदीय सीटों में 20 सीटें जीतने का रिकॉर्ड कायम कर चुके बीजद के सामने इस बार भाजपा से कड़ी चुनौती मिल रही है
धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा में भाजपा के चेहरे, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री पर पार्टी को मजबूत आधार दिलाने का दरोमदार. पार्टी ने जनाधार व्यापक करने के लिए बीजद से टूटे नेताओं को मैदान में उतारा और उसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
निरंजन पटनायक ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष के सामने पार्टी के बिखरते जनाधार को समेटने और राज्य में अपनी पुरानी स्थिति बहाल करने की चुनौती. बीजद सरकार के खिलाफ रुझान का लाभ लेने के लिए पार्टी का फोकस बढ़ा.
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assam SEBA Result 2019: असम बोर्ड 10वीं का कम्पार्टमेंट रिजल्ट जारी, यहां करें चेक
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assam class 10th compartment result 2019 असम बोर्ड का दसवीं का कम्पार्टमेंटल परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है. असम बोर्ड (SEBA) 10वीं कम्पार्टमेंटल परीक्षा देने वाले स्टूडेंट अपना रिजल्ट sebaonline.org पर चेक कर सकते हैं. बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट resultsassam.nic.in अपनी मार्कशीट भी देख सकते हैं.
बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजूकेशन असम (SEBA) गुवाहाटी ने मंगलवार 30 जुलाई को 10वीं कंपार्टममेंट परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है. इससे पहले 10वीं कक्षा की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट 15 मई को आया था. इस मेन एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स ने कई विषयों की दोबारा से कम्पार्टमेंट परीक्षा दी थी, इसका रिजल्ट जारी कर दिया गया है.
असम बोर्ड की वार्षिक परीक्षा में 3,42,691 बैठे थे इनमें से 48,599 छात्रों ने प्रथम श्रेणी में पास किया था. इसके अलावा 71 हजार के करीब स्टूडेंट द्वितीय श्रेणी में पास हुए थे. इससे पहले असम बोर्ड से 12वीं का रिजल्ट 2019 को 25 मई 2019 को जारी किया गया था. इस परीक्षा में इस साल कुल 80.57 प्रतिशत पास हुए थे. इस साल परीक्षा के लिए कुल 2,42,954 छात्रों ने हिस्सा लिया था.
इन पांच स्टेप में करें चेक
स्टेप 1: सबसे पहले असम बोर्ड की आधिकारिक साइट sebaonline.org पर जाएं.
स्टेप 2: होमपेज पर दिख रहे कंपार्टमेंटल परीक्षा रिजल्ट 2019 के लिंक पर क्लिक करें.
स्टेप 3: यहां एक नया पेज खुलेगा जहां छात्रों को लॉगिन आईडी और पासवर्ड देना है
स्टेप 4: लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालने के बाद सबमिट पर क्लिक करते ही आपका रिजल्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा.
स्टेप 5: यहां आप अपने रिजल्ट को चेक करें और इसका प्रिंटआउट निकाल लें.
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CM अमरिंदर का ऐलान- अब स्वर्ण मंदिर के लंगर पर स्टेट GST नहीं
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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा में मांग उठाए जाने के बाद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रसिद्ध लंगर पर लगने वाले जीएसटी में से स्टेट जीएसटी के शेयर को हटाने का सदन में ऐलान कर दिया है.
साथ ही कांग्रेस विधायकों ने अकाली दल से कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के माध्यम से केंद्र सरकार से भी अपने हिस्से का आधा जीएसटी जो लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर से हटाने का दबाव बनाना चाहिए. अगर केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया तो अकाली दल को केंद्र सरकार से अलग हो जाना चाहिए. इस लिहाज से हरसिमरत कौर बादल को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा भी दे देना चाहिए.
We’ve also decided to waive off the GST on Langar/Prasad at Durgiana Mandir and Ram Tirath temple. I’ve further asked officials to work out modalities for similar waiver for revered shrines of other communities.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder)
March 21, 2018
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सदन में एक और ऐलान किया है जिसमें उन्होंने स्वर्ण मंदिर के साथ ही अमृतसर के दुर्ग्याणा मंदिर, रामतीर्थ, मलेरकोटला में मुस्लिम समुदाय और ईसाई धर्म से जुड़े एक और स्थान पर भी लंगर के लिए खरीदे जाने वाले सामान पर लगने वाले स्टेट जीएसटी को ना लेने को कहा है.
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हरियाणा: 5 युवकों ने नाबालिग से किया गैंगरेप, जहर देकर मारा
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हरियाणा के फतेहाबाद क्षेत्र के एक गांव में 5 युवकों ने 10वीं की एक छात्रा को अपनी हवस का शिकार बना डाला. गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने पीड़िता को जहरीला पदार्थ खिला दिया. इसके बाद पीड़िता की मौत हो गई. हालांकि मरने से पहले छात्रा ने आपबीती अपने पिता को बता दी.
पीड़िता की पिता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने गांव के दो युवकों को नामजद करते हुए 6 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो कानून सहित संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. इस मामले के खुलासे के बाद एक आरोपी ने कीटनाशक पी लिया, जिसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
पुलिस ने बताया कि 15 साल की नाबालिग पीड़िता के पिता ने बताया कि वह सुबह गैस सिलेंडर लेने के लिए गया था. उसकी पत्नी खेत में पशुओं के लिए चारा लेने गई हुई थी. इसी समय मौका देखकर आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया है. आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
बताते चलें कि हरियाणा के ही यमुनानगर में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के बेलगढ़ स्थित घोड़ा फार्म पर 6 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या मामले में मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी देवी (40) राजस्थान के जैसलमेर का रहने वाला है. वह पूर्व मंत्री के घोड़ा फार्म पर ही वेटरनरी सर्जन के पास 11 साल से काम कर रहा था.
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने सनसनीखेज खुलासा किया कि देवी बच्ची के पिता के पास आता-जाता रहता था. इसलिए बच्ची उसे जानती थी. इसी का उसने गलत फायदा उठाया. शनिवार दोपहर को जब बच्ची का पिता नदी पर मछली पकड़ने चला गया, तो बच्ची को पिता से मिलवाने के बहाने आरोपी उसे सुनसान स्थान पर ले गया.
जानकारी के मुताबिक, वहां उसने पहले बच्ची को घोड़े को सुस्त करने वाला एक्सायलाजीन इंजेक्शन लगाया. इससे बच्ची बेहोश हो गई. इसके बाद आरोपी ने उसके साथ करीब 8 घंटे तक तीन बार
रेप
किया. इसी बीच बच्ची को होश आने लगा. इसे देखकर उसने सब्जी काटने वाले चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी.
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बिग बी को भा गई नरेंद्र मोदी की सादगी
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‘‘पा’’ फिल्म के प्रचार प्रसार के लिए गुजरात गए बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन को राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सादगी भा गई और उन्होंने मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए. गुजरात में ‘‘पा’’ को करमुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है.
इस फिल्म में अमिताभ ने प्रोजेरिया बीमारी से ग्रस्त बच्चे की भूमिका निभाई है और उनके पिता के किरदार में हैं अभिषेक बच्चन. मोदी की तारीफ में कसीदे काढ़ते हुए बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा है ‘‘अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के विपरीत वह अपनी केवल मूलभूत जरूरतों को पूरा करते हैं और सादगी पसंद हैं. विकास और प्रगति पर वह दिल से बोलते हैं. नए विचारों का स्वागत करते हैं.
अक्सर वह कहते हैं कि वह एक आम आदमी हैं. इस बात को अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए.’’ अमिताभ के अनुसार, मोदी जो कहते हैं, वह करते भी हैं. मोदी ने पर्यटन के माध्यम से राज्य में जागरुकता फैलाने के बारे में बात की और बिग बी ने इसमें स्वैच्छिक योगदान देने की पेशकश कर डाली. अमिताभ के अनुसार, देश के सर्वाधिक विरासत स्थल गुजरात में हैं.
गुजरात में ही समुद्र में समाई हुई द्वारका नगरी है जिसकी खोज और अनुसंधान चल रहा है. मिट्टी में वास्तुशिल्प के अद्भुद नमूने, स्मारक और पूरे भवन दबे पड़े हैं. कच्छ का रन, ऐतिहासिक सोमनाथ का मंदिर और द्वारका जी गुजरात की ख्याति में चार चांद लगा देते हैं. लेकिन हममे से अधिकतर लोग इस बहुमूल्य विरासत से अनभिज्ञ हैं. मोदी ने ‘‘पा’’ का विशेष प्रदर्शन देखने के लिए अपने पूरे मंत्रिमंडल, सामयिक नौकरशाहों और विधानसभा की महत्वपूर्ण हस्तियों को बुलाया.
अमिताभ ने लिखा है कि फिल्म देखने के बाद सभी ने उसकी सराहना की. एक बार सबने यह भी माना कि राजनीतिज्ञ की अच्छी छवि पेश की गई है. इंटरवल में मोदी ने अमिताभ से कहा ‘‘किसी भी अभिनेता के लिए उसका चेहरा और उसकी आवाज महत्वपूर्ण संपत्ति होती है. आपने फिल्म में इन दोनों पहलुओं के बिना उत्कृष्ट काम किया और दर्शकों तक अभिव्यक्ति देने में सफल हुए. यह महत्वपूर्ण है.’’ बाद में मोदी ने ‘‘साफ सुथरे गांधीनगर’’ आने के लिए अमिताभ का शुक्रिया भी अदा किया.
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जयराम रमेश के बाद अब मणिशंकर अय्यर बोले- हकीकत से आंखें ना चुराए कांग्रेस
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कांग्रेस के अस्तित्व पर संकट को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश की बातों का मणिशंकर अय्यर ने भी समर्थन किया है. इंडिया टुडे से बातचीत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अय्यर ने कहा कि उन्होंने पहले खुद भी ऐसी ही राय व्यक्त की थी.
एक के बाद एक कई मोर्चों पर बीजेपी के हाथों हार झेल रही कांग्रेस को लेकर अय्यर ने कहा, कांग्रेस को हकीकत का सामना करना चाहिए. आज लोकसभा में हमारे पास महज 44 सीटें हैं. पिछले दिनों कई राज्यों में हुए चुनावों में हमारे नाकामयाबी झेलनी पड़ी.
दरअसल वरिष्ठ कांग्रेस नेता
जयराम रमेश
ने पिछले दिनों कहा था कि कांग्रेस अस्तित्व के संकट से गुजर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से मिल रही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पार्टी नेताओं की ओर से समन्वित कोशिश की वकालत की थी.
जयराम रमेश की टिप्पणी पर जब अय्यर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'जयराम जी ने नई सोच, विचार और अभिव्यक्ति को लेकर बातें कही थी, लेकिन उन्होंने हमें यह नहीं बताया कि ये क्या है. शायद कोच्चि से लौटने के बाद वह किसी सुविधाजनक मंच पर अपने ये विचार पेश करें.'
वहीं
कांग्रेस को दोबारा मजबूत
करने को लेकर जब मणिशंकर अय्यर से उनके विचार पूछा गया, तो उन्होंने कहा, कांग्रेस को मजबूत करने के लिए हमें अपनी पुरानी परंपराओं की तरफ लौटना होगा. हमें प्रतिनिधि वाले लोकतंत्र के बजाय भागीदारी वाला लोकतंत्र अपनाना चाहिए.
वहीं गुजरात में हुए राज्यसभा चुनावों को लेकर पूछ गए सवाल पर इस वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, अगर अमित शाह ने वहां 'खेल' नहीं किया होगा, तो यह बस एक रूटीन इलेक्शन होता. अय्यर कहते हैं, 'उन्होंने (शाह ने) सोचा कि इस तरह वह न सिर्फ अपने पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वि अहमद पटेल को खत्म कर देंगे, बल्कि सोनिया गांधी की छवि को भी नुकसान पहुंचाएंगे. हालांकि उन्हें इसमें मूंह की खानी पड़ी.'
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मेजर ने नाजायज संबंध के मामले में कर्नल के खिलाफ पुलिस में की शिकायत
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बिहार पुलिस ने दानापुर सैन्य शिविर के एक कर्नल रैंक के अधिकारी के खिलाफ नाजायज संबंध रखने का केस दर्ज किया है. सेना के डॉक्टर की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है.
पटना के पुलिस अधीक्षक (सदर) एस. डब्ल्यू. लांडे ने बताया कि दानापुर थाने ने कर्नल रवि चन्द्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दानापुर सैन्य छावनी के अस्पताल से जुड़े मेजर बिनोद कुमार ने अपनी शिकायत में कर्नल पर अपनी पत्नी के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया है. महिला सेना की प्री-प्राइमरी स्कूल की हेडमिस्ट्रेस है.
शिकायत बुधवार की रात दर्ज कराई गई और एफआईआर कई धाराओं- 497 (अवैध संबंध रखना), 506 (धमकी देना), 379 (झपटमारी), 34 (अवैध तरीके से बंधक बनाना) आदि के तहत दर्ज की गई है.
लांडे ने बताया कि शिकायत की जांच की जा रही है. झारखंड और बिहार सब एरिया स्टेशन मुख्यालय से जुड़े कर्नल रवि के पास कोबरा प्रमुख का पदभार भी है. कोबरा माओवादियों के खिलाफ लड़ने वाला सैन्य बल है. उन्होंने बताया कि शिकायत करने वाले ने इस बारे में सब एरिया के जनरल ऑफिस कमांडिंग (जीओसी) को भी सूचना दे दी है.
---इनपुट भाषा से
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तेलंगाना डायरीः सुपर स्मार्ट गांव के निवासियों ने पूछा, नेता जी ये बताइये हमारे लिए क्या है प्लान
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सुजीत ठाकुर, वारंगल (तेलंगाना)।
गंगादेविपल्ली गांव, वारंगल जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर है. तेलंगाना में चुनाव प्रचार चरम पर है. लेकिन प्रत्याशी जनसंपर्क करने के लिए इस गांव में नहीं जा रहे हैं. दरअसल यह गांव पहले से ही सुपर स्मार्ट है. बिजली, पानी, स्वच्छता, बुनियादी ढांचे की यहां कोई समस्या नहीं. ऐसे में जब प्रत्याशी यहां आते हैं तो गांव वाले उनसे पूछते हैं कि जनाब पहले हमें बाताइए आप इस गांव के लिए क्या करेंगे. क्या कोई विजन या प्लान है जिससे ये सुपर स्मार्ट गांव इसे ऊपर के दर्जा पा सके. लेकिन इस सवाल का जवाब प्रत्याशियों के पास होता नहीं. गांव के लोग वोट बेचने को तैयार नहीं तो फिर अब प्रत्याशी यहां आकर करें भी तो क्या?
अब जब पैसा देकर वोट के जुगाड़ का रास्ता ही बंद हो गया है तो फिर यहां जाने का मतलब प्रत्याशियों को समझ नहीं आ रहा है. आइए आप को इस गांव की खासियत से रूबरू कराते हैं. 1082 कि आबादी वाले इस गांव में 947 वोटर हैं. मतदान भी 100 फीसदी होना तय है. यह गांव न सिर्फ देश मे बल्कि विदेशों में भी चर्चित है. निर्मल ग्राम, सुपर स्मार्ट गांव जैसा तमगा गांव के पास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 की फरवरी में अपने मन की बात में इसी गांव का जिक्र किया था.
इस गांव के पूर्व सरपंच कुसुम राजमल्ली बताते हैं कि पहले गांव के लोग शराब के नशे में डूबे रहते थे. 1982 में शराब बंदी हुई. तब से गांव में कोई शराब नहीं पीता. धीरे-धीरे और अछी पहल शुरू की गई. हर घर मे शौचालय बनाया गया. सड़कों या गलियों में कूड़ा फेंकने पर पाबंदी है. अगर किसी ने कूड़ा फेंका तो 500 रु. का जुर्माना है. अगर किसी के घर मे आया मेहमान सड़को पर थूकता हुआ पाया गया तो मेजबान पर जुर्माना ठोका जाता है. हर घर मे बिजली है. लगभग 10 साल से. बिजली हमेशा रहे इसके लिए सौर ऊर्जा की व्यवस्था है.
शुद्ध पानी के लिए प्लांट लगे हैं। एक रु. में 20 लीटर पानी हर घर को मिलता है. इससे ज्यादा पानी लेना हो तो 4 रु. प्रति लीटर के हिसाब से मिलात है. शिक्षा 100 फीसदी है. 1995 से 2006 तक गांव के प्रबंधन में सरपंच से समेत सभी पदाधिकारी महिला ही रहीं. फ्रांस, श्रीलंका और नेपाल से लोग यहां आकर यह सीखते हैं कि गांव कैसा होना चाहिए.
पहले बताइये गांव को सुपर से ऊपर ले जाने का प्लान!
लेकिन इस नायाब गांव में वोट मांगने के लिए प्रत्याशी क्यों नही आते हैं? क्या सिर्फ इसलिए कि लोगों ने वोट नहीं बेचने की कसम ले ली है? कुसुम राजमल्ली कहते हैं कि सिर्फ यही वजह नहीं है. कसम लेने से पहले कुछ दलों के लोग यहां आए थे. लेकिन लोगों ने उनसे पूछना शुरू किया कि आप गांव के लिए क्या करेंगे तो उनके पास जबाब नहीं था. पानी, बिजली, सफाई, स्कूल सब है यहां. लोग पूछते हैं कि इस गांव को और शानदार बनाने का कोई विजन है तो प्रत्याशियों के पास कोई उत्तर नहीं होता. ऐसे में जब वोट नहीं बेचने की कसम लोगों ने ले ली तो फिर प्रत्याशियों के लिए यहां आने लायक कुछ बचा भी नहीं.
दो बच्चे ही अच्छे
वैसे चलते-चलते यह जानना भी दिलचस्प होगा कि, इस गांव में साधारण किसान परिवार रहते हैं. गुजारा खेती-बाड़ी से ही चलता है. 8-10 लोग सरकारी नैकरी में भी हैं, लेकिन किसी बड़े ओहदे पर नहीं. गांव बाले ज्यादा पढ़े लिखे भी नहीं हैं, लेकिन 2 बच्चों से अधिक बच्चे नहीं पैदा करने का नियम खुद गांव बालों ने बना रखा है. अगर तीसरा बच्चा हो गया तो क्या? ठहाका लगाते हुए कुसुम कहते हैं,' अगर पहले बच्चे के बाद, दूसरी बार जुड़वा बच्चा हो गया तो भगवान की मर्ज़ी. नहीं तो 2 से ज्यादा बच्चे का विचार गांव में है ही नहीं. ठीक वैसे ही जैसे गांव में सिर्फ एक मंदिर है, ग्राम देवता का, किसी अन्य मंदिर, मस्ज़िद या किसी और धर्म के पूजा स्थल बनने का गांव में न प्लान है ना इसकी मांग. सब अपने घर मे अपने अनुसार पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं.
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39 भारतीयों के सवाल पर सुषमा बोलीं- वो जिंदा हैं कि मारे गए, हमारे पास कोई सबूत नहीं हैं
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इराक के मोसुल शहर से आईएसआईएस द्वारा अगवा किए 39 भारतीय कहां हैं? इस मुद्दे पर देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बयान दिया.
पढ़ें... क्या 39 भारतीयों को ISIS ने मार डाला?
विपक्ष के सवालों पर जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि ये ना कहें कि वे लोग मार दिए गए हैं. ये कहें कि लोगों के मारे जाने की खबर है. पर तथ्य मेरे पास हैं. अभी भी तलाश जारी है. मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं है, ना ही उनके जिंदा होने के और ना ही उनके मारे जाने के. क्योंकि हमारे सूत्रों ने बताया है कि वो लोग जिंदा हैं. अगवा किए गए भारतीयों से कोई सीधा संपर्क तो नहीं है, पर इन सूत्रों के जरिए जानकारी मिल रही है. हमारी सरकार ने उन्हें तलाशने के लिए दिन-रात एक कर दिए हैं.
सुषमा स्वराज का बयान...
सार्क सम्मलेन से लौटने के बाद मैंने देखा कि एक समाचार चैनल पर 39 भारतीय कहां हैं? नाम से एक रिपोर्ट दिखाई जा रही है. मैं बता दूं कि यही स्टोरी पिछले पांच महीने में 10 बार दिखाई गई है. कुछ अखबारों ने इस दौरान छापा भी. मैं इस दौरान अगवा किए गए भारतीय के परिवार के सदस्यों से मिली हुईं हूं, वो भी कम से कम 5 बार. भारतीय नागरिक मारे गए, ऐसा दावा करने का सिर्फ एक मात्र सोर्स है...वो है हरजीत. ये वो व्यक्ित है जो वहां से निकल भागा. वह पहले दिन से यही दावा कर रहा है कि उसके साथियों को आईएसआईएस के आतंकियों ने गोली मार दी. उसकी कहानी में बहुत विरोधाभास है. इस कहानी के सामने आने के बाद हमारे पास दो विकल्प थे. या तो इसे पूरी तरह से सच मान लिया जाए और सभी अगवा लोगों को मृत घोषित कर दिया जाए. और तलाश बंद कर दें. दूसरा विकल्प ये था कि विरोधाभासों के चलते उसकी बातों पर विश्वास ना करें और तलाश जारी रखें. बुद्धिमता का भी यही तकाजा था कि उसके बयान को अस्वीकार करते हुए तलाश करते रहें. आज मैं फिर से कह रही हूं कि इन अगवा लोगों को तलाशने के लिए हमनें हर उस देश से संपर्क साधा जिनसे मदद की उम्मीद की जा सकती थी. सिर्फ विदेश मंत्रियों से ही नहीं कई राष्ट्राध्यक्षों से भी बात की. हर उस संस्था या वयक्ति से संपर्क साधा जिससे मदद मिलने की संभावना था. ऐसा करने से एक फायदा हुआ कि हमें 6 ऐसे सूत्र मिले, जिन्होंने बताया कि भारतीय मारे नहीं गए. ये संदेश मौखिक नहीं हैं, बल्कि लिखित मिले हैं. क्योंकि ये संदेश गोपनीय हैं इसलिए सबको नहीं दिखा सकती. हमारी सरकार ने अगवा लोगों का पता लगाने के लिए एक अलग अधिकारी इराक भेजा था. रेड क्रिसेंट ने भी अगवा लोगों के जिंदा होने का संदेश दिया था. हमारी सरकार बेहद ही विषम परिस्थितियों में काम कर रही है. हमारे पास हर रोज संदेश आ रहे हैं. कम से कम 6 जगह से जानकारी मिली है कि वो मारे नहीं गए. हम आज भी ठोस सबूत के इंतजार में हैं. हमारा उनसे कोई सीधा संपर्क नहीं है. ये बात मैंने पहले भी कही है. बस हम इतना कह सकते हैं कि वो जिंदा हैं कि फिर मारे गए, हमारे पास इसके कोई सबूत नहीं हैं.
इस मीडिया रिपोर्ट पर मचा बवाल
एक निजी टीवी चैनल ने जानकारी दी कि उन्हें दो बांग्लादेशी मजदूरों ने बताया है कि आतंकियों ने जून के महीने में जिन 40 लोगों को अगवा किया था उसमें से 39 को गोली मार दी गई. इसमें एक मात्र शख्स भागने में कामयाब रहा.
दरअसल, न्यूज चैनल के रिपोर्टर की मुलाकात कुर्दिस्तान की राजधानी इरबिल में शफी और हसन से हुई, जो उस बांग्लादेशी ग्रुप का हिस्सा थे जिन्हें आईएस के आतंकियों ने मोसुल से अगवा कर लिया था. यहीं से 40 भारतीय भी अगवा किए गए थे.
किडनैप करने के बाद पहले आतंकियों ने हर किसी से उनके धर्म के बारे में पूछा. बाद में भरोसा दिलाया कि उन्हें इरबिल ले जाया जाएगा. एक पल के लिए भारतीयों को ऐसा लगने लगा कि वे आतंकियों के चंगुल से बच जाएंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. बाद में आतंकियों ने बांग्लादेशी और भारतीय नागरिकों को अलग-अलग कर दिया गया.
कुछ दिनों बाद आतंकियों की चंगुल से बच निकलने वाले हरजीत की मुलाकात बांग्लादेशी मजदूरों से हुई. उसने बताया कि अगवा भारतीयों को आतंकी एक पहाड़ी इलाके में ले गए. 15 जून की बात है कि उसके साथियों को आतंकियों ने गोली मार दी. आतंकियों ने तो उस पर भी गोली चलाई थी, पर वह उसे छू कर निकल गई. उसने आतंकियों के सामने मरने का नाटक किया जिस कारण से वह बच पाया.
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बिंद्रा ने आईओए के निलंबन का किया समर्थन, मंत्रालय के फैसले को सराहा
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पूर्व ओलंपियन अभिनव बिंद्रा ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को निलंबित करने के खेल मंत्रालय के फैसले का आज समर्थन किया और इसे अच्छा कदम बताया. आईओए ने दो दागी प्रशासकों पूर्व अध्यक्षों सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने का फैसला किया था जिसके बाद खेल मंत्रालय ने यह कदम उठाया.
बिंद्रा ने आईओए के फैसले की आलोचना
इससे पहले आईओए के फैसले की कड़ी आलोचना हुई थी क्योंकि दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं. विजय गोयल की अगुआई वाले खेल मंत्रालय ने इसके बाद कल आईओए को निलंबित कर दिया. बिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, ओलंपिक अभियान और विशेषकर भारत में अभियान को स्वायत्ता के पीछे नहीं छिपाया जा सकता.
बीजिंग ओलंपिक में बिंद्रा ने जीता था गोल्ड मेडल
यह सुशासन और नैतिकता का समय है. भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा, भारतीय खेलों में बदलाव सिर्फ बहुमत से होगा. भारत में कानून जरूरी है. भारतीय खेलों और विजय गोयल का आईओए को निलंबित करने का अच्छा कदम. खेल मंत्रालय ने कल कड़ा रूख अपनाते हुए आईओए को तब तक निलंबित कर दिया जब तक कि वे दागी कलमाड़ी और चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने के फैसले को नहीं पलटते. सरकार ने यह कदम उस समय उठाया जब आईओए ने समयसीमा के भीतर उसके कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया.
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अखिलेश की सौतेली मां बोलीं- बहुत हुआ मेरा अपमान, अब मुलायम की भी नहीं सुनूंगी
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यूपी चुनाव के लिए चुनाव प्रचार खत्म होते ही समाजवादी पार्टी के अंदर चल रहा घमासान फिर से खड़ा हो सकता है. इसके संकेत मिले हैं मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के ताजे बयान से. साधना यादव ने कहा है कि अब वे आगे आकर काम करेंगी और चाहती हैं कि उनके बेटे प्रतीक यादव भी राजनीति में आएं. साधना ने खुले तौर पर शिवपाल यादव का पक्ष लिया और कहा कि उनकी कोई गलती नहीं है जबकि अखिलेश यादव को गुमराह किया गया है.
बड़े रोल की तैयारी में साधना यादव
अब तक पर्दे के पीछे ही रहने वाली साधना यादव ने कहा कि अब वो आगे आकर लोगों के लिए काम करेंगी और समाज सेवा से जुड़े कार्य करेंगी. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन ये सब अब जनता के हाथ में है.
शिवपाल पूरी तरह निर्दोष
साधना यादव ने कहा कि नेता जी पार्टी का चेहरा हैं और उन्हें किसी भी कीमत पर दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए था. ये ठीक नहीं है. साधना ने कहा कि मेरी नजर में शिवपाल पूरी तरह निर्दोष हैं. जब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तब रामगोपाल यादव को नेताजी को रोकना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के प्रति मेरा स्नेह है लेकिन मुझे लगता है कि किसी ने उन्हें गुमराह किया है. साधना ने कहा कि मैं अब पीछे नहीं हटूंगी. मेरे लिए सम्मान सबसे पहली चीज है. अतीत में मेरा कई बार अपमान हुआ है लेकिन अब मैं ऐसा नहीं होने दूंगी.
'अब मैं पीछे नहीं हटूंगी'
साधना ने कहा कि मैंने नेताजी से कह दिया है कि . अब मैं आगे आकर काम करूंगी. मैंने नेताजी को बता दिया है कि अब मैं आपकी नहीं सुनूंगी. मुझे कोई पद नहीं चाहिए, सैलरी नहीं चाहिए लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगी.
'अब मैं चुप नहीं रह सकती'
उन्होंने कहा कि अब मैं पीछे नहीं जा सकती. मैंने लंबे समय तक अपमान सहा है लेकिन अब मैं चुप नहीं रह सकती. उन्होंने कहा कि अखिलेश मुझे पूरा सम्मान देते हैं और उन्होंने कभी मेरे खिलाफ कोई अपशब्द नहीं बोला.
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छत्तीसगढ़ चुनाव: सक्ती में कांग्रेस के चरणदास महंत जीते
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का 15 साल का वनवास खत्म हो गया है. कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में जीत हासिल की है और रमन सिंह का लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया है. राज्य की सक्ती सीट से कांग्रेस के चरणदास महंत ने 30046 वोटों से जीत दर्ज की है. यहां कांग्रेस उम्मीदवार को 78058 वोट. वहीं, बीजेपी से मेधाराम साहू को 48012 वोट मिले. चरणदास महंत मुख्यमंत्री की रेस में आगे हैं.
सक्ती विधानसभा सीट पर 2003 में बीजेपी के मेघाराम साहू ने जीत दर्ज की तो 2008 में कांग्रेस की सरोजा राठौर ने जीत का परचम लहराया. इसके बाद 2013 में बीजेपी के डॉ. खिलावन साहू ने कांग्रेस की सरोजा राठौर को शिकस्त देकर विधायक बने.
Election Results 2018 Live Updates: सभी राज्यों के चुनावी नतीजे
2013 के चुनाव परिणाम
बीजेपी के डॉ. खिलावन साहू को 51577 वोट मिले थे.
कांग्रेस की सरोजा राठौर को 42544 वोट मिले थे.
2008 के नतीजे
कांग्रेस की सरोजा राठौर को 47368 वोट मिले थे.
बीजेपी के मेघाराम साहू को 37976 वोट मिले थे.
2003 के चुनाव परिणाम
बीजेपी के मेघाराम साहू को 27680 वोट मिले थे.
कांग्रेस के मनहारन राठौर को 24408 वोट मिले थे.
पांच दशक राजघराने का रहा कब्जा
यह विधानसभा क्षेत्र सक्ती रियासत की कर्मभूमि रही है. यहां के राज परिवार ने आजादी के बाद से लगातार 50 साल तक राज किया है. इस दौरान 1952 के पहले चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर भी निर्दलीय के रूप में लीलाधर सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
Chhattisgarh Election Results Live Updates: देखें नतीजों से जुड़ी हर खबर
इसके बाद से 1998 तक यहां राज परिवार के सदस्य विधायक बनते आए, जिनमें सर्वाधिक कार्यकाल सक्ती राजा सुरेन्द्र बहादुर का रहा. हालांकि इसके बाद 1998 के चुनाव में लवसरा गांव के सरपंच रहे बीजेपी उम्मीदवार मेघाराम साहू से कांग्रेस प्रत्याशी सक्ती राजा को पराजित होना पड़ा. इसके बाद मेघाराम लगातार दो बार विधायक बने.
छत्तीसगढ़ के समीकरण
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में अभी कुल 11 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.
रमन की हैट्रिक
2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इनमें भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.
2008 के मुकाबले बीजेपी को तीन सीटें कम मिली थीं, इसके बावजूद उन्होंने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई. रमन सिंह 2003 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
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तेलंगाना: मुख्यमंत्री केसीआर के पुतले को आग लगाते हुए झुलसे बीजेपी के 4 कार्यकर्ता
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तेलंगाना के वारंगल में एक 9 साल की बच्ची से रेप के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) का पुतला जला रहे बीजेपी के चार कार्यकर्ता आग से झुलस गए, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं.
बीजेपी कार्यकर्ता वारंगल शहर में बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के विरोध में प्रदर्शन करके दोषी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे थे. पार्टी के एक कार्यकर्ता ने जब मुख्यमंत्री के जलते पुतले पर पेट्रोल डाला तो बीजेपी कार्यकर्ता और वारंगल शहर की जिला प्रमुख राव पद्मा के हाथ झुलस गए.
#WATCH
Telangana: 4 BJP workers injured while burning an effigy in Warangal today when the fire raged, after one worker poured petrol on it. They were protesting against state govt over rape of a 9-month-old in the district. They also damaged a police vehicle, cases registered.
pic.twitter.com/GCHXs76Wv4
— ANI (@ANI)
June 24, 2019
वहीं पार्टी कार्यकर्ता श्रीनिवास समेत 3 लोग और आग की चपेट में आए.बीजेपी कार्यकर्ता श्रीनिवास ज्यादा घायल हुए उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पुतला जलाने से पहले प्रदर्शनकारी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की थी. जिसके बाद उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया.
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आतंकियों के लिए PAK आर्मी की 'शॉपिंग', चीन से खरीदे रॉकेट-ग्रेनेड-सर्विलांस सिस्टम
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पाकिस्तान दुनिया के सामने कितना ही कहे कि वह आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. लेकिन पाकिस्तान का आतंकी प्रेम हर कोई जानता है. अब पाकिस्तान ने इन्हीं आतंकियों के लिए हथियारों की शॉपिंग की है. इसमें चीन से करीब 2496 ग्राउंड बेस्ड लॉन्चर खरीदें गए हैं. साथ ही कई अन्य खतरनाक हथियारों की भी खरीदारी की गई है.
खूफिया सूत्रों की मानें तो ये वहीं लॉन्चर हैं जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत की ओस ग्रेनेड, रॉकेट दागने में करता है. साथ ही LoC पर आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए ISI और पाकिस्तानी सेना इनका इस्तेमाल करती है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान PoK में आतंकी लॉन्चिंग पैड और बॉर्डर आउट पोस्ट लगाने की तैयारी कर रहा है.
आजतक के हाथों पाकिस्तान की आतंकी शॉपिंग की पूरी लिस्ट है. पढ़ें पाकिस्तान ने अपने दोस्त चीन से आतंकियों के लिए क्या खरीदा है...
- 2496 ग्राउंड बेस्ड लॉन्चर
- 15 UAV (WING LOONG) इन ड्रोन्स को
चाइनीज किलर ड्रोन
भी कहा जाता है. सूत्रों की मानें तो इस ड्रोन के जरिए आतंकियों के लिए घुसपैठ के नए रास्तों और भारतीय सुरक्षा बलों पर नजर बनाए रखने का प्लान है.
- पाकिस्तान ने चीन से बड़ी तादाद में सर्विलांस सिस्टम भी खरीदे हैं. इन सर्विलांस का उपयोग पीओके के जियारत टॉप और चिलियारा में इस्तेमाल किया जा रहा है. पाकिस्तानी सेना इसके द्वारा भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर गढ़ाए हुए है.
- पाकिस्तान ने अपनी नेवी के लिए 054AP "फ्रिगेट"(Frigate) भी खरीदा है. यह एक खतरनाक लड़ाकू पानी का जहाज है, इससे लेज़र गाइडेड एयर टू सर्फेस मिसाइल आसानी से दागी जा सकती है. इसका इस्तेमाल राजस्थान से सटे बॉर्डर पर जैसलमेर के आस-पास किया जा सकता है.
पाकिस्तान का बड़ा प्लान आतंकी हाफिज सईद की रिहाई के बाद सामने आया है. सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाके में पाकिस्तान ने 13 आतंकी लॉन्चिंग पैड बनाए हुए हैं. पाकिस्तानी सेना इन हथियारों के जरिए भारतीय सेना पर BAT अटैक करने की तैयारी कर रही है.
आजतक को मिली एक्सक्लूज़िव जानकारी के मुताबिक़ पाक सर्विलांस इक्विपमेंट no ..UC. 8451****0/G-NOM को जैसलमेर वाले इलाके में सीमापार पाकिस्तानी आर्मी, पाक रेंजर्स की मदद से लगाया गया है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाक की इस तरीके खतरनाक हथियारों, सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन और समुद्री लड़ाकू जहाज खरीदने को लेकर चिंता जताई है.
इन हथियारों के अलावा आर्मी ने" हांगकांग" की एक कंपनी से अपनी आर्मी के लिए सर्दियों में इस्तेमाल करने वाले कपड़े खरीदे हैं. ख़ुफ़िया जानकारी के मुताबिक़ पाकिस्तान ने हाल ही में Mitten Gloves का एक और ऑर्डर भी दिया है, इससे पहले भारी संख्या में स्पेशल जैकेट, ट्राउजर, हाई एल्टीट्यूट बूट्स, स्लीपिंग बैग्स खरीदे हैं.
ख़ुफ़िया सूत्र ने आज़तक को जानकारी दी है कि पाक आर्मी इस तरीके के हाई एल्टीट्यूट क्लोथ्स हांग कांग की कंपनी से खरीदकर लश्कर और जैश के आतंकियो में बांटता है. जिससे बर्फबारी होने के बाद भी आतंकी घुसपैठ कर सकें.
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किसी से नहीं करेंगे गठबंधन, चुनाव बाद बीएसपी के बिना नहीं बनेगी सरकार: मायावती
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अपने जन्मदिन के मौके पर सावधान रैली को संबोधित करते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया कि बीएसपी पूरे देश में अकेले ही लोकसभा का चुनाव लडे़गी और किसी भी दूसरे राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी. मायावती ने यह भी कहा कि बीएसपी इतनी ज्यादा लोकसभा सीटें जीतेगी कि उसके बिना केंद्र में कोई सरकार नहीं बना पाएगा. बीएसपी की मुखिया अपने अपने राजनीतिक विरोधियों पर भी जमकर बरसीं. बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे परेशान करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में गलत तरीके से फंसाया. परेशान करने के लिए मेरे पीछे सीबीआई लगा दी. पर मैं नहीं डरी. मैं एक स्वाभिमानी लड़की हूं. तय कर लिया था कि चाहे जेल ही क्यों न जाना पड़े, कभी भी इन सांप्रदायिक शक्तियों से हाथ नहीं मिलाऊंगी.'
यूपी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
सूबे की अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'यूपी अब क्राइम प्रदेश बन गया है. चारों तरफ भ्रष्टाचार और लूट का बोलबाला है. सपा ने अपने फायदे के लिए मुजफ्फरनगर में दंगे होने दिए. स्थिति बेकाबू हो चुकी थी. उस वक्त ही राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए था पर केंद्र की कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं किया.'
दलित विरोधी हैं सभी पार्टियां
मायावती ने आरोप लगाया, '2012 में जब विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया, तो हमने आपको बताया कि विरोधी पार्टियों ने अंदर-अंदर मिलकर, एक होकर चुनाव लड़ा और बीएसपी को सत्ता में आने से रोका. आप उसके बाद डायरेक्ट फाइट की तैयारी में लग गए. उत्तर प्रदेश की जनता को छोटी से छोटी मीटिंग में इस बात को समझाना जरूरी है कि बीएसपी के प्रति जातिवादी सोच रखने वाली पार्टियों के एकजुट होने से हमारी पार्टी को जबरदस्त नुकसान पहुंचा. वहीं यूपी में अभूतपूर्व तौर पर उसका भला हो गया है, जिसके बारे में पूरे देश में आम चर्चा है कि कानून व्यवस्था के मामले में यूपी क्राइम प्रदेश बन गया है.'
मुसलमानों को मरहम लगाने की कोशिश
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'सपा मुसलमानों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है. उनका नाम आईएसआई से जोड़ा जा रहा है. सपा मुस्लिम समाज के अधिकारी को डीजीपी और मुख्य सचिव बना रही है, मगर मुसलमानों का शोषण बंद नहीं हुआ है. यहां अधिकारियों के ऊपर सपा के गुंडे माफिया हावी हैं. इन पर सपा का भी कोई नियंत्रण नहीं है. मेरी सरकार में हिंदू अधिकारी थे. मगर तब भी मुस्लिम समाज पर कोई जुल्म नहीं हुआ. मुजफ्फरनगर दंगों में दलितों ने मुसलमानों को अपने परिवार का अंग मानकर हर तरह से मदद की. हिंदू पीड़ितों की भी मदद की.'
दलित वर्ग को लुभाया
मायावती ने कहा, 'यूपी के दलित वर्ग की मैं सराहना करती हूं कि सपा राज के उत्पीड़न के बाद भी उन्होंने मुझ पर भरोसा नहीं खोया. बहनजी के सत्ता में वापस आने के बाद हमारे संतों, गुरुओं और महापुरुषों को पहले की तरह पूरा सम्मान दिया जाएगा.'
यादव जाति के वोटरों पर भी डाले डोरे
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'अपनी खुद की यादव जाति में से. खासतौर पर आपराधिक प्रवृत्ति के अपने यादव भाइयों को छोड़कर बाकी शरीफ यादव भाइयों के खिलाफ इस सरकार का रवैया खराब रहा है.सपा सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ कुछ महीनों के लिए बेरोजगारी भत्ता दे रही है.'
कांग्रेस पर भी हमला
मायावती ने कहा, 'केंद्र में यूपीए सरकार की गलत नीतियां हैं. हर धर्म और जाति के लोग परेशान हैं. यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार हर स्तर पर चरम सीमा पर पहुंच गया है. गलत आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है.देश की सीमाएं भी पूरी तौर पर सुरक्षित नहीं हैं. इसीलिए आए दिन आतंकवादी आते हैं, गंभीर वारदातें होती हैं. विदेश नीति भी ढुलमुल है. इसके चलते यहां के अपने लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कट्टरपंथी और सांप्रदायिक ताकतें किस्म किस्म की ड्रामेबाजी कर हावी होने में लगे हुए हैं.'
पूरे देश के लिए सर्वजन हिताय की नीति
उन्होंने कहा, 'मैंने अपने चारों शासनकाल में यहां की जनता को बेहतर सरकार दी है. पिछले कार्यकाल में वित्तीय स्थिति में रेकॉर्ड सुधार हुआ था. हमारे कार्यकाल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ. केंद्र में हमारी पार्टी की सरकार बन जाती है, तो उत्तर प्रदेश के पैटर्न पर ही सर्वजन हिताय के रास्ते पर चलकर सरकार बनाएगी. दलित और आदिवासी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों को ध्यान में रखकर. '
आरक्षण की सियासत
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'देश में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को भी पूरी ईमानदारी से लागू करेंगे. ओबीसी वर्गों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. सपा ने पिछली सरकार के दौरान सोची समझी साजिश के तहत ओबीसी की 17 जातियों को गैरकानूनी ढंग से एससी की सूची में शामिल कर कहीं का नहीं छोड़ा था. अब उन्हें किसी भी कैटिगरी का आरक्षण लाभ नहीं मिल रहा है. अब वह अपनी कमजोरियां छिपाने के लिए जबरन सामाजिक न्याय यात्रा निकाल रही है.'
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मोदी को हराने के लिए अंसारी का कांग्रेस को समर्थन, बीजेपी ने बताया 'अपवित्र' गठबंधन
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ऐसा लग रहा है कि वाराणसी में नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए विरोधी कुछ भी करने के लिए तैयार हैं. इसीलिए चिर प्रतिद्वंद्विता के बावजूद मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी के नेतृत्व वाले कौमी एकता दल ने वाराणसी से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की.
समर्थन की घोषणा इस उद्देश्य से की गई है जिससे यहां मुकाबले में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को हराया जा सके. अफजाल अंसारी ने कहा कि पार्टी उम्मीदवार अजय राय के लिए समर्थन की मांग को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने उनसे संपर्क किया था.
मोदी को हराने के लिए कांग्रेस को समर्थन...
उन्होंने कहा, 'पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद कौमी एकता दल (क्यूईडी) ने आज अजय राय को पूरा समर्थन देने का फैसला किया ताकि नरेंद्र मोदी को हराया जा सके.' अंसारी ने कहा कि उनकी गुलाम नबी आजाद के साथ मंगलवार को शहर में बैठक हुई. यह पूछे जाने पर कि राय को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के किस नेता ने उनसे संपर्क किया था तो अंसारी ने कहा, 'आप कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नाम मुझसे संपर्क करने के लिए मान सकते हैं.'
बाहरी हैं मोदी और केजरीवाल...
अंसारी ने कहा कि कांग्रेस का उम्मीदवार शहर का है और मोदी और AAP नेता केजरीवाल बाहरी हैं. इसके अतिरिक्त राय चार बार विधायक रहे हैं और उनकी शहर के मतदाताओं पर मजबूत पकड़ है. अफजाल अंसारी के छोटे भाई मुख्तार अंसारी पिछला लोकसभा चुनाव बीएसपी के टिकट पर वाराणसी से लड़े थे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से तकरीबन 17 हजार मतों के अंतर से हार गए थे.
... ऐसे बना कौमी एकता दल
मुख्तार अंसारी को बाद में बीएसपी से निकाल दिया गया था और उन्होंने कौमी एकता दल का गठन किया था और उनके भाई अफजाल अंसारी को पार्टी का प्रमुख बनाया गया था. मुख्तार बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में आगरा जेल में बंद हैं और उत्तर प्रदेश के मउ जिले में घोसी से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
अजय राय और मुख्तार अंसारी में पुरानी प्रतिद्वंद्विता...
अजय राय और मुख्तार अंसारी की पुरानी प्रतिद्वंद्विता है और यह आरोप लगाया जाता है कि मुख्तार अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की शहर में एक दशक से अधिक समय पहले हुई हत्या की साजिश में शामिल थे. अफजाल अंसारी ने कहा कि राय के साथ पुरानी शत्रुता के बावजूद उनके लिए पवित्र शहर वाराणसी अधिक महत्वपूर्ण है और इसलिए उन्होंने राय के साथ दुश्मनी भूलने का फैसला किया है और वाराणसी से मोदी को हराने और उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोकने पर ध्यान केंद्रित है.
बीजेपी ने इसे बताया 'अपवित्र' गठबंधन
बीजेपी ने आरोप लगाया कि अंसारी-राय के बीच समझौता वोट बैंक की राजनीति की खातिर एक अपवित्र गठबंधन है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस समझौते को सील किया है क्योंकि इस पवित्र शहर में वह मोदी को मिल रहे अपार समर्थन और लोकप्रियता का मुकाबला करने में अक्षम हैं. बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, 'अब यह लगता है कि अजय राय और क्यूईडी वोट बैंक की राजनीति की खातिर राजनैतिक सुविधा का अपवित्र गठबंधन बनाने के इच्छुक हैं.' कोहली ने कहा कि कहा जाता है कि मुख्तार अंसारी अजय राय के भाई की हत्या के आरोपी हैं और कांग्रेस उम्मीदवार का अब उनसे समर्थन लेना सुविधा की राजनीति में नई गिरावट का प्रतीक है.
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यूपी के बाढ़ग्रस्त इलाकों में डूबते गांव में भी घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं लोग
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उत्तरप्रदेश के ज्यादातर बाढ़ग्रस्त इलाकों में सरकारी सहायता लेने के लिए मारामारी मची है लेकिन बाढ़ में डूबे कई गांव ऐसे हैं जहां कोई सरकारी सहायता अब तक नहीं पहुंची है. जिसके चलते लोग अपने बच्चों और औरतों के साथ न सिर्फ वहां डटे हैं बल्कि किसी सूरत में अपना गांव छोड़ना नहीं चाह रहे. दरअसल बाढ़ पीड़ितों को जान से ज्यादा, चोरी का खौफ है.
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के दलजीत-टोला गांव में
रेस्क्यू टीम
पहुंची तो थी बाढ़ पीड़ितों को बाहर निकालने लेकिन लोगों ने बाहर आने साफ मना कर दिया. पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा के हर इंच बढ़ते जलस्तर के साथ जहां खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. अगर गंगा का पानी थोड़ा और बढ़ा तो ये पूरे गांव को लील सकता है लेकिन ज्यादातर बाढ़ पीड़ित इस भयावह हालात के बावजूद घर छोड़कर कैंपों में आने को कतई तैयार नहीं है.
एनडीआरएफ की टीम जब दलजीतपुर गांव पहुंची तो वहां की महिलाओं ने रेसक्यू टीम के साथ जाने से साफ मना कर दिया. पूरे गांव में सिर्फ औरतें और बच्चे मिले जिसमें कई तो खासे बीमार थे लेकिन परिवार घर छोड़ने को तैयार नहीं. महिलाओं के मुताबिक वो अपना घर नहीं छोड़ सकती, अगर घर छोड़ा तो बचा हुआ सामान चोरी हो जाएगा और फिर सरकार उन्हें कुछ नहीं देगी. यहां उन्हें कोई सरकारी राहत नहीं पहुंची है, ना तो पौलीथीन मिला, ना ही पीने का पानी, ना ही खाने को सामान बावजूद इसके कोई परिवार बाहर नहीं निकलना चाहता. एनडीआरएफ की नावों का इस्तेमाल भी लोग सिर्फ गांव से निकलने और जाने के लिए कर रहे हैं.
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मधुबनी सीट पर कब्जा करने की मारामारी
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बिहार में मधुबनी की मीठी बोली और पेंटिंग की अपनी खास पहचान है. यहां की कला ने न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी शोहरत पाई है, लेकिन मौजूदा समय में मधुबनी की चर्चा यहां की लोकसभा सीट पर कब्जे को लेकर है.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और वामपंथियों के लिए गढ़ माने जाने वाले मधुबनी क्षेत्र में इन दोनों दलों के उम्मीदवार नहीं हैं. इस महत्वपूर्ण सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुकाबले राष्ट्रीय जनता दल (आजेडी) और जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
मधुबनी संसदीय क्षेत्र में हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी और मधुबनी विधानसभा तथा दरभंगा जिले के केवटी और जाले विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव ने आरजेडी के अब्दुलबारी सिद्दीकी को पराजित किया था, जबकि कांग्रेस के शकील अहमद को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था. इससे पहले वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस के शकील अहमद ने बीजेपी के हुकुमदेव को 87,079 मतों से पराजित किया था.
इस चुनाव में यह पहला मौका है जब कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है और वह आरजेडी को समर्थन दे रही है. मधुबनी कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है. कांग्रेस के प्रत्याशी ने यहां छह बार जीत दर्ज की है, जबकि वामपंथियों के कब्जे में भी यह सीट पांच बार रही है.
16वीं लोकसभा के चुनाव में आरजेडी ने एक बार फिर अब्दुलबारी सिद्दीकी को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने अपने निवर्तमान सांसद हुकुमदेव नारायण पर भरोसा जताया है. उधर, जेडीयू ने आरजेडी से आए गुलाम गौस को ‘तीर’ थमा चुनावी अखाड़े में उतार दिया है.
इस चुनाव में दलों के उम्मीदवारों पर गौर किया जाए तो हुकुमदेव जहां बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर के साथ अपनी लड़ाई जीत लेने का दावा कर रहे हैं, वहीं सिद्दीकी पिछली हार का बदला लेने के लिए कांग्रेस के ‘हाथ’ के साथ पर यकीन कर रहे हैं. उधर, जेडीयू के गौस के पास न केवल बिहार के मुख्यमंत्री के सुशासन का साथ है, बल्कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का साथ होने का विश्वास भी है.
इस चुनाव में वैसे कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपने भाग्य आजमा रहे हैं, परंतु मुख्य मुकाबला आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी के बीच माना जा रहा है. 16 लाख से ज्यादा मतदाताओं वाले इस संसदीय क्षेत्र के जातीय समीकरण पर गौर किया जाए तो ब्राह्मण, मुस्लिम और यादव बहुल वाले इस क्षेत्र में किसी भी प्रत्याशी की जीत के लिए इन जातियों के मतदाताओं की अहम भूमिका होती है. वैसे इस क्षेत्र में मुख्य राजनीतिक दलों द्वारा कोई ब्राह्मण जाति के प्रत्याशी को नहीं उतारे जाने पर यह देखने वाली बात होगी कि ब्राह्मण मतदाताओं का झुकाव किस प्रत्याशी की ओर होगा.
वैसे सभी दल इस सीट को अपने कब्जे में करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. बीजेपी के प्रत्याशी को लोकसभा के अंतर्गत आने वाली चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा मजबूती दे रहा है. यही कारण है कि केवटी के विधायक और हुकूदेव के बेटे अशोक यादव भी कहते हैं कि मोदी की लहर और पूर्व सांसद द्वारा किए गए कार्य बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. वे कहते हैं कि मधुबनी में सभी जाति वर्ग का साथ बीजेपी को मिल रहा है.
उधर, सिद्दीकी भी अपनी जीत का दावा करते हैं. वह सिर्फ आरजेडी और बीजेपी के बीच ही मुख्य मुकाबला देखते हैं.
बहरहाल, सभी प्रत्याशियों को अपनी-अपनी जीत का भरोसा है. लेकिन क्षेत्र में जाति और धर्म के नाम पर मतदाताओं के समीकरण को कौन दल अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो पाएगा, यह चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. वैसे बीजेपी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी मधुबनी में आकर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर चुक हैं. मधुबनी में 30 अप्रैल को मतदाता अपने जनप्रतिनिधि के चुनाव के लिए मतदान करेंगे.
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ढाका में पाक खिलाड़ियों पर रात 11 बजे के बाद आने पर लगा जुर्माना
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पाकिस्तान
क्रिकेट टीम प्रबंधन ने दो पाक खिलाड़ियों
शोएब अख्तर
और वहाब रियाज पर जुर्माना लगाया है. वह ढाका में रात 11 बजे के बाद पहुंचे थे, जो कि टीम के नियमों के खिलाफ है.
ये दोनों तेज गेंदबाज निजी डिनर पर गए थे. प्रबंधन ने दोनों पर 42-42 डॉलर का जुर्माना लगया है. शोएब अख्तर कमरान अकमल और उमर गुल समेत टीम के तीन अन्य खिलाड़ियों के साथ थे. वह चोट लगने और ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद पिछले काफी समय से क्रिकेट से बाहर हैं. अब वर्ल्ड कप में उनकी वापसी हो रही है. मंगलवार को बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए अभ्यास मैच में वह नहीं खेल सके, ऐसे में उन पर खासा दबाव रहेगा.
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BJP नेता सीपी सिंह ने कहा- जो 'वंदे मातरम्' और 'जन गण मन' नहीं गाएगा, वो भारतीय नहीं
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि जो भारत में रहकर यहां की मिट्टी खाता है उसे 'वंदेमातरम' और 'जन गण मन' गाना ही होगा.
सीपी सिंह के मुताबिक भारत में अफजल
गुरु
नहीं पैदा होने दिए जाएंगे. जो लोग भारतीय होने का दावा करते हैं उन्हें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाना ही होगा.
देशद्रोहियों का साथ देने वाला भी देशद्रोही
झारखंड में
बीजेपी
के वरिष्ठ नेता सीपी सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों का समर्थन कर रहे राहुल गांधी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने देशद्रोहियों के साथ खड़ा होकर देशद्रोह कहा काम किया है.
विधानसभा परिसर में सिंह ने कहा कि जो ‘वंदे मातरम्’ या ‘जन गण मन’ नहीं गाना चाहता उसे भारतीय कहलाने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कैसी बात है कि आप जिस देश की मिट्टी का खाते हैं, जिसकी आबो हवा लेते हैं, उसे ही गाली देते हैं? उन्होंने पूछा कि क्या यह देश के साथ गद्दारी या देशद्रोह नहीं है? इससे पहले सोमवार को रांची के फिरायालाल चौक पर हुई एक जनसभा में भी सिंह और केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने जेएनयू में हुई घटना में शामिल देश विरोधी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी.
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यमन: आतंकी हमले के बाद भारतीय एंबेसी बंद, फादर टॉम अभी तक लापता
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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि ऑपरेशन राहत के बाद यमन में भारतीय एंबेसी को बंद कर दिया गया है, लेकिन किडनैप किए गए भारतीय की तलाश जारी है.
Father Tom Uzhunnalil - an Indian national has been abducted by terrorists in Yemen./1
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj)
March 5, 2016
यमन में लापता भारतीय फादर टॉम का कोई सुराग नहीं
यमन के अदन से फादर टॉम उजुनालिल (57) यमन के अदन से लापता हैं. बंगलुरु के रहने वाले फादर टॉम को ढूंढने की कोशिश जारी है, लेकिन विदेश मंत्रालय अभी तक उनके बारे में कुछ पता नहीं लगा पाया है.
We closed Indian Embassy in Yemen after Operation RAHAT was over. /2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj)
March 5, 2016
आतंकी हमले में मारे गए चार भारतीय
यमन में शुक्रवार को एक ओल्ड हेम होम पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें चार भारतीयों समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएस या अल कायदा का हाथ माना जा रहा है. इस हमले के बाद से ही फादर टॉम लापता हैं.
However, our Camp office in Djibouti is trying to ascertain the whereabouts of Father Tom Uzhunnalil so that we can secure his release./3
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj)
March 5, 2016
सुषमा ने भारतीयों से की लौटने की अपील
यमन के अदन शहर में चार भारतीय महिलाओं की मौत के बाद
सुषमा
स्वराज ने ‘खतरनाक क्षेत्रों’ में रहने वाले सभी भारतीयों से अपील की कि वे अपने घर लौट आएं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं ऐसे खतरनाक क्षेत्र में रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों से अपील करती हूं कि कृपया भारत लौट आएं.’ उन्होंने कहा कि यमन में रहने वाली नर्सों ने सरकार की सलाह की अनदेखी की.
I appeal to all Indians in such danger zones to please come back to India.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj)
March 4, 2016
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Exclusive: जैश-ए-मोहम्मद की धमकी, भारत में आतंक फैलाएंगी पाकिस्तान से भेजी 7 टीमें
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पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था देश के अलग-अलग राज्यों और कस्बों में चुनाव के दौरान सीमा पार के आतंकी बड़े नेताओं को अपना निशाना बना सकते हैं. अब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने पाकिस्तान के कराची में एक रैली में खुफिया विभाग की आशंका की तस्दीक कर दी है कि अगले साल 5 फरवरी आते-आते दिल्ली दहला देंगे.
पाकिस्तान के कराची में जैश में नई भर्ती और मारे गए आतंकियों के रिश्तेदारों की रैली को संबोधित करते हुए मौलाना मसूद अजहर का छोटा भाई और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना रऊफ असगर ने कश्मीर की पहाड़ियों आगे भारत के अन्य हिस्सों में जंग का ऐलान कर दिया है. करांची में मंगलवार को हुई इस रैली को संबोधित करते हुए मौलाना रऊफ असगर कह रहा है कि अगले 5 फरवरी को जब हम एक बार फिर कश्मीर सॉलिडरिटी डे मनाएंगे तब तक दिल्ली दहल चुकी होगी.
सूत्रों के मुताबिक इस रैली से जैश-ए-मुहम्मद के फिदाइनों की 7 टीमें मंगलवार को भारत के विभिन्न शहरों के लिए रवाना कर दी गई हैं. दिसंबर 2018, जैश का टॉप ट्रेनर कमांडर अब्दुल रशीद गाजी जम्मू-कश्मीर में घुसने में कामयाब रहा. खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा एजेंसियों को गाजी के घुसपैठ के बारे में पहले ही अलर्ट कर दिया है और पिछले दो महीनों में घाटी में बढ़ी आतंकी घटनाएं अब्दुल रशीद गाजी के प्लान का हिस्सा बताई जा रही हैं.
आपको बता दें कि जैश कमांडर अब्दुल रशीद गाजी अफगानिस्तान में तालिबानियों के साथ मिलकर लड़ चुका है. और जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने से पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश के ट्रेनिंग कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर रह चुका है. गाजी जैसे दुर्दांत आतंकी के कश्मीर में दाखिल होने के बाद से घाटी में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है और देश में उसकी मौजूदगी सुरक्षाबलों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी घाटी छोड़कर देश के मैदानी इलाकों में बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है. एजेंसियों ने अपने अलर्ट में कहा था कि सीमा से आए आतंकी चुनाव के समय में रैलियों और बड़े नेताओं को निशाना बना सकते हैं. ऐसे में करांची में हुई इस रैली से फिदाइनों की 7 टीमें भारत के लिए रवाना होना बड़े प्लान का हिस्सा हो सकता है.
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फेसबुक पर अपनी अश्लील पोस्ट देख दो बच्चों की मां ने किया सुसाइड
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फेसबुक पर अपने खिलाफ अश्लील पोस्ट देखकर दो बच्चों की मां ने रविवार रात को सुसाइड कर लिया. बताया जाता है कि महिला ने इसकी जानकारी पुलिस को भी दी, लेकिन कोई हल न निकलने पर उसने सुसाइड कर लिया.
कोच्िच के पास चेरनाल्लोर में यह घटना घटी. अंबलापूझा जिले की रहने वाली विजिशा को थोटापल्ली का रठीश परेशान करता रहता था. रठीश विजिशा के मोबाइल में बार बार मैसेज भी करता रहता था. इस सारे मामले की जानकारी विजिशा ने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने मामला नहीं दर्ज किया.
रठीश की इस हरकत की जानकारी विजिशा ने अपने पति के साथ पुलिस को दी, लेकिन मामला इधर उधर में फंसा रहा. इतना ही नहीं पुलिसवालों ने इनके साथ बुरा बर्ताव भी किया. मिली जानकारी के मुताबिक विजिशा के भाई के साथ रठीश का कुछ वित्तीय लेनदेन चल रहा था.
सूत्रों के मुताबिक रठीश के अंबलापूझा जिले के एक विधायक से करीबी संबंध है, शायद इसलिए पुलिसवाले अपने ऊपर पड़ रहे पॉलिटिकल प्रेशर की वजह से उसके खिलाफ केस दर्ज करने से कतरा रहे है. हालांकि अब पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि रठीश के खिलाफ हमने जांच शुरू कर दी है.
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ग्रेटर नोएडा डबल मर्डरः बेटे ने ही किया था मां और बहन का कत्ल, जुर्म कबूला
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जिला गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में मां-बेटी के कत्ल की गुत्थी सुलझती नजर आ रही है. पुलिस ने मृतका अंजलि के फरार 15 वर्षीय बेटे को वाराणसी से बरामद कर लिया है. उसने पूछताछ में अपनी मां और बहन के कत्ल की बात कबूल कर ली है.
शुक्रवार की रात पुलिस ने वारदात के बाद से फरार चल रहे अंजलि के बेटे को वाराणसी से बरामद कर लिया. पकड़ में आने के बाद जब पुलिस ने लड़के से पूछताछ की तो उसने अपनी मां और बहन के कत्ल की बात कबूल कर ली. पुलिस ने नाबालिग के पास से उसका मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है.
नोएडा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बच्चे ने ही दोनों कत्ल किये थे. पुलिस के मुताबिक कत्ल करने की वजह
क्राइम फाइटर गेम
को बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक लड़के ने बैट से दोनों की पीट-पीट कर हत्या की थी. अब पुलिस शनिवार को उसे लेकर नोएडा आ रही है.
इससे पहले देर शाम नोएडा के एसएसपी लव कुमार ने 'आजतक' को बताया था कि मृतका के परिवार, दोस्तों, इलाके के लोगों और स्कूल में स्टाफ, स्टूडेंट्स से पूछताछ करने पर पता चला है कि अंजलि का बेटा अग्रेसिव प्रवृत्ति का है. उसे गुस्सा ज्यादा आता है. उनके सोशल मीडिया के माध्यम से हर रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड और एनसीआर सहित पूरे देश में उसे तलाश किया जा रहा था.
गौरतलब है कि बीते मंगलवार की रात ग्रेटर नोएडा के गौर सिटी टू के टावर जी के फ्लैट नंबर 1446 में लगे ताले को जब तोड़ा गया तो उसमें खून से सनी मां-बेटी की लाश मिली थी. दोनों की इस बेरहमी से हत्या की गई कि देखने वाले सन्न रह गए थे. जब ये वारदात हुई तो घर में कुल तीन लोग थे. मां, बेटी और बेटा. मगर दरवाज़ा खुला तो लाश सिर्फ मां और बेटी की मिली बेटा गायब था.
दोनों लाशों के पास ही एक बैट पड़ा हुआ मिला था, जिस पर खून के निशान थे. पुलिस को मौके से एक धारदार हथियार भी मिला था. मगर नहीं मिला तो 15 साल का बेटा. तब तक तो ऐसा ही लग रहा था कि जैसे किसी ने
मां-बेटी की हत्या
की और बेटे को किडनैप कर लिया है.
दरअसल वो फ्लैट अग्रवाल फैमिली का है. जिनका टाइल्स का कारोबार है. 4 तारीख की शाम से परिवार के लोग घर मे मौजूद मां और बच्चों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब कई घंटो तक कोई संपर्क नही हुआ तब उन्होंने घर के पास रह रहे रिश्तेरदारो से संपर्क साधा.
जब रिश्तेदार घर पहुंचे. तब फ्लैट बाहर से बंद था और न्यूज़पेपर बाहर पड़ा था. उन्होंने खिड़की तोड़ कर अंदर झांका तो उन्हें मां अंजली और बेटी की लाश नजर आई, जिसके पास पुलिस को सूचना दी गई थी.
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हवाई सफर पर भी प्रदूषण का असर, दिल्ली एयरपोर्ट से कई फ्लाइट डायवर्ट
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फ्लाइट को लखनऊ, अमृतसर किया गया डायवर्ट
दिल्ली में कई जगह पर 100 मीटर से कम विजिबिलिटी
आसमान में छाए स्मॉग की वजह से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर हवाई यातायात प्रभावित हुई है. तकरीबन दर्जनों फ्लाईट डायवर्ट करने पड़े हैं. दिल्ली आने वाली ज्यादातर फ्लाइट को जयपुर, अमृतसर और लखनऊ डायवर्ट किया गया है. इस वजह से यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.
रविवार सुबह 9 बजे से टर्मिनल-3 से 37 फ्लाइटों को जयपुर, अमृतसर और लखनऊ डायवर्ट किया गया है. डायवर्ट की गई सभी फ्लाइटें एयर इंडिया की हैं. रविवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 को पार कर गया है. सुबह कई इलाकों में 100 मीटर से कम विजिबिलिटी हुई.
Air India: Due to bad weather, flight operations affected since 9 am at Terminal-3 of Delhi Airport. 12 flights have been diverted to Jaipur, Amritsar and Lucknow.
https://t.co/aGg47IFMg4
— ANI (@ANI)
November 3, 2019
ये उड़ानें डायवर्ट
AI 763- Jaipur
AI 864- Jaipur
AI 440- Jaipur
AI 018- Jaipur
AI 112- Jaipur
AI 494- Amritsar
AI 940- Amritsar
AI 436- Amritsar
AI 382- Amritsar
AI 470- Amritsar
AI 482- Lucknow
AI 635- Lucknow
बारिश के बाद भी हवा जहरीली
गौरतलब है कि राजधानी में हवा बहुत ही खराब है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 के पार चला गया है. इसका मतलब ये है कि दिल्ली वाले जीने के लिए जहरीली हवा अपने फेफड़े ले रहे हैं. आज सुबह बूंदाबांदी से धुएं भरी हवाओं के छंटने की थोड़ी आस भी जगी, लेकिन ऐसा कुछ न हुआ.
वहीं, गंभीर वायु गुणवत्ता के मद्देनजर सीआईएसएफ ने आईजीआई एयरपोर्ट, दिल्ली मेट्रो, सरकारी भवन सुरक्षा, एसएसजी और अन्य इकाईयों में तैनात अपने कर्मियों को मास्क बांटे.
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दिल्लीः बैंक के बंद लॉकर से गहने और नकदी चोरी
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लोगों की जमा-पूंजी उनके घर दुकानों से चोरी होते हुए अक्सर सुनने को मिलता है. इससे बचने के लिए लोग अपने खून-पसीने की गाढी कमाई को बैंक के लॉकर में रखकर सुरक्षित समझते हैं. लेकिन वहां भी चोरी हो जाये तो ये सुनने में अजीब लगेगा. मगर ऐसा ही मामला सामने आया है दिल्ली में. जहां बैंक के लॉकर से लाखों के गहने चोरी हो गए.
मामला दिल्ली के करोलबाग के एक बड़े
बैंक
का है. जहां आनंद पर्वत के एक कारोबारी अरूण मोगा ने लॉकर में 30 लाख रुपये के गहने और 12 लाख रुपये की नकदी रखी थी. जब मंगलवार को उन्होंने वहां जाकर लॉकर चैक किया तो पैसा और गहने दोनों गायब थे. खाली लॉकर देखकर कारोबारी के होश उड़ गए.
अरूण मोगा का आरोप है कि वे 1995 से इस बैंक के लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं और आखरी बार 25 मई को अपने उन्होंने लॉकर को ऑपरेट किया था. उस दिन उन्होंने लॉकर में अपने बेटे और बहन के गहने और नकदी रखी थी. गहनों की कीमत लगभग 30 लाख थी जबकि 12 लाख रुपये की नकदी थी. उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से ये सब लॉकर में रखा था लेकिन लॉकर में
चोरी
हो गई.
बैंक का लॉकर खाली पाकर पीड़ित कारोबारी ने बैंक मैनेजर से बात की, तो जवाब मिला की वह दस दिन पहले ही यहां पोस्ट हुए हैं. उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उनके पास लॉकर रूम का पुराना सीसीटीवी फुटेज था.
लेकिन इस बारे में ब्रांच मैनेजर ने मीडिया से भी बात करने से मना कर दिया. इस घटना से बैंक के दूसरे ग्राहक भी परेशान हो गए. उनका भरोसा भी बैंक से उठ गया. कारोबारी ने पुलिस से शिकायत की है.
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प्रदूषण से सफाईकर्मियों को बचाने के लिए ईस्ट एमसीडी ने बांटे मास्क
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पूरी दिल्ली प्रदूषण से परेशान है. वहीं इसका सबसे बुरा असर उनके स्वास्थ्य पर हो रहा है, जिन्हें अपना पेट पालने के लिए घरों से बाहर निकलना ही पड़ता है. खासकर सफाईकर्मी जो दिनभर धूल मिट्टी से जूझते रहते हैं.
जी हां, हम बात कर रहे हैं सफाई कर्मियों की जिनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए और उन्हें
प्रदूषण
से बचाने के लिए ईस्ट एमसीडी ने उन्हें मास्क बांटने शुरू किए हैं. ईस्ट एमसीडी ने उसके अंतर्गत काम करने वाले 16 हज़ार सफाई कर्मियों को दूषित वातावरण और वायु प्रदूषण से होने वाली सांस सम्बंधित बीमारियों से बचाने के लिए मास्क दिया है.
इसके साथ ही सभी सफाईकर्मियों को बताया गया है कि वो सफ़ाईकार्य करते वक़्त इन मास्क को ज़रूर पहने. इससे ना केवल ज़हरीली हवा लेने से बचेंगे बल्कि सफाईकार्य के दौरान इनकी सांसों के ज़रिए धूल के कण भी इनके शरीर मे जाने से रुकेंगे. आपको बता दें कि सफाई कर्मियों को मास्क पहले भी बांटे गए थे. निगम को लगातार जानकारी मिल रही थी कि सफाईकर्मी बिना मास्क पहने काम कर रहे हैं. जिसके बाद निगम अधिकारियों ने मास्क पहनने के फायदे गिनाए.
निगम के मुताबिक ईस्ट एमसीडी ने शाहदरा नार्थ जोन और शाहदरा साउथ जोन में तहत आने वाले 16 हज़ार सफाई कर्मियों को जिन्हें अब पर्यावरण सहायक बुलाया जाता है, उन सभी को
मास्क
बांटे गए हैं.
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पंजाब में बोले केजरीवाल- हमारे ऊपर हमले तो रोज होते रहेंगे, अब यहीं खूंटा गाड़कर बैठूंगा
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अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को दिल्ली के बाद पंजाब के लुधियाना में भी विरोध झेलना पड़ा. लुधियाना रेलवे स्टेशन पहुंचते ही केजरीवाल के खिलाफ अकाली दल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और उन्हें काले झंडे दिखाए गए. अकाली दल के यूथ विंग के कार्यकर्ताओं ने लुधियाना में 'केजरीवाल गो बैक' के नारे भी लगाए.
रोज 2-4 फर्जी सीडी बाहर आएंगी
केजरीवाल ने पंजाब में विरोध करने वालों पर पलटवार किया और कहा कि मैं अब यहीं खूंटा गाड़कर बैठूंगा. उन्होंने कहा, 'अब रोज दो-चार फर्जी सीडी बाहर आएंगी. हम पर कीचड़ उछाली जाएगी. लेकिन पंजाब की जनता इस पर यकीन नहीं करेगी. जब तक हम सुखबीर बादल और उनके साथियों को जेल न भेज दें, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे.
दिल्ली में दिखाई गई थीं केजरीवाल को चूड़ियां
इससे पहले जब
केजरीवाल
सुबह ट्रेन में सवार होने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे थे तो बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया था और चूड़ियां दिखाई थीं. दिल्ली पुलिस के जवान काफी मशक्कत के बाद केजरीवाल को ट्रेन के अंदर तक पहुंचाने में कामयाब हुए थे.
पीएम मोदी पर बरसे सिसोदिया
दिल्ली में केजरीवाल के साथ हुई धक्का-मुक्की को लेकर आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर हमला बोल दिया. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मोदी जी के इशारे पर दिल्ली पुलिस और बीजेपी मिलकर अरविंद केजरीवाल पर हमले की साजिश रच रहे हैं. क्या आज सुबह की घटना उसका रिहर्सल थी? सिसोदिया ने एक और ट्वीट किया कि दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में धक्कामुक्की होती रही और वो मूकदर्शक बनी रही. चैनलों के कैमरे पहले से बुलाए गए थे. जाहिर है सब कुछ प्री-प्लान था.
AAP का किसान घोषणा पत्र जारी करेंगे AK
केजरीवाल चार दिन के पंजाब दोरे पर आए हैं. वो पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के किसान घोषणा पत्र को जारी करेंगे. केजरीवाल अपने दौरे के अंतिम दिन दिल्ली लौटने से पहले मोगा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
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IGNOU में चल रही हैं नियुक्तियां, आकर्षक सैलरी के लिए आवेदन करें
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Indira Gandhi National Open University (IGNOU) ने नोटिफिकेशन जारी कर Senior Consultant और Consultant पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. जानिये योग्यता से लेकर पदों की सैलरी तक की पूरी जानकारी...
पदों के नाम
Senior Consultant
Consultant
योग्यता
पदों पर आवेदन करने के इच्छुक कैंडिडेट्स के पास फिजिस्क में कम से कम 55 प्रतिशत माक्स के साथ मास्टर्स डिग्री हो और UGC दिशानिर्देशों के अनुसार NET/PhD धारक हों.
उम्र
69 साल से ज्यादा न हो उम्र
सैलरी
Senior Consultant की सैलरी 50,000 से लेकर 70,000 रुपये तक होगी.
Consultant की सैलरी 40,000 से 60,000 होगी.
चयन प्रक्रिया
इंटरव्यू के आधार पर होगा चयन
कैसे करें आवेदन
अपने जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ अपना एप्लिकेशन 'Director, School of Sciences (SOS), Raman Bhawan, Academic Complex, Indira Gandhi National Open University, Maidan Garhi, New Delhi-110068' पते पर भेजें.
कैंडिडेट्स अपना एप्लिकेशन [email protected] और [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं.
आखिरी तारीख
14 जुलाई 2017
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क्रिकेट को लेकर पवार की बाल ठाकरे से मुलाकात
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के बांद्रा स्थित निवास पर आज रात उनसे मुलाकात की.
ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ में दोनों नेताओं के बीच आईपीएल में पाकिस्तानी और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को शामिल किए जाने पर शिवसेना के विरोध पर विचार विमर्श हुआ.
इससे महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जाने लगी हैं क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी केंद्र में कांग्रेस की सहयोगी है वहीं शिवसेना भाजपा की सहयोगी पार्टी है. ठाकरे से मुलाकात के दौरान पवार के साथ बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर मौजूद थे.
एक ओर पवार बढ़ती कीमतों के कारण कांग्रेस नेताओं की आलोचना के निशाने पर हैं, वहीं शिवसेना पृथक विदर्भ राज्य का विरोध कर रही है जबकि उसकी सहयोगी भाजपा इसका समर्थन कर रही है.
इस मुलाकात को दोनों नेताओं के बीच संभावित राजनीतिक गठजोड़ बताना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन इससे उनके सहयोगियों को निराशा जरूर होगी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘यह मुलाकात कई मायनों में संकेत देती है कि कांग्रेस और भाजपा अपने सहयोगियों को हल्के में नहीं ले सकते हैं.
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बिहार: तेजस्वी यादव ने अपनी इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार को किया आमंत्रित
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आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के निवास पर यूं तो हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन होता रहा है. लेकिन पहली बार निमंत्रण पत्र पर लालू प्रसाद यादव का नाम नहीं है. बल्कि निमंत्रण पत्र नेता विरोधी दल विधान परिषद राबड़ी, नेता विरोधी दल विधानसभा तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सदस्य बिहार विधानसभा की तरफ से जारी किया गया है.
दावत-ए-इफ्तार तेजस्वी यादव के सरकारी आवास 5 देशरत्न मार्ग में बुधवार को यानी 13 जून को शाम 6.42 बजे पर एहतमाम किया है. जाहिर है इस इफ्तार पार्टी में मुख्य रूप से तेजस्वी यादव बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इसी सिलसिले में वो बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मिलने गए और उन्हें इफ्तार पार्टी में आने का निमंत्रण दिया. साथ ही
तेजस्वी यादव
ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री होने के नाते इस इफ्तार पार्टी में आमंत्रित किया है और भी जितने प्रमुख नेता हैं उन्हें बुलाया गया है.
इसी मौके पर लगे हाथ तेजस्वी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा इंटर के रिजल्ट की गड़बड़ी को लेकर शिकायत भी की और कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी चुप हैं. उन्हें हेल्पलाइन नंबर जारी करके छात्रों की समस्या का समाधान करना चाहिए.
बता दें कि 13 जून को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने भी एक पांच सितारा होटल में इफ्तार पार्टी रखी है, जिसमें सभी मोदी विरोधी नेताओं को बुलाया गया है. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी निमंत्रण है. लेकिन उनका
स्वास्थ्य ठीक
नहीं होने पर किसी प्रतिनिधि को भेजने का आग्रह किया गया है.
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एंड्रॉयड कैमरा एप में मिल सकता है गूगल गॉगल का सपोर्ट
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एंड्रॉयड के कैमरा एप में जल्द ही गूगल गॉगल फीचर मिलने की उम्मीद है. इस फीचर के मिलने के बाद आपके स्मार्टफोन का कैमरा किसी प्रोडक्ट्स की फोटो क्लिक करते ही उसे स्कैन करके उसकी डिटेल बता देगा. यह गूगल की एक पुरानी तकनीक है जिसे कंपनी सर्च इंजन के लिए यूज करती है.
क्या है Google Goggle
गूगल गॉगल एक आभासी
वास्तविकता
(ऑग्मेंटेड रियल्टी) एप है जो किसी चीज की फोटो खींचकर उसके बारे में सर्च करने की सुविधा देता है.
गूगल गॉगल फिलहाल अंग्रेजी, फ्रेंच, इटालियन, जर्मन, स्पैनिश, रूसी आदि भाषाओं को पढ़ सकता है और उसका अनुवाद दूसरी भाषाओं में कर सकता है. इसके
अलावा यह बारकोड
और QR कोड स्कैनर की तरह भी काम कर सकता है.
गूगल ने में इसे 2009 में ही लॉन्च किया था लेकिन कुछ सालों बाद कंपनी ने इसे अपडेट करना छोड़ दिया. हालांकि अब कंपनी इसे कैमरा एप के साथ जोड़ कर इसे मेन स्ट्रीम में लाने की कोशिश कर रही है.
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धर्मशाला टेस्ट से पहले स्मिथ ने रगड़ी दलाई लामा की नाक से नाक
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ऑस्ट्रेलियाई टीम विश्व क्रिकेट में बिगड़ैल, आक्रामक टीम मानी जाती है. लेकिन जब आप धर्मशाला में हों, तो शांत रहना सीखते हैं. खासतौर पर जब धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने जाएं. वही ऑस्ट्रेलियन टीम ने किया. ऑस्ट्रेलियाई टीम टेस्ट मैच से एक दिन पहले दलाई लामा से मिलने गई. कप्तान स्टीव स्मिथ ने बताया कि उन्होंने दलाई लामा के साथ मिलकर सीखा कि शांत कैसे रहा जाता है साथ ही उन्होंने दलाई लामा से बेहतर नींद के टिप्स भी लिए हैं.
अच्छे इंसान हैं दलाई लामा
दलाई लामा से मुलाकात के बाद स्टीव स्मिथ काफी खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि दलाई लामा, ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत में इतिहास रचने में मदद कर सकते हैं. स्मिथ ने बताया कि दलाई लामा ने उन्हें आर्शीवाद दिया है और दोनों ने आपस में नाक भी रगड़ी. स्मिथ ने बताया कि उन्होंने दलाई लामा से नाक रगड़कर अच्छी नींद के टिप्स लिए हैं.स्मिथ के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि अब वह अगले पांच दिनों तक सो सकेंगे. स्मिथ की मानें तो दलाई लामा से मुलाकात करने के बाद सभी काफी रिलैक्स हुए हैं. उन्होंने दलाई लामा को एक बेहतर इंसान भी बताया है.
एलन बॉर्डर ने कहा ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत में जीतना बड़ी उपलब्धि होगी
स्मिथ ने कहा नहीं आती है अच्छी नींद
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और दलाई लामा की नाक रगड़ने वाली तस्वींर को लोग काफी सराह रहे हैं और वे इस तस्वीर का राज जानना चाहते हैं. डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रांची में तीसरा टेस्ट मैच खेला गया था तो उस मैच के पांच दिनों में कप्तान स्मिथ सिर्फ 10 घंटे ही सो सके.
स्मिथ ने दलाई लामा से ली अच्छी नींद की टिप्स
दलाई लामा और ऑस्ट्रेलियाई टीम की इस मुलाकात के दौरान स्मिथ ने सवाल किया कि क्या दलाई लामा के पास कोई ऐसी अच्छी मेडिटेशन टिप्स है जिससे उन्हें नींद आ सके. दलाई लामा ने जवाब दिया, 'मुझे नहीं मालूम.' इसके बाद उन्होंने कहा कि जब आपका दिमाग शांत होता है तब आपको अपने आप ही अच्छी नींद आ जाती है. तीसरे टेस्ट के अंतिम दिन स्मिथ मुश्किल से एक घंटे ही सो सके थे.
दिमाग को शांत रखने की जरुरत
दलाई लामा ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को बताया कि जब दिमाग बहुत परेशान और चिंतित होता है तो बहुत ज्यादा तनाव और गुस्से की वजह बनता है. ये चीजें नींद के लिए बहुत ही बुरी साबित होती हैं. दलाई लाम ने कहा कि इसलिए स्मिथ एंड टीम अपने दिमाग को शांत रखे और फिर मैदान पर जाए.
अच्छी नींद लेते हैं दलाई लामा
दलाई लामा ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को यह भी बताया कि वह कितनी देर तक सोते हैं. उन्होंने कहा कि वह दिन में करीब नौ घंटे सोते हैं. वह शाम को छह बजे सो जाते हैं और फिर तड़के तीन बजे जागते हैं. वह कम से कम एक घंटे तक मेडिटेशन करते हैं. स्मिथ ने नाक रगड़कर अच्छी नींद के यही टिप्स दलाई लामा से लिए हैं.
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8 फेरे लेकर पहलवान विवेक संग शादी के बंधन में बंधीं बबीता फोगाट, दिया ये संदेश
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फोगाट की शादी में कई विदेशी पहलवान हुए शामिल
8 फेरे लेकर 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया
दंगल गर्ल बबीता फोगाट रविवार देर शाम 8 फेरे लेकर भारत केसरी पहलवान विवेक सुहाग के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. दिलचस्प बात यह है कि दोनों ने 7 फेरों की बजाय 8 फेरे लेकर 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया. जानकारी के मुताबिक इस शादी समारोह में परिवार के अलावा कई विदेशी पहलवान भी मेहमान के रूप में शामिल हुए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बलाली गांव में हुई ये शादी बिना दान-दहेज और साधारण रीति-रिवाज तथा तमाम हिंदू रस्मों के साथ संपन्न हुई.
My lovely sister
@BabitaPhogat
Congratulations on your marriage. I hope that all of your dreams come true as you begin this new journey. Many many congratulations to both of you
@SuhagVivek
@BabitaPhogat
😍👏🎊
pic.twitter.com/odih0N4jqN
— geeta phogat (@geeta_phogat)
December 1, 2019
रविवार को हुई यह शादी बेहद साधारण तरीके से हुई. इस शादी में सिर्फ 21 बाराती ही शामिल हुए. हालांकि, आज यानी दो दिसंबर को दोनों पक्षों की ओर से दिल्ली में एक कार्यक्रम रखा गया है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों के अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अनेक नेताओं, देश और विदेश के पहलवानों के आने की उम्मीद है.
बता दें कि करीब 5 साल से चरखी दादरी जिले के गांव बलाली निवासी बबीता फोगाट और पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले नजफगढ़ के विवेक सुहाग के बीच दोस्ती थी. बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात दिल्ली के ताज होटल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी. उनकी यह मुलाकात प्यार में बदल गई.
इसके बाद दोनों ने अपने-अपने परिवार से अपने रिश्ते के बारे में बताया और शादी करने की इच्छा जताई. बीते दो जून को दोनों के परिवारों ने शादी के लिए हां कर दिया. इसके बाद 1 दिसंबर को शादी के बंधन में बंध गए.
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दलाई लामा ने की सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा
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तिब्बती धर्मगुरू
दलाई लामा
ने सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्ति की घोषणा की है.
दलाई लामा
ने कहा कि वह तिब्बत की निर्वासित संसद से औपचारिक रूप से आग्रह करेंगे कि वह उनके निर्णय को परिलक्षित करने के लिए आवश्यक संशोधन करे.
चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो आध्यात्मिक गुरू हैं. उनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले येओमान परिवार में हुआ था. दो वर्ष की अवस्था में बालक ल्हामो धोण्डुप की पहचान 13 वें दलाई लामा थुबटेन ग्यात्सो के अवतार के रूप में की गई.
दलाई लामा एक मंगोलियाई पदवी है जिसका मतलब होता है ज्ञान का महासागर और दलाई लामा के वंशज करूणा, अवलोकेतेश्वर के बुद्ध के गुणों के साक्षात रूप माने जाते हैं.
1949 में तिब्बत पर चीन के हमले के बाद दलाई लामा से कहा गया कि वह पूर्ण राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में ले लें. 1954 में वह माओ जेडांग, डेंग जियोपिंग जैसे कई चीनी नेताओं से बातचीत करने के लिए बीजिंग भी गए. लेकिन आखिरकार 1959 में चीनी सेनाओं द्वारा तिब्बती राष्ट्रीय आंदोलन को बेरहमी से कुचले जाने के बाद वह निर्वासन में जाने को मजबूर हो गए. इसके बाद से ही वह उत्तर भारत के शहर धर्मशाला में रह रहे हैं जो केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय है.
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CAT 2019: स्लॉट 2 की ऐसी रही परीक्षा, यहां पढ़ें एनालिसिस
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ऐसी रही स्लॉट 2 की कैट परीक्षा
इस सेक्शन से पूछे गए थे ऐसे प्रश्न
CAT 2019:
कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) 2019 की परीक्षा का आयोजन 24 नवंबर 2019 को किया गया. ये परीक्षा 180 मिनट के लिए थी और उम्मीदवारोंA को प्रत्येक भाग में सवालों के जवाब देने के लिए 60 मिनट दिए गए थे. आइए जानते हैं कैसा था दूसरे स्लॉट का पेपर.
पहले स्लॉट की परीक्षा में परीक्षार्थियों का अंग्रेजी मुश्किल लगी. वहीं दूसरे स्लॉट की परीक्षा के छात्रों का कहना है कि पेपर मे कैट 2018 की तुलना में पैटर्न में कोई बदलाव नहीं हुआ था.
CAT 2018 की तुलना में VARC सेक्शन को अधिक कठिन बताया गया था, आरसी काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ थाय CAT 2018 की तुलना में DI & LR सेक्शन थोड़ा आसान था. QA सेक्शन 2018 की तुलना में अपेक्षाकृत आसान था. आपको बता दें, पिछले साल की तुलना में डीआईएलआर आसान था.
कुल मिलाकर, कैट 2019 कैट 2018 की तुलना में थोड़ा आसान दिखाई देता है, जिसमें दो खंड (डीआईएलआर और क्यूए) कैट 2018 की तुलना में आसान पक्ष में हैं, और एक खंड (VARC) कठिन रहा है.
ये परीक्षा भारत के 156 शहरों में फैले 376 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई. बता दें कि इस बार IIM कोझीकोड ने कैट परीक्षा का आयोजन किया था.
परीक्षा को तीन खंडों में विभाजित किया गया था
1. वर्बल एबिलिटी एंड रीडिंग कंप्रीहेंशन
2. डाटा इंटरप्रिएशन एंड लॉजिकल
3. रीजनिंग एंड क्वांटिटेटिव एबिलिटी
कैैट परीक्षा भारत के 156 शहरों में फैले 376 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई. इस साल उम्मीद जताई जा रही थी कि परीक्षा में 2.44 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल होंगे. बता दें, परीक्षा 180 मिनट के लिए थी और उम्मीदवारों को प्रत्येक अनुभाग में सवालों के जवाब देने के लिए 60 मिनट दिए गए थे. बता दें कि इस बार IIM कोझीकोड ने कैट परीक्षा का आयोजन किया है.
12 साल से कैट की परीक्षा में शामिल हुए इतने परीक्षार्थी
2019- 2,44,169
2018- 2,40,338
2017- 2,31,000
2016- 2,32,434
2015- 2,18,664
2014- 1,96,988
2013- 1,94,516
2012- 2,14,000
2011- 2,05,000
2010- 2,04,000
2009- 2,41,000
2008- 2,90,000
2007- 2,50,000.
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95 टीचरों को जन्म से पहले मिली बीएड की डिग्री
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बिहार में पैदा होने से पहले ही 95 शिक्षकों ने बीएड की डिग्री हासिल कर ली थी. जी हां, बिहार के सहरसा में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है.
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक बिहार के एलबी सिंह का जन्म 1986 में हुआ लेकिन उन्हें बीएड की डिग्री 1979 में ही मिल गई थी. यानी पैदा होने से सात साल पहले. ऐसा ही एक नाम है इंदु कुमारी का. इंदु कुमार ने भी अपनी बीएड की पढ़ाई जन्म से ठीक सात साल पहले कर ली थी. आपको बता दें कि बिहार में 2010 में नियुक्त 32,127 टीचरों में से 95 टीचर ऐसे है जो जन्म से ठीक पहले बीएड कर चुके हैं.
बिहार में शिक्षकों की भर्ती में लगातार धांधलियों के मामले सामने आते रहे है. माना जा रहा है 32,127 शिक्षकों की भर्तियों में लगभग 3000 भर्तियां फर्जी डिग्री के आधार पर की गई हैं.
राज्य के मानव संसाधन मंत्री का कहना है कि शिकायतें आने के बाद 2012 में ही इसकी जांच के आदेश दे दिए गए थे.
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बच्चों की स्कूल एक्टिविटी पर होगी सरकार की जवाबदेही- अरविंद केजरीवाल
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दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने साउथ दिल्ली के लाजपत नगर के सर्वोदय बाल विद्यालय में सीसीटीवी कैमरों का उद्घाटन किया. इन सीसीटीवी के जरिए अभिभावक अपने बच्चे की एक्टिविटी पर नजर रख पाएंगे. कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल ने अभिभावकों को भी संबोधित किया.
सीसीटीवी कैमरों से रहेगी अभिभावकों की नजर
केजरीवाल द्वारा सरकारी स्कूल में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की खास बात ये है कि इसकी लाइव फीड अभिभावक अपने मोबाइल पर देख सकेंगे. इसके लिए गूगल प्ले से DGS Live नाम से एक एप्लीकेशन को डाउनलोड कर अभिभावकों को रजिस्टर करना होगा. रजिस्टर करते ही एक मैसेज कंट्रोल रूम में जाएगा जो अभिभावकों को लॉगिन आईडी मुहैया कराएगा. एप्लीकेशन का लॉगिन मिलने के बाद अभिभावकों को अपने मोबाइल पर स्कूल का नाम और कक्षा का चयन करना होगा, जिसके बाद वो अपने बच्चे की एक्टिविटी को देख पाएंगे.
आज का दिन मील का पत्थर: केजरीवाल
शहीद हेमू कालानी सर्वोदय बाल विद्यालय में 211 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसे लॉन्च करने के लिए अरविंद केजरीवाल पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, 'आज का दिन शिक्षा के क्षेत्र में पूरी दुनिया में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा. हर क्लास की फीड बच्चे के अभिभावक को देखने मिले, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. मोहल्ला क्लीनिक से लेकर हैप्पीनेस कार्यक्रम और अब स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाना एक बड़ा कदम है.'
अभिभावकों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष पर भी सवाल खड़े किए. केजरीवाल ने कहा, 'विपक्ष द्वारा स्कूल में सीसीटीवी कैमरों के जमकर विरोध किया गया, डर पैदा करने से लेकर कोर्ट में मामला उठाया गया. लेकिन स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे से अभिभावकों को भरोसा मिलेगा कि उसका बच्चा स्कूल में सुरक्षित है. नवंबर तक दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लग जाएंगे.'
साथ ही केजरीवाल ने अभिभावकों को यह भरोसा भी दिलाया कि सीसीटीवी कैमरों से बच्चों की प्राइवेसी पर असर नहीं होगा. केजरीवाल ने कहा, 'अभिभावक एक-एक मिनट सरकार से सवाल पूछ सकते हैं. सरकार की जवाबदेही होगी कि आपका बच्चा स्कूल में क्या कर रहा है. ये असली जनतंत्र है. इससे जनतंत्र मजबूत होगा. सीसीटीवी कैमरों की वजह से स्कूली बच्चों के नतीजे भी अच्छे आएंगे.'
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान प्राइवेट स्कूलों में भी सीसीटीवी लगाने के 'आजतक' के सवाल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'प्राइवेट स्कूलों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं लेकिन सरकारी स्कूल में सीसीटीवी कैमरे की योजना के अनुभव के आधार पर प्राइवेट स्कूलों पर भी सख्ती की जाएगी.'
सीसीटीवी कैमरे पर बोले मनीष सिसोदिया
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों को टीचर्स और बच्चों के लिए सकारात्मक बताया है. वहीं सिसोदिया ने कहा, 'सीसीटीवी कैमरे की लाइव फीड घर पर बैठी मां जब चाहे देख सकती है. अभिभावक टीचर्स पर आरोप लगाते हैं कि वे क्लास में नहीं जाते, लेकिन सीसीटीवी कैमरों से टीचर्स को भी राहत मिलेगी. एक बच्चे ने मुझे बताया कि सीसीटीवी लगने से मेरी पेंसिल चोरी होनी बंद हो गई है'.
इस बीच कार्यक्रम में पहुंचे अभिभावकों से मनीष सिसोदिया ने पूछा कि क्या स्कूल में सीसीटीवी लगना चाहिए या नहीं. कई अभिभावकों ने सहमति जताते हुए कहा कि बच्चे कंट्रोल में रहेंगे और सीसीटीवी से सुरक्षा का अहसास रहेगा. एक अभिभावक ने स्कूल के बाहर स्कूली बच्चों के बीच मारपीट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सीसीटीवी लगने के बाद बच्चे सतर्क हो गए हैं और अब मारपीट नहीं करते.
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जानें, घर के मुख्य द्वार का वास्तु कैसा होना चाहिए
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घर का मुख्य द्वार बहुत महत्वपूर्ण होता है. मुख्य द्वार से लक्ष्मी जी सम्पन्नता सुख समृद्धि और खुशहाली आती है. मुख्य द्वार गड़बड़ हो, वास्तु अनुसार अनुकूल ना हो तो दरिद्रता, बीमारी, गरीबी, क़र्ज़ संकट और दुश्मनी घर में घुसती है. आइए जानते हैं मुख्य द्वार का वास्तु कैसा होना चाहिए...
मुख्य द्वार पर गणेश जी रखें. रंगोली बनानी चाहिए. फूलों का गुलदस्ता रखें. घंटी लगाएं. सुन्दर परदे लगाएं. दरवाजे सुन्दर रंग के हों. काले-नीले ना हों.
दरवाजे पर लाल सिंदूर से बाहर त्रिशूल, स्वास्तिक, ॐ लिखें. इससे घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.
उत्तर दिशा में मुख्य द्वार हो तो
यह दिशा बहुत शुभ होता है
मुख्य द्वार पर शुक्रवार को पीले गेंदे फूल की माला टांग दें
गणेश जी की फोटो लगाएं
घर के मुख्य द्वार को सौभाग्यशाली बनाएं
मुख्य द्वार का मुहं उत्तर पूर्व या दक्षिण पूर्व हो तो
बहुत अच्छा नहीं माना जाता है
गुरुवार और मंगलवार को दरवाजे के अंदर
एक पात्र में गुलाब की पंखुड़ियां पानी में भिगोकर रखें
एक पानी से भरा घड़ा दरवाजे के पास रखें
मुख्य द्वार पर लाल सिंदूर लगाकर रखें
सुख समृद्धि आएगी
दरवाजे का मुख दक्षिण पश्चिम हो या उत्तर पश्चिम दिशा में खुलता हो तो
बुधवार या सोमवार को उपाय करें
एक क्रिस्टल बॉल टांग दें या कृष्ण जी को चढ़ाकर एक बांसुरी टांग दें
शुक्रवार को मुख्य द्वार पर गुलाबजल वाला जल छिड़कें
मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा में हो तो शुभ माता जाता है
सुख समृद्धि के लिए उपाय कर सकते हैं
किसी रविवार को एक जटावाला पानीवाला नारियल
लाल कपड़ा लपेटकर मुख्य द्वार पर टांग दें
हर महीने नारियल बदलते रहें
रविवार को मुख्य द्वार पर तिल तेल का दीपक जलाएं
दरवाजे का मुख पश्चिम दशा में हो तो शुभ नहीं माना जाता है
इसका उपाय करें
सोमवार को दरवाजे पर लाल धागे में पांचमुखी
रुद्राक्ष टांग दें ---दरवाजा लाल रंग से रंग दें
दरवाजा दक्षिण की तरफ हो तो शुभ नही माना जाता है
दरवाजे पर मंगलवार को काले धागे में एक निम्बुं और सात हरी मिर्च टांगें
हनुमान जी का मुखौटा लगाकर रखें
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जम्मू-कश्मीरः दिखावे का चुनाव
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जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 5 अक्तूबर को आतंकवादियों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के दो कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी. इसके बाद निकाय चुनावों में श्रीनगर के डलगेट वार्ड के 15 उम्मीदवारों में शामिल मुजम्मिल जान ने अपना नाम वापस ले लिया. इस घटना की दहशत चुनाव के पहले चरण के मतदान यानी 8 अक्तूबर तक कायम रही और कुल 84,000 मतदाताओं में से केवल 8.2 प्रतिशत ही वोट देने को बाहर निकले.
हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर रियाज नायकू ने 'उम्मीदवारों की आंखों में तेजाब डालकर अंधा' कर देने की धमकी दी है. आतंकवादियों की धमकी के अलावा घाटी के दोनों प्रमुख दलों, एनसी और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के चुनाव के बहिष्कार के कारण भी मतदान का प्रतिशत कम रहा.
पूर्व मंत्री नईम अख्तर ने इसे ''धोखाधड़ी वाला चुनाव जिसमें बाहरी उम्मीदवारों को लोगों पर थोपा जा रहा है'' करार देते हुए कहा कि इससे ''कश्मीरियों के दिलों में भारतीय राज्य के प्रति भरोसा और घटेगा.'' पीडीपी के वरिष्ठ नेता का आरोप है कि भाजपा घाटी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए इन चुनावों का बेजा इस्तेमाल कर रही है. घाटी में भाजपा के पास एक भी विधानसभा सीट नहीं है और न ही लोकसभा सीट. उसका घाटी में कोई आधार ही नहीं है इसलिए वह नगरपालिका चुनावों का इस्तेमाल, पिछले दरवाजे से अपनी जगह बनाने के लिए कर रही है.
घाटी में निकाय चुनावों में अधिकतम सीटें जीतकर भाजपा, अपने पहले प्रयास में ही सात नगरपालिकाओं में बहुमत हासिल कर रही है. आतंकवादियों की धमकी और एनसी-पीडीपी के चुनावों के बहिष्कार की बदौलत भाजपा के 70 उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाएगा. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से अधिकांश अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में हैं. ये दक्षिण कश्मीर के वे जिले हैं जो आतंकवाद के गढ़ हैं और जहां भाजपा के कार्यकर्ता कभी पैर रखने की भी हिम्मत नहीं कर पाते.
घाटी के 598 नगरपालिका वार्डों में से 244 में कोई चुनाव नहीं होगा क्योंकि इन सीटों पर सिर्फ एक उम्मीदवार ने पर्चा भरा है. 167 वार्ड ऐसे हैं जहां किसी ने पर्चा नहीं भरा इसलिए इन वार्डों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा. राज्य चुनाव आयोग, पंचायत चुनाव के बाद जनवरी में किसी समय इन वार्डों में 'उपचुनाव' कराने की योजना बना रहा है. एनसी के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने इसे 'जम्हूरियत का मजाक' बताया.
घाटी में निकाय चुनावों को लेकर ज्यादा उत्सुकता रही क्योंकि उम्मीदवारों के नामों की जानकारी मतदाताओं समेत किसी को भी नहीं थी. आतंकवादी खतरों के कारण बहुत ज्यादा गोपनीयता बरती गई और प्रत्याशियों ने वोट मांगने के लिए कोई प्रचार नहीं किया.
वहीं अख्तर कहते हैं, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घाटी का चुनाव, बिना घाटी की भागीदारी के कराने के उसी पुराने कांग्रेसी ढर्रे को अपना लिया है?''
70 भाजपा उम्मीदवार घाटी में निर्विरोध चुने गए क्योंकि एनसी-पीडीपी ने बहिष्कार किया है
—असित जॉली और मोअज्जम मोहम्मद
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रिवर्स चार्जिंग और ट्रिपल कैमरे के साथ Redmi Note 7S को टक्कर देने आया Vivo Y12
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Vivo Y12 को आधिकारिक तौर पर पेश कर दिया गया है और कंपनी ने इसकी शुरुआती कीमत 11,999 रुपये रखी है. पिछले काफी दिनों से इस फोन की चर्चा थी. इस फोन को बिना किसी शोर-शराबे के लॉन्च किया गया है और इसकी बिक्री इसी हफ्ते शुरू की जाएगी. ये जानकारी 91Mobiles के हवाले से मिली है. फिलहाल सेल की डेट सामने नहीं आई है.
आपको बता दें Vivo Y12 एक ऑफलाइन सेंट्रिक फोन है और इसे केवल रिटेल प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध कराया जाएगा. Vivo Y12 के बैक पैनल पर ट्रिपल रियर कैमरा दिया गया है. साथ ही इसमें वाटरड्रॉप नॉच डिस्प्ले और 5000mAh की बड़ी बैटरी भी दी गई है. खास बात ये है कि इसमें रिवर्स चार्जिंग सपोर्ट भी दिया गया है.
स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो Vivo Y12 में HD+ स्क्रीन रिजोल्यूशन के साथ 6.35-इंच Halo फुलव्यू डिस्प्ले दिया गया है. इस फोन में 4GB रैम और 64GB स्टोरेज के साथ 2.0GHz ऑक्टा-कोर MediaTek Helio P22 प्रोसेसर दिया गया है.
फोटोग्राफी के सेक्शन की बात करें तो इस स्मार्टफोन के रियर में ट्रिपल कैमरा सेटअप दिया गया है. यहां 8-मेगापिक्सल + 13-मेगापिक्सल + 2-मेगापिक्सल का सेटअप मौजूद है. वहीं फ्रंट पैनल पर इस स्मार्टफोन में 8 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. सॉफ्टवेयर की बात करें तो यहां एंड्रॉयड 9 पाई बेस्ड FunTouch OS दिया गया है. इस स्मार्टफोन के रियर में फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है.
कीमत की बात करें तो Vivo Y12 की कीमत 11,990 रुपये रखी गई है. ये कीमत बेस मॉडल 3GB रैम + 32GB स्टोरेज वेरिएंट की है. वहीं 4GB रैम + 64GB स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 12,990 रुपये रखी गई है. इस कीमत में इस स्मार्टफोन का मुकाबला Redmi Note 7S से रहेगा.
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चिदंबरम और सोनिया से मिले उमर अब्दुल्ला
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कश्मीर में बिगड़े हालात के बीच आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की. यह मुलाकात करीब आधे घंटे चली जिसमें राज्य की हालत पर चर्चा हुई.
गृहमंत्री से मिलने के बाद उमर अब्दुल्ला ने सोनिया गांधी से भी मिले. इस बीच, कश्मीर घाटी में लगातार दूसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है. बांदीपुरा में प्रदर्शन को देखते हुए वहां भी कर्फ्यू लगा दिया गया है. श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक बिल्डिंग में प्रदर्शनकारियों ने आग भी लगा दी.
दरअसल, कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाने की मांग जोर पकड़ रही है.
खबर है कि इस मामले पर भी उमर ने चिदंबरम से बात की है. आज शाम सीसीएस की होने वाली बैठक में कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाने पर चर्चा होगी.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहन ने आज सीसीएस यानी कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक बुलाई है. कहा जा रहा है कि सेना अपने अधिकारों में कटौती के खिलाफ है. विपक्ष भी इसे गैरजरूरी कह रहा है. बीजेपी का कहना है कि अगर सेना के अधिकार कम हुए तो जम्मू-कश्मीर में आतकंवादियों से लड़ने में दिक्कत होगी. कहा तो यह भी जा रहा है कि खुद मनमोहन सिंह कैबिनेट में इस मुद्दे पर मतभेद हैं.
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पॉवर एक्ट में बदलाव के मुद्दे पर कैबिनेट में मतभेद की खबरों से इंकार किया है, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा है कि इस मुद्दे पर सरकार में अलग-अलग राय है, जिस पर सीसीएस को विचार करना है.
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BJP का तेलंगाना-आंध्र में पहले विपक्ष, फिर सत्ता का ये है प्लान
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी करने में भले ही कामयाब रही हो, लेकिन दक्षिण भारत में कर्नाटक-तेलंगाना छोड़ बाकी राज्यों में उसके हाथ कुछ नहीं लगा है. यही वजह है कि उत्तर भारत के बाद बीजेपी दक्षिण भारत के राज्यों में कमल खिलाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. मिशन साउथ के तहत तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए एक खास प्लान बनाया है. इसके तहत बीजेपी तेलंगाना में कांग्रेस और आंध्र प्रदेश में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) की जगह लेने की कोशिश में जुट गई है.
तेलंगाना में बीजेपी का प्लान
लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की 17 संसदीय सीटों में से टीआरएस 9, बीजेपी 4, कांग्रेस 3 और AIMIM को 1 सीट मिली है. इसी तरह से पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव में कुल 119 सीट में से टीआरएस 88, कांग्रेस 19, AIMIM 7, बीजेपी 1, टीडीपी 1 और एक सीट अन्य को मिली थी. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के कई विधायक बगावत कर टीआरएस के साथ जुड़ गए हैं. वहीं, लोकसभा चुनाव में बीजेपी जिस तरह से अपना ग्राफ बढ़ाने में कामयाब रही है और कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है. इससे बीजेपी के हौसले बुलंद हो गए हैं.
रेड्डी समुदाय पर नजर
तेलंगाना में बीजेपी की नजर कांग्रेस और टीडीपी के ऐसे नेताओं पर है जो अपनी-अपनी पार्टी से नाखुश हैं. इसके अलावा बीजेपी यहां कांग्रेस के रेड्डी समुदाय को साधने के साथ-साथ दलित और अन्य पिछड़ी जाति के वोटों को जोड़ने पर लगी है. ऐसे में बीजेपी को लगता है कि तेलंगाना में केसीआर के मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के विरोध से हिंदू वोटबैंक को उसके पक्ष में लामबंद हो सकता है.
आंध्र प्रदेश में टीडीपी का विकल्प बनने की जुगत में
लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की 25 में 22 सीटें जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और तीन सीटें टीडीपी जीतने में कामयाब रही है. इसी तरह विधानसभा चुनाव में कुल175 सीटों में से 151 वाईएसआर कांग्रेस, 23 टीडीपी और एक सीट अन्य को मिली है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों राष्ट्री पार्टियों को एक भी सीट नहीं मिली है.कांग्रेस का सारा राजनीतिक आधार वाईएसआर कांग्रेस में शिफ्ट हो गया है. ऐसे में बीजेपी आंध्र प्रदेश में टीडीपी की जगह लेने की जुगत में है.
बीजेपी की नजर टीडीपी के उन बड़े नेताओं पर है जो चंद्रबाबू नायडू से नाराज हैं. टीडीपी में कई नेता ऐसे हैं जो यह मानते हैं कि चंद्रबाबू नायडू की राजनीतिक गलतियों की वजह से ही टीडीपी की शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा है. इसके अलावा कई नेता मानते हैं कि चंद्रबाबू ने एनडीए से बाहर आकर सबसे बड़ी गलती की. मौके की नजाकत को समझते हुए बीजेपी ने टीडीपी के मजबूत नेताओं को अपने साथ मिलाने में जुटी है. टीडीपी के महासचिव और पूर्व मंत्री ई पेद्दी रेड्डी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं.
2024 पर बीजेपी की नजर
आंध्र प्रदेश में बीजेपी को मजबूत करने और 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव तक पार्टी को मुख्य मुकाबले में खड़े करने की जिम्मेदारी राम माधव और सह-प्रभारी सुनील देवधर के अलावा जेवीएल नरसिम्हा राव के कंधों पर है. इन तीन नेताओं की तिकड़ी बीजेपी के इस प्लान को जमीन पर उतारने में जुट गई है. बीजेपी की प्रदेश में प्राथमिकता कापू जाति पर पकड़ रखने वाले नेताओं पर है.
कापू समुदाय पर बीजेपी डाल रही डोरे
आंध्र प्रदेश में कापू जाति की आबादी करीब 18 फीसदी है और इनकी रेड्डी समुदाय से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता जगजाहिर है. रेड्डी समुदाय एक समय कांग्रेस का मजबूत वोटबैंक माना जाता था जो अब वाईएसआर कांग्रेस के साथ जुड़ गया है. जबकि कापू समुदाय टीडीपी का मूल वोटबैंक है. इसलिए बीजेपी कापू समुदाय के नेताओं को अपने साथ मिलाने में जुटी है. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी ने कांग्रेस छोड़ने वाले कापू जाति के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री कन्ना लक्ष्मी नारायण को पार्टी की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
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तमिलनाडु: 18 विधायकों की योग्यता पर जजों की राय बंटी, बच गई पलानीस्वामी सरकार
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तमिलनाडु की ई. पलानीस्वामी सरकार को बड़ी राहत मिली है. बीते साल एआईएडीएमके की पलानीस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले टी. टी. दिनाकरण गुट के 18 विधायकों की किस्मत पर मद्रास हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान दो जजों की बेंच के बीच इस मामले को लेकर सहमति नहीं बन पाई. जिसके कारण इस फैसले को अब तीन जजों की बेंच के हवाले कर दिया है.
चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने केस को खारिज कर दिया. उन्होंने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराया. और कहा कि स्पीकर के पास इसका अधिकार है. वहीं बेंच के दूसरे जज ने इसके उलट फैसला सुनाया. अब ये मामला तीन जजों की बेंच के पास चला गया है. यानी अभी के लिए पलानीस्वामी सरकार पर कोई खतरा नहीं है.
गौरतलब है कि इन सभी विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था, जिसके बाद इन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी.
फैसले से पहले मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के घर पर बड़े नेताओं की बैठक चल रही थी. पलानीस्वामी को विश्वास है कि वह आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे. अगर फैसला AIADMK के खिलाफ जाता है तो उसपर भी बात की जा रही है. दूसरी ओर, दिनाकरण ने भी अपने 18 विधायकों की मीटिंग बुला ली है. दोपहर एक बजे तक सभी विधायक अब उनके घर में ही रुके.
क्या-क्या हो सकता था?
# अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को गलत ठहराता है, तो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो सकता है. इसमें ई. पलानीस्वामी को संख्या जुटाने में मुश्किल हो सकती है. कहा जा रहा है कि कुछ AIADMK विधायक अपना पाला बदल सकते हैं.
# अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को सही ठहराता है, तो सभी 18 विधानसभाओं पर चुनाव हो सकता है.
# अगर दो जजों की बेंच कोई फैसला नहीं निकाल पाती है तो ये केस तीन जजों के बेंच के पास जाएगा.
अभी क्या है तमिलनाडु विधानसभा की स्थिति?
कुल संख्या - 234
डीएमके - 98
टीटीवी दिनाकरण - 1+18 विधायक (जिनपर मद्रास हाईकोर्ट फैसला करेगा)
एआईएडीएमके - 114
अगर दिनाकरण और डीएमके साथ आए तो?
DMK - 98 + दिनाकरण - 19 = 117
ये हैं वो सभी विधायक -
अयोग्य घोषित किए गए विधायकों के नाम थंगा तमिल सेलवन, आर मुरुगन, मारियुप कन्नेडी, के काथीरकमू, सी जयंती पद्मनाभन, पी पलनिअप्पन, वी सेंथिल बालाजी, सी मुथैया, पी वेत्रिवेल, एन जी पार्थीबन, एम कोठांदपानी, टीए एलुमलै, एम रंगासामी, आर थंगादुराई, आर बालासुब्रमणी, एसजी सुब्रमण्यम, आर सुंदरराज और के उमा महेरी हैं.
इसे पढ़ें... तमिलनाडु में बड़ी सियासी उठापटक, 18 AIADMK विधायक अयोग्य घोषित
आपको बता दें कि इन विधायकों ने अन्य लोगों के साथ बीते 22 अगस्त को तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर से मुलाकात कर कहा था कि वह पलानीस्वामी में विश्वास खो चुके हैं, जिन्हें दिनाकरण ने चुनौती दी है. इन सभी विधायकों ने पलानीस्वामी-पन्नीरसेल्वम सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.
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दिल्लीः नरेला में बंद कमरे में खून से लथपथ मिली महिला, अस्पताल में भर्ती
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब दिल्ली के नरेला पॉकेट बी-4 में सोमवार को कमरे में एक महिला खून से लथपथ बेहोशी की हालत में मिली. डॉक्टर महिला के साथ रेप होने की आशंका भी जता रहे हैं. उनका मानना है कि रेप के बाद महिला पर हमला किया गया और उसके सिर पर भारी चीज से कई वार किए गए. महिला को गंभीर हालत में लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया है.
यह महिला पिछले दो महीने से एक पुरुष के साथ नरेला पॉकेट बी-4 में किराए पर रह रही थी. इस घटना के बाद से महिला के साथ रहने वाला अरुण गायब है. महिला की उम्र 28 साल बताई जा रही है. वह खून से लथपथ कमरे में बंद मिली. कमरे को बाहर से लॉक लगाया गया था. जब पिछले 3 दिन से उस कमरे में कोई हलचल नहीं हुई, तो मकान मालकिन ऊपर देखने के लिए गई.
जब मकान मालकिन ने खिड़की से अंदर झांका तो महिला बेहोश दिखी और बाहर से लॉक लगा हुआ था. इसके बाद मकान मालकिन ने इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और ताला तोड़कर महिला को बाहर निकाला. इसके बाद महिला को तुरंत नरेला के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन हालत बेहद गंभीर होने की वजह से एलएनजेपी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया.
महिला के सिर पर चोट के निशान हैं और डॉक्टरों की मानें तो महिला के शरीर को कई जगह से नोचा गया है. साथ ही रेप की भी आशंका है. माना जा रहा है कि महिला 12 घंटे से ज्यादा समय से बेहोशी की हालत में पड़ी हुई थी. महिला एक अरुण नाम के शख्स के साथ किराए पर रहती थी. अरुण ने मकान मालकिन से महिला को अपनी पत्नी बताया था. इससे ज्यादा मकान मालिकिन भी इस महिला के बारे में नहीं जानती है.
अरुण ने खुद को मूल रूप से बिहार का रहने वाला बताया था. घटना के बाद से अरुण गायब है. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस घटना को अरुण ने अंजाम दिया है या फिर किसी और ने. हम6ले में कई लोग भी शामिल हो सकते हैं. फिलहाल नरेला इंडस्ट्रियल एरिया थाना की पुलिस मामले की जांच कर रही है.
वहीं, एलएनजेपी हॉस्पिल में महिला का इलाज जारी है. महिला के होश में आने के बाद ही पूरी घटना का खुलासा हो पाएगा. संभावना है कि हमलावर, महिला को मृत समझकर छोड़कर फरार हुए. फिलहाल महिला के होश में आने का इंतजार है, ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके.
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अक्टूबर का पहला गाना रिलीज, काफी रोमांटिक नजर आए हैं वरुण-बनीता
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वरुण धवन और बनीता संधू की आने वाली फिल्म अक्टूबर इन दिनों चर्चा में है. हाल ही में फिल्म का पहला गाना रिलीज हुआ है. ये एक रोमांटिक सान्ग है. सान्ग वरुण और बनीता पर फिल्माया गया है. इससे कुछ दिन पहले फिल्म का एक थीम म्यूजिक वीडियो भी रिलीज किया गया था.
गाने के बोल 'ठहर जा' है. गाने को अभिरुची चांद ने अपने शब्दों में पिरोया है. म्यूजिक शांतनु मोइत्रा ने दिया है. गाने को अरमान मलिक ने अपनी सुरीली आवाज में गाया है.
October कपल वरुण धवन और बनिता की ऑफस्क्रीन केमिस्ट्री, PHOTOS
गाने में वरुण और बनीता के प्रेम प्रसंगों को पनपते हुए दिखाया गया है. दोनों गाने के दौरान काफी मासूम नजर आ रहे हैं खास तौर पर बनीता अपने सरल और सुंदर हाव-भाव से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही हैं.
कुछ दिनों पहले निर्माताओं ने फिल्म का एक म्यूजिक वीडियो थीम रिलीज किया था. फिल्म के म्यूजिक मेकिंग सीन्स को मधुर संगीत के साथ दिखाया गया है. फिल्म के ट्रेलर के थीम म्यूजिक को लोगों ने काफी पसंद किया था. जिसके बाद ये सुरमई वीडियो लोगों के लिए निकाला गया.
वरुण को है बेसब्री से 13 अप्रैल 2018 का इंतजार, ये है वजह
फिल्म की कहानी डेन और स्यूइली की प्रेम कहानी है जो एक एक फाइव स्टार होटल में होटल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग लेने आते हैं. इसी बीच दोनों के बीच प्यार पनपता है. फिल्म 13 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी.
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महाराष्ट्र: कॉलेज में तिरंगा फहराए जाने के दौरान 4 छात्रों ने पिया जहर
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महाराष्ट्र के चंद्रपुर में तिरंगा फहराए जाने के दौरान 12वीं में पढ़ने वाले चार छात्रों ने मंच पर ही जहर पीकर खुदकुशी करने का प्रयास किया. घटना जीवति तहसील के विट्ठलराव जाधव जूनियर कॉलेज की है. चारों छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इसलिए पिया जहर
पीड़ित छात्रों ने बताया कि हम समय-समय पढ़ाने योग्य टीचर, प्रैक्टिकल लैब और स्कॉलरशिप की मांग करते रहे हैं. लेकिन प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था. इसलिए हमने जहर पिया.
घटना के बाद मचा हड़कंप
गैर सरकारी कॉलेज की इस घटना से कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया. कॉलेज के प्रिंसिपल पद्माकर शिवरकर ने बताया कि चारों छात्रों को तुरंत अस्पताल ले गए. चारों अब खतरे से बाहर हैं.
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अगस्ता डील पर बोलीं सोनिया गांधी- आप संसद में देखेंगे हमारी रणनीति
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अगस्ता वेस्टलैंड डील में घोटाले का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को एक बार फिर संसद में इसे लेकर हंगामे के आसार हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पार्टी के बड़े नेताओं ने बैठक कर इस पर रणनीति तैयार की है. रणनीति के बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने तल्ख तेवर अपनाते हुए कहा कि आप संसद में देखेंगे कि हमारी रणनीति क्या होगी?
बचाव नहीं, हमला करेगी कांग्रेस
इस बैठक में सोनिया के साथ अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अभिषेक मनु सिंघवी, ए.के. एंटनी, आनंद शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस बचाव की मुद्रा में नहीं आएगी और लगातार हमलावर रहेगी.
राहुल गांधी का बयान
अगस्ता केस में अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर राहुल गांधी ने सफाई दी. राहुल गांधी से जब पूछा गया कि इल्जाम लग रहा है कि आपका कनेक्शन है अगस्ता वेस्टलैंड केस से... राहुल ने कहा कि ये सब गलत है. जब राहुल गांधी से ये पूछा गया कि आपने दुकानें ली हैं एमजीएफ से तो राहुल ने जबाब दिया कि हां ली थी इन सबकी जानकारी मेरे चुनावी हलफनामे में है.
Yes I did, and it is on my affidavit. What is wrong in it?: Congress vice president Rahul Gandhi on Kirit Somaiya's allegations
— ANI (@ANI_news)
May 4, 2016
सोनिया गांधी के बचाव में उतरेगी बीजेपी
इटली की एक कोर्ट के जज ने एक चैनल को दिए ताजा बयान में सोनिया को क्लीन चिट दी है. कांग्रेस इसका हवाला संसद में देगी. इसके अलावा कांग्रेस इस मामले को भी उठाएगी कि प्राइवेट चैनल के पास अगस्ता मामले से जुड़े गोपनीय दस्तावेज कैसे पहुंचे. साथ ही कांग्रेस ने दो साल में कोई एक्शन न लेने को लेकर सरकार को घेरने का भी मन बना रखा है.
राहुल गांधी को बचाने की रणनीति
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी बचाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर ली है. कांग्रेस संसद में बताएगी कि राहुल ने सारी जानकारी चुनाव आयोग को दिए अपने एफिडेविट में दे रखी हैं.
कांग्रेस ने अपने सांसदों को सोमवार से ही पूरे हफ्ते के लिए थ्री लाइन व्हिप जारी किया है और सभी सांसदों को संसद में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. बुधवार को भी 10 जनपथ पर सोनिया गांधी और पार्टी के बड़े नेताओं के बीच बैठक होगी.
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FIFA वर्ल्ड कपः नाइजीरिया को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा फ्रांस
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फ्रांस ने दूसरे हाफ में पाल पोग्बा के गोल और जोसेफ योबो के आत्मघाती गोल के दम पर नाइजीरिया को 2-0 से हराकर विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया.
जुवेंटस के स्टार पोग्बा ने निर्धारित समय से 11 मिनट पहले नाइजीरियाई गोलकीपर विंसेंट एंयीमा को छकाते हुए शानदार हेडर पर गोल किया. फिर आखिरी मिनटों में मथियू वाल्बूना के क्रॉस पर योबो ने गेंद अपने ही गोल में डाल दी. इस हार से नाइजीरिया का पहली बार विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का सपना भी चूर चूर हो गया.
फ्रांस का सामना क्वार्टर फाइनल में शुक्रवार को जर्मनी या अल्जीरिया से होगा. यह हार फ्रांस में बसे नाइजीरियाई गोलकीपर एंयीमा के लिये भी काफी निराशाजनक रही जिसने पूरे मैच में कई शानदार गोल बचाकर उम्मीदें बनाये रखी थी. दिदिएर डेसचैम्प्स की फ्रांसीसी टीम हालांकि जीत की हकदार थी जिसने पूरे मैच में अपना दबदबा बनाये रखा था. नाइजीरिया ने 1998 में फ्रांस में हुए विश्व कप के बाद पहली बार अंतिम 16 में प्रवेश किया था. यहां माने गारिंचा नेशनल स्टेडियम पर जमा दर्शकों ने तालियां बजाकर टीम को विदाई दी.
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बॉक्स ऑफिस पर ऋतिक-टाइगर की वॉर की बंपर कमाई, पांचवें दिन कमाए इतने करोड़
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ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म वॉर ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है. फिल्म की कमाई का कलेक्शन शानदार होने जा रहा है, ये पहले दिन ही साबित हो गया था. फिल्म ने पहले दिन 53. 15 करोड़ के बिजनेस के साथ धमाकेदार ओपनिंग की थी. अब ये फिल्म 200 करोड़ के आंकड़े को छूने के करीब पहुंच रही है.
फिल्म ने अब तक चार दिन में 128 करोड़ का बिजनेस किया था. पांचवें दिन फिल्म के कलेक्शन की रिपोर्ट 36 करोड़ बताई जा रही है. फिल्म ने महज 5 दिन में ही 168 करोड़ का बिजनेस कर लिया है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श की रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म जल्द 200 करोड़ का आंकड़ा छूकर नया रिकॉर्ड बनाएगी.
#War
#Hindi
: Wed 51.60 cr, Thu 23.10 cr, Fri 21.30 cr, Sat 27.60 cr. Total: ₹ 123.60 cr.
#Tamil
+
#Telugu
: Wed 1.75 cr, Thu 1.25 cr, Fri 1.15 cr, Sat 1.10 cr. Total: ₹ 5.25 cr.
Total: ₹ 128.85 cr
#India
biz.
⭐️ Should hit ₹ 200 cr in its *extended* Week 1.
— taran adarsh (@taran_adarsh)
October 6, 2019
वॉर ने अब तक बनाए हैं ये रिकॉर्ड
#1. हाइएस्ट ओपनर हिंदी फिल्म
पावरफुल एक्शन से भरपूर वॉर ने हिंदी रीजन में 51.60 करोड़ और तमिल-तेलुगू में मिलाकर 1.75 करोड़ कमाए हैं. फिल्म का भारत में कुल कलेक्शन 53.35 करोड़ है. वॉर पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म है.
#2. हाइएस्ट ओपनर (नेशनल हॉलिडे)
वॉर 2 अक्टूबर को गाधी जयंती के मौके पर रिलीज हुई. फिल्म को 5 दिनों का लंबा वीकेंड मिला है. गांधी जयंती की छुट्टी का फिल्म को जबरदस्त फायदा मिला है. नेशनल हॉलिडे पर वॉर पहले दिन सबसे ज्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म है.
#3. ऋतिक-टाइगर-YRF की हाइएस्ट ओपनर
ये फिल्म ऋतिक रोशन, टाइगर श्रॉफ और यशराज फिल्म्स के लिए वरदान साबित हुई है. वॉर टाइगर-ऋतिक के करियर की हाइएस्ट ओपनर बन गई है. साथ ही यशराज बैनर को भी इस फिल्म ने इतिहास रचने का मौका दिया है.
#4. साय रा नरसिम्हा रेड्डी-जोकर की रिलीज का नहीं असर
वॉर के साथ पर्दे पर साउथ सुपरस्टार चिरंजीवी की साय रा नरसिम्हा रेड्डी और हॉलीवुड की बड़ी फिल्म जोकर रिलीज हुई. सिनेमाघरों में आईं इन दो बड़ी फिल्मों ने वॉर की रिकॉर्ड तोड़ कमाई पर ब्रेक नहीं लगाया. बंगाल में कई बंगाली फिल्में भी रिलीज हुईं. लेकिन वॉर की कमाई पर कोई ग्रहण नहीं लगा सका.
#5. 2019 में ओपनिंग डे सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म
वॉर 2019 की पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है. इसने सलमान खान की भारत (42.30 करोड़), मिशन मंगल (29.16 करोड़), साहो (हिंदी) (24.40 करोड़) और कलंक (21.60 करोड़) के फर्स्ट डे कलेक्शन को पछाड़ दिया है.
#6. लिमिटेड रिलीज के बावजूद
वॉर की रिकॉर्ड ब्रेकिंग कमाई
वॉर को भारत में 4000 स्क्रीन्स (हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषा) मिली. ओवरसीज में ये फिल्म 1350 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई. वर्ल्डवाइड वॉर को 5350 स्क्रीन्स मिली. बुधवार को वॉर को इंटरनेशनल मार्केट में लिमिटेड रिलीज मिली. इनमें सिर्फ इवनिंग और नाइट शोज ही शामिल रहे.
#7. वॉर की ऑस्ट्रेलिया में भी बंपर ओपनिंग
वॉर ने ऑस्ट्रेलिया के बॉक्स ऑफिस पर तूफान मचा दिया है. मिड वीक रिलीज के बावजूद ये ऑस्ट्रेलिया में 2019 की हाइएस्ट ओपनर हिंदी फिल्म बन गई है. ये ऑस्ट्रेलिया में ऋतिक रोशन की सबसे बड़ी ओपनर साबित हुई है.
#War
storms
#Australia
... Despite midweek release, has emerged highest opening
#Hindi
film [2019] in
#Australia
... Wed A$ 130,682... Surpasses
#GullyBoy
,
#Bharat
and
#Kalank
...
#War
is also
#Hrithik
’s biggest opener in
#Australia
, surpassing his films by a big margin.
@comScore
— taran adarsh (@taran_adarsh)
October 3, 2019
#8.
वॉर के लिए टिकटों की जबरदस्त एडवांस बुकिंग
वॉर को लेकर लोगों में काफी क्रेज है. रिलीज से पहले ही फिल्म का काफी बज बना था. ट्रेड एनालिस्ट कोमल नहाटा के मुताबिक, रिलीज से पहले मिड नाइट तक पीवीआर, INOX और सिनेपोलिस में वॉर की 4.05 टिकटें बुक की हुई थीं.
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'नो वर्क नो पे' पर पलटी BJP!
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कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा पर उनके उस सुझाव के लिए पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि संसद में गतिरोध के लिए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ की नीति अपनाई जानी चाहिए. पार्टी ने कहा कि इस तरह की राय गलत है क्योंकि कांग्रेस के सांसद कठोर परिश्रम कर रहे हैं. BJP ने भी इस मामले पर अपने रुख में बदलाव किया है.
इस बारे में पूछे जाने पर
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश
ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम काम कर रहे हैं. हमारी स्थायी समिति की बैठक है. मेरी कल भूमि मामले पर प्रवर समिति और स्वास्थ्य पर एक स्थायी समिति की बैठक भी है. इसलिए, यह कहना गलत है कि सांसद काम नहीं कर रहे हैं. सांसद कठोर परिश्रम कर रहे हैं.’ शर्मा ने शनिवार को वाराणसी में कहा था कि सांसदों पर काम नहीं तो वेतन नहीं की नीति लागू करने का सुझाव है.
पलट गए शर्मा!
हालांकि शर्मा के इस बयान को लेकर सदन में बहस छिड़ गई जिसके बाद उन्होंने ऐसी कोई बात कहने से इंकार कर दिया. आनन-फानन में बीजेपी की तरफ से इस मामले पर सफाई भी आ गई. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘सरकार को
काम नहीं तो वेतन नहीं
के मुद्दे पर चर्चा से कोई आपत्ति नहीं होगी. लेकिन फिलहाल सरकार के पास इस तरह का कोई मुद्दा नहीं है.’
गौरतलब है कि शर्मा ने वाराणसी में कहा था, ‘एक सुझाव है कि नौकरशाहों की तरह ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ की नीति सांसदों पर भी लागू की जानी चाहिए.’
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा
ने आगे कहा था कि सरकार इसकी योजना बना रही है और वरिष्ठ मंत्री इस बारे में आमसहमति बनाने के लिए विपक्ष के सम्पर्क में हैं.
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एक्ट्रेस ने एक्स पर पब्लिसिटी के लिए Kiss करने का लगाया आरोप
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सीरियल 'मेरे अंगने में' में कजिन्स बने चारू असोपा और नीरज मालवीय के बीच सेट पर प्यार शुरू हुआ था. दोनों ने सगाई भी कर ली थी, लेकिन उनके रिश्ते में किसी वजह से दूरियां आई और उन्होंने अपना रिश्ता तोड़ लिया. अब चारू ने नीरज पर पब्लिसिटी के लिए जबरन किस करने का आरोप लगाया है.
दरअसल, दोनों बॉक्स क्रिकेट लीग में अलग-अलग टीमों से खेलते हैं. एक पोर्टल की मानें तो मैच के दौरान नीरज अच्छे से बोलिंग नहीं कर पा रहे थे. तभी चारू, जो ऑडियंस में बैठी थीं, अपने टीम के लिए चीयर करने लगीं. उसके बाद चारू ने नीरज को ताना मारते हुए कहा कि वो अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहे क्योंकि उनकी लकी चार्म (चारू) उनके साथ नहीं है. इसके बाद नीरज ने उन्हें गले लगा लिया और किस भी किया. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि दोस्ती में उन्होंने ऐसा किया है.
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बॉम्बे टाइम्स से बात करते हुए चारू ने कहा- जब नीरज ने मुझे हग और किस तो मैं शॉक्ड रह गई. मैंने गेम के बाद उससे पूछा कि क्या उसकी इस हरकत का मतलब मैं ये मानू कि हमारा रिश्ता ठीक हो सकता है. चारू की इस बात पर नीरज ने गंदे तरीके से जवाब दिया.
नीरज ने कहा- इसके आधार पर कोई निष्कर्ष मत निकालो.
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चारू ने कहा कि मुझे लगा कि इस शो के जरिए मुझे मेरा प्यार वापस मिल जाएगा, लेकिन इस घटना के बाद मुझे पता चल गया है कि हमारे रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है. कुछ एक्टर्स पब्लिसिटी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. नीरज ने फुटेज पाने के लिए मुझे पब्लिक में हग और किस किया. मेरे पेरेंट्स मेरे लिए लड़का ढूंढ़ रहे हैं. मैं भी अपने करियर पर फोकस कर रही हूं.
हालांकि इस पूरे मामले पर नीरज का कुछ और ही कहना है. उन्होंने कहा- अगर हमारे रिश्ते को सही होना है तो बहुत सी गलतफहमियों को दूर करना होगा.
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दिनदहाड़े बसपा नेता के घर लूट, महिला को दिया नशे का इंजेक्शन
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दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बदमाशों के हौसले खासे बुलन्द हैं. पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद भी बदमाश एक नई वारदात को अंजाम देने में बड़ी आसानी से कामयाब हो जाते हैं. इसके चलते बुधवार को गाजियाबाद के थाना सिहानी गेट इलाके में दिनदहाड़े बदमाशों ने बसपा नेता के घर में लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है.
लूट की वारदात को हथियारों के बल पर अंजाम दिया गया. घर में मौजूद महिला को वारदात के दौरान बदमाशों ने बांध कर डाल दिया. उसे नशे का इंजेक्शन भी दिया गया. महिला के बेहोश हो जाने पर बदमाशों ने घर में काफी देर घर को खंगाला. लाखों के माल को लेकर चंपत हो गए. पीड़ित महिला बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती है.
हथियारबंद बदमाशों ने गाजियाबाद के थाना सिहानी गेट इलाके के नेहरू नगर 2 स्थित बसपा नेता अमित गर्ग के मकान नंबर 109 और 110 को अपना निशाना बनाते हुए दिन दहाड़े दाखिल हुए. घर में मौजूद महिला मीनू गर्ग को हथियारों के बल पर बंधक बना लिया. उसे नशे का इंजेक्शन देकर एक तरफ बांध कर डाल दिया.
इसके बाद बदमाश लाखों का माल लूट कर आसानी से फरार हो गए. लूट की इस बड़ी वारदात से लगता है कि बदमाशों की संख्या 5-6 रही होगी. बसपा नेता और बिल्डर अमित गर्ग अपनी पत्नी मीनू गर्ग के साथ नेहरू नगर उस्थित मकान में रहते हैं. बुधवार को अमित गर्ग अपने किसी काम से बाहर गए हुए थे.
उन्होंने दिन के दौरान अपने घर पर फोन किया तो लगातार फोन पर घंटी जाती रही. उनकी पत्नी का फोन नहीं उठा. काफी प्रयास करने के बाद जब कोई रिस्पांस नहीं मिला, तो उन्होंने अपने किसी कर्मचारी को घर भेजा. कर्मचारी ने घर जाकर देखा तो उनकी पत्नी बंधी हुई पड़ी थी. इसकी सूचना कर्मचारी ने अमित गर्ग और उनके करीबी को दी.
उनके करीबी पूर्व विधायक सुरेश बंसल ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने ने अमित गर्ग की पत्नी मीनू गर्ग को बेहोशी की हालत में पाया. आनन-फानन में उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अभी पूरी वारदात के बारे में मीनू गर्ग के होश आने के बाद ही साफ हो पाएगा.
इस पूरे मामले में सीओ सेकेंड आतिश कुमार का कहना है कि नेहरू नगर में लूट की वारदात सामने आई है. किस तरह से बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया? इस दौरान
बदमाश
क्या-क्या अपने साथ ले गए हैं? यह मीनू गर्ग को होश आने के बाद ही पता चल पाएगा. फिलहाल मीनू गर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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सरकारी नीतियों से खफा टाटा मोटर्स रुद्रपुर शिफ्ट करेगी प्लांट
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यूपी में औद्योगिक निवेश को लेकर बनाए जा रहे माहौल से ब्रांड यूपी को गहरा धक्का लग सकता है. बताया जा रहा है कि टाटा मोटर्स अपने लखनऊ स्थित प्रोडक्शन प्लांट को उत्तराखंड के रुद्रपुर में शिफ्ट करने वाली है. टाटा मोटर्स ने इस आशय का फैसला अखिलेश सरकार की ओर से मुलायम सरकार में उद्योगों को दी जाने वाली रियायत बहाल नहीं करने के मद्देनजर लिया है.
2006 में मुलायम सिंह ने यूपी में निवेश करने वाले उद्योगों को जो सहूलियत दी थी, उसे मायावती सरकार ने वापस ले ली थी. लखनऊ के देवा रोड स्थित टाटा मोटर्स के इस प्लांट में प्रोडक्शन जल्द ही बंद हो सकता है. टाटा मोटर्स के इस प्लांट से हर रोज तकरीबन तीन सौ बीस ट्रकें और बसें निकलती हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इस वक्त डीटीसी में जितनी भी मार्कोपोलो बसें चल रही है वो सब टाटा के इसी प्लांट से निकली हैं. मगर राज्य सरकार की ओर से दी गई सुविधा वापस लेने से टाटा ने इस प्लांट के प्रोडक्शन को उत्तराखंड के रुद्रपुर में शिफ्ट करने का मन बना लिया है.
दरअसल 2006 में जब मुलायम सरकार थी, तब सरकार ने दो सौ करोड़ से ज्यादा निवेश करने वाले उद्योगों को बीस प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी देने के ऐलान किया था. इसके अलावा दस साल तक सेल्स टैक्स नहीं लेने का भी फैसला किया था. पहले साल का टैक्स ग्यारहवें साल में लेने की छूट दी गई. 2007 में जब मायावती की सरकार आई तो उन्होंने फैसले को निरस्त कर दिया. मायावती के इस फैसले के खिलाफ बाकी उद्योग कोर्ट चले गए, लेकिन टाटा मोटर्स उसमें शामिल नहीं था. उसने सरकार से बातचीत करके इस मुद्दे को हल करना चाहा, मगर वह असफल रहा.
जब सपा सरकार सत्ता में दोबारा आई तो इन्होंने सुविधा बहाल करने की बजाए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की जून 2013 में एक कमेटी बना दी, जो इस बात की जांच करने के लिए है कि कौन कौन से उद्योग सरकार की ओर से दी गई सहूलियतों का बेजा फायदा उठा रहे हैं. लेकिन इस कमेटी ने अभी तक अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है और देरी होने पर टाटा मोटर्स ने यहां से बोरिया बिस्तर बांधने का फैसला कर लिया है.
हालांकि मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार जल्द ही कोई फैसला ले लेगी, लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये सरकार अपने ही किए हुए कमिटमेंट को पूरा नहीं कर पाती. टाटा मोटर्स से जुड़ी कंपनी बेरीज ऑटो के मोहित सूरी का कहना है कि उत्तराखंड शिफ्ट होने से यूपी के लगभग साठ हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे. यह ब्रांड यूपी के लिए बहुत बड़ा धक्का होगा.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने पूरे मामले पर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश के दावे तो होते हैं पर अपने ही कमिटमेंट को ये सरकार पूरा नहीं करती है.
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संसद पहुंचा मुंबई बारिश का मसला, सांसद बोले- बच्चन साहब भी घर से नहीं निकल पाए
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मुंबई में हो रही बारिश ने आम जनता का हाल बेहाल कर दिया है. बारिश की वजह से पूरे शहर में पानी भर गया है और लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बुधवार को मुंबई बारिश का मसला देश की संसद में भी गूंजा. राज्यसभा सांसद माजिद मेमन ने ऊपरी सदन में इस मसले को उठाया और इसे BMC का फेल्योर बताया. उन्होंने कहा कि आज मुंबई बारिश की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. साथ ही उन्होंने तंज कसा कि हालात ऐसे हैं कि अमिताभ बच्चन अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं.
माजिद मेमन ने कहा कि वर्ल्ड मीडिया में मुंबई की शर्मनाक तस्वीरें दिखाई जा रही हैं, ये हर साल के हालात हैं. BMC का बजट 30 हजार करोड़ का है, जिसे शिवसेना-बीजेपी चला रही है. उसके बावजूद इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं.
सांसद ने कहा कि मुझे किसी ने ट्वीट करके कहा सर क्या आपके पास बोट है. उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि अमिताभ बच्चन भी कल अपने घर से बाहर नहीं निकल पाए. बीएमसी के भ्रष्टाचार की वजह से मुंबई के ये हालात हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि लोगों की मौत हो रही है लेकिन कोई जवाब नहीं दे रहा है.
सांसद ने राज्यसभा में कहा कि मुंबई जैसे शहर में सड़कें जरूर बनती हैं, लेकिन सिर्फ दो महीने के अंदर सड़क पूरी तरह से टूट जाती है. उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए एक सिस्टम बनाना चाहिए.
गौरतलब है कि मुंबई में बीते तीन दिनों में लगातार बारिश हुई है, जिसकी वजह से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. पानी इतना कि गाड़ी, जानवर, इंसान हर कोई डूब जाए. बारिश के कारण राज्य में तीस से अधिक लोगों की जान चली गई है.
मंगलवार को भी दो युवकों की गाड़ी पानी में फंस गई थी, जिसमें फंसकर दो युवकों की मौत भी हो गई थी. इसके अलावा तीस लोग दीवार गिरने की घटना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
T 3... Jalsa hote hue ..
pic.twitter.com/PKSZuQm7ju
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan)
July 2, 2019
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने भी ट्वीट कर मुंबई बारिश पर तंज कसा था. उन्होंने एक फिल्म के सीन की तस्वीर साझा की थी. जिसमें वह नाव पर बैठे दिख रहे हैं और कह रहे हैं कि भैया, गोरेगांव ले लीजिएगा.
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पहले अटल, अब मनमोहन की पीठ में पाक ने घोंपा छुरा: दलबीर कौर
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पाकिस्तान में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत के बाद उनकी बहन दलबीर कौर ने कहा है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा घोंपा है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान की जेलों में बंद दूसरे 'सरबजीत' के लिए लड़ाई लड़ती रहेंगी.
अपने भाई की मौत से दुखी सरबजीत की बहन ने कहा कि गलत पहचान का शिकार हुए उनके भाई को वापस लाने में तमाम सरकारें नाकाम रहीं.
दलबीर कौर के मुताबिक, 'उन्होंने (पाकिस्तान) पहले वाजपेयी की पीठ में छुरा घोंपा. अब उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को धोखा दिया है. उन्होंने मेरे भाई की हत्या कर भारत की भावनाओं पर हमला किया है. मेरा भाई इस देश के लिए शहीद हुआ है.'
उन्होंने कहा, '(पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली) जरदारी ने (चुनाव में) जीत हासिल करने के लिए मेरे भाई की हत्या करवाई है.'
दलबीर कौर ने कहा कि वो साल 2005 से सरबजीत का मुद्दा उठा रही हैं, लेकिन उनकी रिहाई के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा, 'अगर कोई कदम उठाया गया होता तो वो अभी जिंदा होता.'
दलबीर कौर ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री अंसार बर्नी ने उनके भाई की रिहाई के लिए 25 करोड़ रुपये मांगे थे. उन्होंने कहा, 'अगर मैंने 2 करोड़ रुपये दे दिए होते तो आज मेरा भाई जिंदा होता. बर्नी ने मुझसे कहा अगर सरबजीत के बदले 25 करोड़ रुपये दे दोगी तो उसे रिहा कर दिया जाएगा. जब मैंने कहा कि मैं गरीब परिवार से हूं तो उन्होंने कहा कि अगर तुम 25 करोड़ रुपये नहीं दे सकती तो कम से कम 2 करोड़ रुपये तो दो.'
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यूनिफॉर्म सिविल कोड पर विधि आयोग की रिपोर्ट का करना होगा इंतजार
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समान नागरिक संहिता यानी
यूनिफॉर्म सिविल कोड
को लेकर
विधि आयोग
की रिपोर्ट आने में अभी और देर लगेगी. आयोग के सूत्रों के मुताबिक समय की कमी की वजह से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर विधि आयोग की रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है.
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बलबीर सिंह चौहान की अध्यक्षता में गठित 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है. आयोग का कहना है कि इस पर रिसर्च के काम में और समय लगेगा. साथ ही आयोग की तरफ से
पर्सनल लॉ
पर कई पक्षों से अभी बातचीत होना बाकी है. जबकि आयोग ने कुछ पक्षों से बैठक कर उनकी राय जानी है.
जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में गठित आयोग को समान नागरिक संहिता में सुधार के सिलसिले में मुस्लिम, हिंदू, ईसाई, पारसी और अन्य मतों के मानने वाले लोगों के पर्सनल लॉ को भी देखना है. वहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि सरकार आयोग का कार्यकाल बढ़ाने पर भी विचार कर रही है.
समान नागरिक संहिता के सिलसिले में विभिन्न धर्मों और मतों के पर्सनल लॉ के तहत विवाह, तलाक, विरासत और सम्पत्ति बंटवारे के नियम होते हैं. चूंकि मुस्लिम पर्सनल लॉ से जुड़े अहम मुद्दों, बहुविवाह और तलाक या हलाला आदि पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है जिसमें विधि आयोग ने फिलहाल हाथ नहीं डाला है. इसीलिए आयोग ने इस बीच बाकी धर्मों और मतों के अधिनियमों पर तो रिसर्च किया पर मुस्लिम पर्सनल लॉ पर सिर्फ कुछ नुमाइंदों से मुलाकात भर की है. ऐसे में देरी की एक वजह यह भी है.
बता दें कि समान नागरिक संहिता (
यूनिफॉर्म सिविल कोड
) पर विधि आयोग राजनीतिक दलों से लेकर सामाजिक और धार्मिक संगठनों से सुझाव मांग रहा है. इसी क्रम में 31 जुलाई को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नुमाइंदों ने आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था. मीटिंग के बाद बोर्ड के प्रतिनिधि ने दावा किया कि विधि आयोग ने अगले 10 साल तक देश में समान आचार संहिता लागू करने की संभावनाओं से इनकार किया है.
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Newswrap: पढ़ें रविवार सुबह की 5 बड़ी खबरें
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शिवसेना ने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि बीजेपी को ईडी, पुलिस, पैसा, धाक के दम पर अन्य पार्टियों के विधायक तोड़कर सरकार बनानी पड़ेगी. दूसरी तरफ थाईलैंड दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आदित्य बिड़ला ग्रुप के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की. वहीं दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद भी लोगों को प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली. न्यूजरैप में पढ़ें आज सुबह की 5 बड़ी खबरें.
घुटने नहीं टेकेगी शिवसेना, BJP को पुलिस, पैसे, धाक से बनानी पड़ेगी सरकार: संजय राउत
शिवसेना ने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा है. नई गठबंधन सरकार के गठन में सीएम पद को लेकर जारी खींचतान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिवसेना ने लिखा कि बीजेपी को ईडी, पुलिस, पैसा, धाक के दम पर अन्य पार्टियों के विधायक तोड़कर सरकार बनानी पड़ेगी.
थाईलैंड में बोले PM मोदी- यह भारत में होने का सबसे अच्छा समय
तीन दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आदित्य बिड़ला ग्रुप के स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत किया. आर्थिक मोर्चे पर अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सालों तक गरीबों पर पैसा खर्च किया गया जो वास्तव में गरीबों तक नहीं पहुंचा. हमारी सरकार ने डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) की बदौलत इस संस्कृति को बदला.
बारिश के बाद और घातक हुई दिल्ली की हवा, प्रदूषण खतरनाक लेवल से पार
दिल्ली-एनसीआर में बारिश के बाद भी लोगों को प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली. शनिवार देर शाम दिल्ली और उसके आसपास कुछ हुई जगहों पर हुई बारिश के बावजूद प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. दिल्लीवालों के लिए रविवार सुबह भी एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं. राजधानी के आईटीओ में AQI सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. यहां पर प्रदूषण का स्तर 486 रहा. वहीं, आनंद विहार इलाके में जहां AQI 478 रिकॉर्ड किया गया तो विवेक विहार इलाके में यह आंकड़ा 483 हो गया.
सोनिया का सरकार पर वार, कहा- RCEP से अर्थव्यवस्था को झटका देने की तैयारी
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. पार्टी महासचिवों और प्रभारियों की बैठक में शनिवार को सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है.
तीस हजारी विवाद: जांच के लिए SIT का गठन, कल हड़ताल पर रहेंगे वकील
दिल्ली की तीस हजारी अदालत में हुए संग्राम की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है. अब इस एसआईटी इस पूरे मामले की कड़ियां खंगालेगी. इस बीच तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग के विरोध में 4 नवंबर को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप रखने का फैसला किया गया है.
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तूल पकड़ा साईं विवाद, शंकराचार्य की मांग- मोदी सरकार से बर्खास्त हों उमा भारती
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साईं बनाम शंकराचार्य विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय मंत्री उमा भारती की सफाई के बाद भी शंकराचार्य स्वरूपानंद की नाराजगी कम नहीं हुई है. हरिद्वार में इस मुद्दे पर हुए संत सम्मेलन में उमा को मोदी मंत्रिमंडल से हटाने की मांग उठी. बैठक में शंकराचार्य ने कहा कि चिट्ठी से काम नहीं चलेगा. उमा ने अपने बयान पर माफी नहीं मांगी है. वह अब भी इस पर कायम है. उमा आकर इस मुद्दे पर बात करें.
संतों की बैठक में शंकराचार्य ने उमा भारती को आड़े हाथों लिया. स्वरूपानंद ने कहा, 'सिर्फ चिट्ठी लिखकर इस विवाद से उमा भारती का पीछा नहीं छूटने वाला. उन्हें स्पष्ट करना होगा कि वह राम की भक्त हैं या साईं की. हमें लगा कि उमा भारती के मंत्री बनने से राम मंदिर बनेगा लेकिन वो चुपके से मुसलमान का ध्यान कर रही हैं. उमा के गुरु हमारी बात से सहमत हैं पर चेली नहीं.'
शंकराचार्य ने एक बार साईं के भक्तों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'जो व्यक्ति जन्म और कर्म से मुसलमान था. तंबाकू खाता था. एकादशी को ब्राह्मणों को मांस खिलाता था, वो कैसा भगवान? वो तो असुर श्रेणी का होगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'गायत्री भी साईं के नाम पर. राम के नाम के आगे भी साईं लगाते हैं. राम अकेले कल्याण करने में समर्थ हैं तो साईं नाम की जरूरत क्यों है? मांसाहार व दुराचार छोड़ो. उलटी-पुलटी बातें बनाकर सनातन धर्म का अपमान बंद हो. मंदिरों में साईं की मूर्ति क्यों लगाई जा रही है? हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की मूर्तियां छोटी होती जा रही हैं और साईं की मूर्ति बड़ी.'
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने साईं के भक्तों के विरोध पर कहा कि वह आगे भी अपनी बात कहते रहेंगे. चाहे लोग प्रदर्शन करें या फिर उनके पुतले जलाए जाएं.
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नेपाल के पीएम की चेतावनी, मधेशियों ने चुनाव बहिष्कार किया तो चुकानी होगी भारी कीमत
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नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने मधेशियों को चेतावनी दी है. प्रचंड ने कहा कि मधेशी-केंद्रीय दलों ने अगर 14 मई को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में भाग लेने की सरकारी अपील को खारिज किया तो उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी.
माओवादी पार्टी के अध्यक्ष
प्रचंड
ने कहा, मधेशी-केंद्रित सात दलों के गठबंधन, संयुक्त लोकतांत्रिक मधेशी मोर्चा की मांगों पर सरकार ने सबसे नरम रवैया अपनाया है, ताकि वह चुनाव प्रक्रिया में शामिल हो सके. वह झापा के बिरतामोड में सीपीएन (माओवादी) की ओर से आयोजित चुनाव रैली को संबोधित कर रहे थे.
काठमांडू पोस्ट की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा, अगर गठबंधन स्थानीय चुनाव में शामिल होने के सरकार के अनुरोध को खारिज करता है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह विरोध कर रहे
मधेशियों
को चुनाव में भाग लेने के लिए राजी करने का प्रयास करेंगे. प्रचंड ने कहा, यदि मोर्चे के नेता स्थानीय चुनाव में भाग लेने से इनकार करते हैं तो, फैसले से उन्हें और उनकी छवि को नुकसान ही पहुंचेगा.
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फ्रेंच जर्नलिस्ट का वाहियात सवाल, महाभारत में 'मुस्लिम' आमिर क्यों?
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आमिर खान के बारे में खबर है कि वे महाकाव्य महाभारत पर बन रही एक फिल्म का हिस्सा होंगे. आमिर बड़े स्केल पर फिल्म बनाना चाहते हैं. खबरों के मुताबिक, इस मेगा बजट प्रोजेक्ट में मुकेश अंबानी पैसा लगाने जा रहे हैं. इसे भारत की सबसे महंगी फिल्म कहा जा रहा है.
इसी दौरान फिल्म में आमिर की भूमिका को लेकर एक फ्रेंच पत्रकार ने सवाल किया है. इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स के अनुसार, Francois Gautier ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने पूछा है, ''क्या सबसे पुराने हिन्दू धार्मिक महाकाव्य में मुस्लिम आमिर खान को रोल करना चाहिए? क्या नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार कांग्रेस जैसी होने जा रही है. सिर्फ धर्म निरपेक्षता के नाम पर? क्या मुस्लिम मोहम्मद का रोल निभाने की इजाजत किसी हिन्दू को देते?''
आमिर की फिल्म का बजट 1000 करोड़, जानें कौन लगा रहा है पैसा?
फ्रेंच कॉलमिस्ट और राइटर का ये ट्वीट पढ़कर गीतकार जावेद अख्तर ने निराशा जाहिर की. उन्होंने रिट्वीट करते हुए लिखा, क्या आपने इसे महान एपिक महाभारत के फ्रांस के पीटर ब्रूक्स प्रोडक्शन को नहीं देखा. मैं जानना चाहूंगा कि किस विदेशी एजेंसी ने आपको इस घ्रणित और जहीरीले विचार को हमारे देश में फैलाने के लिए पैसे दिए हैं''
Why should
@AamirKhan
, a Muslim, play in most ancient & sacred of Hindu epics, the Mahabharata? Is
@BJP4India
Govt of
@narendramodi
going to be like the
@INCIndia
& just stand by in name of secularism??? Would Muslims allow a Hindu to play life of Mohamed?
https://t.co/fC7bvbHkZE
— Francois Gautier (@fgautier26)
March 21, 2018
You scoundrel, have you not seen peter brooks production of this great epic Mahabharsta in France . I would like to know which foreign agency is paying you to spread this kind of perverse and poisonous thoughts in our country
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu)
March 21, 2018
जावेद अख्तर ने आगे कहा, 'आपका भाव अजीब और दुर्भाग्यपूर्ण है. जाहिर होता है आप हमारी भारतीय परंपराओं और संस्कृति के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. क्या आप जानते हैं कि रास खान बुलवे शाह वारिस शाह, बाबा फरीद नजीर अकबरबाद, निजिर बनारसी, बिस्मिल्लाह खान. आप सांप्रदायिकता के कुएं में एक बदबूदार मेंढक हैं.
Francois Gautier इंडिया बेस्ड फ्रेंच राइटर और कॉलमिस्ट हैं. जानकारी के अनुसार, वे फ्रेंच भाषा के न्यूजपेपर के लिए साउथ एशियन पत्रकार के तौर पर काम करते हैं. उनके इस ट्वीट ने नई बहस छेड़ दी है.
आमिर ने पहली बार की अमिताभ की तबीयत पर बात, बताया ये कारण
बता दें कि मुकेश अंबानी ने आमिर खान के ड्रीम प्रोजेक्ट महाभारत में दिलचस्पी दिखाई है. हालांकि अभी मुकेश अंबानी और आमिर खान की तरफ से कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है. आमिर चाहते हैं कि महाभारत भारत की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाए. वे इसका निर्माण भव्य स्केल पर चाहते हैं, हॉलीवुड सीरीज द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स और गेम ऑफ थ्रोन्स की तरह.
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ओबामा ने भारतीय मूल के कार्यकारी को प्रमुख प्रशासनिक पद पर बिठाया
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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय मूल के अमेरिकी कार्यकारी अजय बंगा को प्रमुख प्रशासनिक पद पर नियुक्त किया है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मामले में नीतिगत सलाह देने से जुड़ा है.
अमेरिकी सरकार ने कहा कि बंगा अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के अध्यक्ष हैं और उन्हें व्यापार नीति एवं बातचीत से जुड़ी सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी है. साथ ही प्रशासनिक पदों के लिए कई अन्य नियुक्तियों की घोषणा भी की गई.
ओबामा ने गुरुवार को कहा कि हमारे देश की शान और प्रतिभा के लिए जिन लोगों ने काम किया और अपनी सेवा हमारे देश को दी है, मैं उनकी सेवा के लिए आभारी हूँ. उन लोगों के साथ काम करने को तैयार रहूंगा. बंगा ने आईआईएम- अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की है. सन् 2009 से वह मास्टर कार्ड का पद संभाल रहे हैं.
2009 में मास्टरकार्ड ज्वाइन करने से पहले उन्होंने सन् 1996 से सिटीग्रुप के एशिया प्रशांत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर काम किया है.
उन्होंने बताया कि अपने कैरियर की शुरूआत नेस्ले इंडिया से की जहां उन्होंने 1981-1994 तक बिक्री और प्रबंधन के रूप में सेवा की है. उन्होंने यह भी कहा कि वह मास्टरकार्ड और डाउ केमिकल कंपनी के निदेशक मंडल के एक सदस्य हैं.
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बड़ा हादसा, खाई में गिरी बस, 44 की मौत
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक बड़ा हादसा हो गया है. यहां पर एक बस खाई में गिर गई, जिसमें 44 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं. ये घटना कुल्लू के बंजार में हुई है.
बस कुल्लू जिले के बंजार से एक किलोमीटर आगे भियोठ मोड़ के पास 500 फीट गहरी खाई में गिरी. बस कुल्लू से गाड़ागुशैणी की तरफ जा रही थी. इसमें करीब 40 से 50 लोगों के होने की आशंका जताई जा रही है. खाई से घायलों को निकालने के लिए पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए हैं.नदी के तेज बहाव के बीच स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
हादसा इतना भीषण था कि बस के परखच्चे उड़ गए. हादसे में जो लोग बचे उनका कहना है कि भीषण हादसा होने के बावजूद हम जिंदा बच गए. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. हादसे में घायल 12 महिलाओं, 6 लड़कियों, 7 बच्चों व 10 युवकों को रेस्क्यू किया गया है. वहीं, कुछ की हालत गंभीर है. मौके पर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौजूद हैं.
हादसे के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने शोक जताया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए लिखा 'कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में हुई बस दुर्घटना के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.'
कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में हुई बस दुर्घटना के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएँ। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn)
June 20, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कुल्लू में बस हादसे से बुरी तरह दुखी हूं. जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना. मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द ठीक हो जाएंगे. हिमाचल प्रदेश सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.
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UPSC IFS Main: रिजल्ट जारी, यहां देखें- पर्सनालिटी टेस्ट की तारीख
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UPSC IFS Main 2017:
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने इंडियन फॉरेस्ट सर्विस मुख्य परीक्षा 2017 (IFS Main 2018) का रिजल्ट जारी कर दिया है. जिन उम्मीदवारों ये परीक्षा दी है वह आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in. पर जाकर रिजल्ट देख सकते हैं. बता दें, इस परीक्षा का आयोजन 2 दिसंबर को किया गया था.
UPSC CDS (II) परीक्षा का रिजल्ट जारी, ऐसे देखें
बता दें, जिन्होंने ' इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जाम 2018 (ग्रुप A) के लिए व्यक्तित्व परीक्षण में पास कर ली है. उनकी लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in. पर जारी कर दी गई है. UPSC IFS Main Result: व्यक्तित्व परीक्षण की तारीख व्यक्तित्व परीक्षण 28 जनवरी, 2019 से शुरू हो सकता है. ये परीक्षण नीचे दिए गए पते पर होगा.
UPSC CSAT मामला: 200 सांसदों का साथ फिर सड़क पर क्यों है छात्र?
पता:- यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन, दोहलापूर हाउस, शाहजहां रोड, नई दिल्ली -110069. बता दें, उम्मीदवार व्यक्तित्व परीक्षण के लिए e-Summon Letter 10 जनवरी से आधिकारिक वेबसाइट , upsc.gov.in और upsconline.in से डाउनलोड कर सकते हैं.
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US बोला- 'एशिया-प्रशांत' की जगह 'भारत-प्रशांत' कहना सही, चीन भड़का
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अमेरिकी सरकार ने 'एशिया-प्रशांत' की बजाय 'भारत-प्रशांत' कहने पर जोर दिया है. इस शब्दावली को सही ठहराते हुए इसके बचाव में अमेरिका ने कहा है कि यह भारत के आगे बढ़ने की अहमियत को बयां करता है, जिसके साथ अमेरिका के मजबूत संबंध हैं और यह आगे बढ़ रहा है.
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टोक्यो में संवाददाताओं से कहा, 'भारत के साथ हमारा मजबूत संबंध है और बढ़ता जा रहा है. हम 'भारत-प्रशांत के बारे में बात करते हैं, क्योंकि यह शब्दावली भारत के आगे बढ़ने की अहमियत को बयां करता है.' उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत मुक्त समुद्री साझा हित की अहमियत बयां करता है, जो हमारी सुरक्षा और समृद्धि को जारी रखेगा.
हालांकि, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच एक रणनीतिक वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह भी कहा कि रणनीति का मकसद चीन को रोकना नहीं है. दरअसल इससे पहले खबर आई थी कि वन बेल्ट वन रोड (OBOR) के जरिये पूरी दुनिया पर दबदबा कायम करने की मंशा पाले चीन को जवाब देने के लिए अब जापान भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को साथ लाने की योजना बना रहा है.
खबर के मुताबिक, एशियाई दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने 6 नवंबर को होने वाली मुलाकात के दौरान जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस सिलसिले में प्रस्ताव रखेंगे. इसके तहत चारों देशों के नेता जमीन और समुद्र के रास्ते से होने वाले अपने व्यापार और सुरक्षा मामलों में सहयोग बढ़ाएंगे. दक्षिणपूर्व, दक्षिण और मध्य एशिया के अलावा मध्य पूर्व और अफ्रीका तक इसे फैलाया जाएगा.
प्रशांत और
हिंद महासागर में भारत
को मिलती इस तरजीह ने चीन को खिन्न जरूर कर दिया है. वह इस प्रस्ताव को क्षेत्र में उसके प्रभाव से मुकाबला करने की कोशिश के तौर पर देख रहा है. हालांकि इस बारे में उसने फिलहाल बेहद सधी
प्रतिक्रिया
दी है और कहा कि उसे उम्मीद है इससे तीसरे पक्ष का हित प्रभावित नहीं होगा या उसे निशाना नहीं बनाया जाएगा.
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अल्पसंख्यकों को आरक्षण में गृह युद्ध का खतरा: भाजपा
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भाजपा ने ओबीसी के 27 प्रतिशत कोटा के भीतर अल्पसंख्यकों को 4. 5 प्रतिशत कोटा दिए जाने के सरकार के फैसले को कांग्रेस रचित ‘खतरनाक राजनीतिक खेल’ बताते हुए कहा कि इस निर्णय से देश के विभिन्न समुदायों और जातियों के बीच ‘गृह युद्ध’ जैसी स्थिति बनने की आशंका हो सकती है.
पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘कोटा के भीतर कोटा कांग्रेस का खतरनाक राजनीतिक खेल है. यह विभिन्न समुदायों और जातियों के गृह युद्ध की ओर ढकेल सकता है.’
सरकार ने कल देर रात किए निर्णय में अन्य पिछड़े वर्गो के 27 प्रतिशत आरक्षण में अल्पसंख्यकों को 4. 5 प्रतिशत कोटा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. संविधान के अनुच्छेद 2 सी के अंतर्गत अल्पसंख्यकों में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी आते हैं.
नकवी ने कहा कि भाजपा मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक विकास किए जाने के पक्ष में है, लेकिन कांग्रेस पिछले 60 साल से मुस्लिम समुदाय को महज़ राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है.
ओबीसी कोटा के भीतर अलपसंख्यकों को कोटा दिए जाने को उन्होंने मुसलमानों का राजनीतिक शोषण किए जाने के लिए कांग्रेस की ओर से दिया गया लालीपॉप बताया.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और उसकी संप्रग सरकार द्वारा मुसलमानों और संविधान के साथ किया गया यह सबसे बड़ा धोखा है. एक ओर यह संवैधानिक रूप से गलत है तो दूसरी ओर मुसलमानों को इससे कोई लाभ मिलने वाला नहीं है.’
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने कोकेन का इंजेक्शन लगा कर मुस्लिम वोट के अपहरण का षडयंत्र रचा है. हम जाति और संप्रदाय के नाम पर ऐसे घिनौने खेल की अनुमति नहीं देंगे.
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2 लाख श्रद्धालु इस बार जाएंगे अमरनाथ, सुरक्षा के ऐसे हैं इंतजाम
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पवित्र अमरनाथ यात्रा बुधवार को शुरू हो गई. दक्षिण कश्मीर के इस पवित्र धाम की यात्रा करने के लिए इस साल 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. 40 दिन चलने वाली यह यात्रा 26 अगस्त को खत्म होगी. कश्मीर में आतंकी हमले के अलर्ट के मद्देनजर तमाम सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. जहां सीआरपीएफ, सेना और एनएसजी के कमांडो यात्रा की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे वहीं ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी. इस यात्रा की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं. आइए जानते हैं-
अमरनाथ यात्रा पर ख़ुफ़िया एजेंसियों और खतरे को देखते हुए इस बार तकनीक के आधार पर पूरे यात्रा रूट को सुरक्षित करने का प्लान तैयार हुआ है. अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों का अहम फैसला ये हुआ है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 17 फीसदी ज्यादा सुरक्षा बलों की तादाद बढ़ाई जा रही है. पिछले साल 204 कंपनियां सुरक्षा बलों की थी उन्हें 2018 में बढ़ा कर 238 कंपनिया कर दिया गया है.
IMAGE CREDIT: जितेंद्र सिंह
इस साल 2,11,994 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा के लिए निर्धारित बैंक शाखाओं, समूह पंजीकरण सुविधा और हेलीकॉप्टर टिकट के जरिए अपना अग्रिम पंजीकरण कराया है.
-सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी यात्रा ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं.
-अमरनाथ यात्रा के संवेदनशील जगहों पर ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी. मौसम की जानकारी के लिए डॉप्लर रडार से ली गई जानकारी हर 3 घंटे में सभी यात्रियों को रेगुलर बेसिस पर दी जाएगी.
-टेलीफोन कनेक्टिविटी के लिए आर्मी ने ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिये बीएसएनएल की लाइन अमरनाथ गुफा तक बिछाई है "प्रोजेक्ट क्रांति" के तहत यात्रियों को कनेक्टिविटी दी जाएगी.
-प्राइवेट व्हीकल पर आतंकी खतरे से निपटने और उस पर नज़र रखने के लिए उसको अलग से कार्ड दिया जाएगा.
-NSG कमांडो को स्टैंडबाई पोजीशन में रखा जा रहा है हॉस्टेज की स्थिति में NSG के कमांडो ऑपरेशन करेंगे.
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आज भी अनसुलझे हैं अमरनाथ गुफा के ये रहस्य
-इस वर्ष की यात्रा के लिए पहली बार खुफिया अधिकारी सादी वर्दी में इलेक्ट्रॉनिक और मानव चौकसी करेंगे.
-पहली बार रेडियो फ्रिक्वेंसी लगे यात्रा वाहन, ड्रोन के जरिए निगरानी और कमांडो के मोटरसाइकिल दस्ते यात्रा मार्ग पर तैनात सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों की मदद के लिए तैनात किए जा रहे हैं.
-वार्षिक यात्रा का प्रबंधन करने वाला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस वर्ष प्रत्येक मार्ग से हर रोज 7,500 यात्रियों को ही छोड़ने का निर्णय लिया है. इसमें हालांकि हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए गुफा तक पहुंचने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे.
-समुद्र तल से 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु प्रतिवर्ष वहां उमड़ते हैं.
अमरनाथ यात्रा शुरू, कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू बेस कैंप से यात्रियों का पहला जत्था रवाना
-तीर्थयात्री कश्मीर के दो आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम के लिए जम्मू से रवाना होते हैं. फिर कश्मीर के गंदेरबाल स्थित बालटाल और अनंतनाग स्थित नुनवान ... पहलगाम आधार शिविर पहुंचते हैं. उसके बाद तीर्थयात्री पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होते हैं.
-यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा जिस दिन रक्षा बंधन भी है.
-पहली बार इस बार अमरनाथ जाने वाले वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा और सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सक्रिय रहेगा.
-आधारशिवरों , मंदिरों , रेलवे स्टेशनों , बस स्टैंडों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है.
-तीर्थयात्रियों द्वारा लिये गए प्रीपेड मोबाइल नम्बरों की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 10 दिन कर दी गई है.
-पिछले वर्ष कुल 2.60 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा में दर्शन किये थे.
-वर्तमान रास्ते की क्षमता और तीर्थयात्रा क्षेत्र में उपलब्ध अन्य आधारभूत ढांचे को ध्यान में रखते हुए श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने प्रतिदिन 7500 तीर्थयात्रियों को प्रत्येक रास्ते पर इजाजत देने का निर्णय किया है.
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PM मोदी ने मानस मंदिर में की पूजा, रामायण पर डाक टिकट जारी
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पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कई योजनाओं को हरी झंडी दिखाई. वाराणसी दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी मानस मंदिर पहुंचे. उनके साथ यूपी के राज्यपाल राम नाइक और सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं. मंदिर में पीएम मोदी ने पूजा अर्चना भी की.
डाक टिकट जारी करते हुए पीएम ने कहा कि यह एक डाक टिकट है पर इसमें अनेक टिकट का संग्रह है. ऐसा टिकट आजतक राम पर जारी नहीं किया गया है. राम का जीवन हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, महात्मा गांधी के जीवन में भी राम का प्रभाव रहा है.
इससे पहले मोदी ने वीडियो लिंक के माध्यम से महामना एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई. इस दौरान मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमने दिखाया है काम कैसे होता है. उन्होंने कहा कि जिस योजना का वह शिलान्यास करते हैं, उसका उद्घाटन भी करते हैं. पीएम ने वॉटर एंबुलेंस का भी उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने वाराणसी को एक हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का तोहफा दिया.
पीएम ने इसके अलावा प्रधानमंत्री उत्कर्ष बैंक की बैंकिंग सेवाओं का उद्घाटन किया और बैंक के मुख्यालय की इमारत की आधारशिला के लिए एक पट्टिका का भी अनावरण किया. उत्कर्ष बैंक को माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है. मोदी ने इस दौरान कहा कि विकास ऐसा हो जिससे गरीबों को मजबूती मिले. जो गरीब का सपना है, वह हमारा सपना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं. पीएम वाराणसी पहुंच चुके हैं. इस दौरे पर पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और कई योजनाओं की शुरुआत करेंगे. पीएम शाम को दुर्गा मंदिर में पूजा भी करेंगे.वहीं नरेन्द्र मोदी एक वीडियो लिंक के माध्यम से महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन वाराणसी को गुजरात में सूरत और वडोदरा के साथ जोड़ेगी.
मोदी दो दिन में कई योजना का शुभारंभ करेंगे इनमें बुनियादी सुविधाएं, रेलवे, वस्त्र, वित्तीय समावेश, पर्यावरण और स्वच्छता, पशुपालन, संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़ी योजनाओं का शुभारंभ करना शामिल है. पीएम करीब 17 योजनाओं की शुरुआत करेंगे.
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PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन के विरोध में हाई कोर्ट पहुंचे 1000 किसान
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भारत और
जापान
के सहयोग से बन रही अहमदाबाद-मुंबई
बुलेट ट्रेन
के प्रोजेक्ट में नित नई अड़चनें सामने आती जा रही हैं. मुंबई में हो रहे विरोध के बाद अब इस प्रोजेक्ट के विरोध में 1000 किसानों ने गुजरात में हाई कोर्ट का रुख किया है.
इन किसानों ने हलफनामा देकर कोर्ट से अपील की है कि बुलेट ट्रेन के काम रोका जाए. 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) आगे बढ़ा रहा है. इस प्रोजेक्ट के फंड का 80 फीसदी हिस्सा जापान ने
भारत
को सॉफ्ट लोन के तहत उपलब्ध कराया है.
इस प्रोजेक्ट में गुजरात और महाराष्ट्र में करीब 1,400 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. इसमें से 1,120 हेक्टेयर जमीन प्राइवेट ओनर के पास है. इस जमीन को दोनों राज्यों की सरकारों को अधिग्रहण करना है. इस जमीन के बदले में करीब 6,000 लोगों को मुआवजा दिया जाना है.
गुजरात हाई कोर्ट में पहले ही सूरत के पांच किसानों की अपील की सुनवाई चल रही है. इन किसानों ने गुजरात सरकार के जमीन अधिग्रहण के तरीके का विरोध किया है. इसके बाद अब 1,000 किसानों ने कहा है कि वे अपनी जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं देना चाहते हैं.
इन किसानों का कहना है कि जमीन का अधिग्रहण करने में दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है. किसानों का आशय इस प्रोजेक्ट को फंड देने वाली जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के निर्देशों से है. इसमें अधिग्रहण के पर्यवरणीय और सामाजिक प्रभाव की समीक्षा के लिए कमेटियां बनाने की बात कही गई है, जो कि इस मामले में देखने को नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि इससे उन्हें पर्याप्त मुआवजा भी नहीं मिल रहा है.
किसानों की मांग है कि इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार जमीन का अधिग्रहण करें. किसानों के मुताबिक चूंकि जमीन का अधिग्रहण दो राज्यों में होना है, इसलिए केंद्र इसमें शामिल हो और दोनों राज्यों के किसानों को समान दर से मुआवजा मिले. किसानों ने 2016 में गुजरात सरकार पर जमीन अधिग्रहण नियम (2013) को कमजोर करने का भी आरोप लगाया है.
बता दें कि अब किसान केंद्र सरकार के रुख के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकते हैं. इनका कहना है कि केंद्र जानबूझकर गुजरात हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने में देर कर रहा है.
भारत के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी
और जापान के पीएम शिंजो आबे ने सितंबर 2017 में मुंबई-अहमदाबाद
बुलेट ट्रेन की नींव
रखी थी. दिसंबर 2017 से इस प्रोजेक्ट का काम शुरू भी हो गया था. इस प्रोजेक्ट की प्राथमिकता को देखते हुए इसकी डेडलाइन अगस्त 2023 से कम कर अगस्त 2022 कर दी गई थी.
बता दें कि
बुलेट ट्रेन के आने से
मुंबई और अहमदाबाद के बीच की 500 किमी की दूरी को 320-350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तय करेगी. दोनों शहरों के बीच में 12 स्टेशन होंगे.
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दिल्ली: भतीजे के जन्मदिन में जा रहे युवक की हत्या, तीन आरोपी गिरफ्तार
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सागरपुर इलाके में हुई थी वारदात
पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने सागरपुर इलाके में गुरुवार की सुबह हुई लूट के लिए हत्या के मामले का पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दक्षिण-पश्चिम जिले के सागरपुर इलाके में भतीजे के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे 27 वर्षीय मोनू की हत्या हुई थी. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी.
पुलिस के मुताबिक मोनू को राहुल और सुनील ने पकड़ रखा था, जबकि रमेश ने उस पर चाकू से कई वार क्या था. यह सीसीटीवी बेहद दहलाने वाला है. कत्ल की इस वारदात को जिसने भी देखा वह सिहर उठा. पुलिस के मुताबिक 27 साल का मोनू त्यागी अपने भतीजे के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में जा रहा था.
बताया जाता है कि मोनू सुबह करीब 4.30 बजे ही घर से निकल पड़ा था, लेकिन उसे क्या पता था कि रास्ते में बदमाश उसे घेर लेंगे और महज एक मोबाइल फोन के लिए उसकी जान ले लेंगे.
पुलिस गिरफ्त में हंस रहे थे आरोपी
पकड़े जाने के बाद भी शायद हत्यारोपियों के चेहरे पर न तो कोई भय नजर आ रहा, और न ही कोई पछतावा. यह आरोपी पुलिस की गिरफ्त में खड़े थे, लेकिन चेहरे पर निराशा या दुःख नहीं, बल्कि हंसी तैर रही थी. पूछताछ में यह भी पता लगा कि मोनू की हत्या करने से पहले भी इन तीनों ने दो मोबाइल फोन पहले भी चोरी कर रखा था. लेकिन किसी बड़ा हाथ मारने की फिराक में ये सुबह के वक्त गली में छिपे बैठे थे.
पहले की बैग झपटने की कोशिश
पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों के खिलाफ पहले से कोई संगीन मामला दर्ज नहीं है, लेकिन इस वारदात को जिस तरीके से अंजाम दिया गया वह भयानक है. बदमाशों ने मोनू का बैग छीनना चाहा, लेकिन उस बैग में मोनू ने अपने भतीजे के लिए गिफ्ट खरीद कर रखा था. उसने अपना बैग बचाने की पूरी कोशिश की. इस दौरान सुनील ने मोनू की गर्दन पकड़ ली और रमेश ने उसे चाकू मार दिया. फिर उसका फोन और पर्स लेकर फरार हो गए.
सीसीटीवी से हुई पहचान
कत्ल का सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद पुलिस को बदमाशों की पहचान करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. पुलिस ने सबसे पहले रमेश को पकड़ा फिर उसके दो अन्य साथियों को. इनके पास से पुलिस ने मोनू से लूटा गया मोबाइल, पर्स और खून से सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं.
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25 लाख के सवाल का गलत जवाब देकर उठाया नुकसान, क्या आपको पता है जवाब?
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केबीसी के सीजन 11 में टीचर अखिलेश कुमार अंबेश को अपनी गलती भारी पड़ी और 25 लाख के सवाल का गलत जवाब देकर वे केवल 3 लाख 20 हजार रुपए जीतने में कामयाब रहे. गौरतलब है कि हाथरस के रमनपुर निवासी शिक्षक अखिलेश ने 3,20,000 के सवाल पर अपनी सारी लाइफलाइन खत्म कर ली थी. इसके बाद उन्होंने अपने दोनों सवालों को पूरी तरह से किस्मत के सहारे खेला और वे 12,50,000 जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने 25 लाख के सवाल का गलत जवाब दिया और वे केवल 3 लाख 20 हजार की राशि ही घर ले जाने में कामयाब रहे.
25 लाख के सवाल के तौर पर अखिलेश से पूछा गया कि किस ऐतिहासिक या पौराणिक पात्र के नाम पर श्रीलंका ने अपने पहले उपग्रह का नाम रखा? इस सवाल के ऑप्शन्स थे ए. कुबेर बी. बुद्धा सी. विभीषण डी. रावण
अखिलेश ने इस सवाल का जवाब बुद्धा दिया लेकिन इस सवाल का सही जवाब रावण था. इससे पहले भी अखिलेश 6 लाख 40 हजार और 12 लाख 50 हजार के लिए बी ऑप्शन को ही सही उत्तर बता चुके थे लेकिन इस बार उनका ये दांव काम नहीं आया.
अमिताभ बच्चन
ने भी उनके रिस्क से भरे गेमप्ले को लेकर हैरानी जताई थी.
अब तक तीन लोग बन चुके हैं इस सीजन में करोड़पति
बता दें कि हाथरस का जिक्र आते ही
अमिताभ बच्चन
ने अपने पिता हरिवंशराय बच्चन और काका हाथरसी को भी याद किया था. अब तक केबीसी के सीजन 11 में तीन लोग करोड़पति बन चुके हैं हालांकि कोई भी शख्स 7 करोड़ नहीं जीत पाया है. गौरतलब है कि
केबीसी
सीजन 11 में बिहार के रहने वाले गौतम कुमार झा तीसरे करोड़पति हैं. गौतम से पहले इस सीजन में सनोज राज और बबीता ताड़े ने भी 1 करोड़ रुपए जीते थे. मनोज कुमार झा ने IIT धनबाद से इंजीनियरिंग की है. अभी वह रेलवे में इंजीनियर हैं. गौतम अभी पश्चिम बंगाल के आद्रा में सीनियर इंजीनियर के पद पर पोस्टेड हैं.
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लालू के बेटों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर नीतीश की खामोशी, बीजेपी ने उठाए सवाल
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हाल के दिनों में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप के ऊपर बेनामी संपत्ति अर्जित करने के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी पर बीजेपी ने सवाल उठाया है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी नेपूछा है कि आखिर काले धन और बेनामी संपत्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने वाले नीतीश कुमार अवैध संपत्ति का अंबार खड़ा करने वाले लालू के दोनों बेटों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रहे हैं?
मोदी ने नीतीश से सवाल पूछा कि आखिर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ वह समझौता क्यों कर रहे हैं? मोदी की माने तो सरकार गिरने और कुर्सी जाने के डर से नीतीश खुद लालू के बेटों पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं और चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.
सुशील मोदी ने नीतीश से पूछा कि लालू और उनके परिवार का पटना में जो 750 करोड़ का आलीशान मॉल बन रहा है, वह पर्यावरण की नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बन रहा है. फिर भी नीतीश कुमार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
मोदी ने आगे सवाल उठाया की MLA को-ऑपरेटिव के नियमों को ताख पर रखकर लालू ने करीब आधा दर्जन प्लॉट हथिया लिया है, लेकिन इसके बावजूद भी नीतीश कुमार कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं.
मिट्टी घोटाले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बिना किसी वजह के तेजस्वी यादव के मॉल की मिट्टी को पटना के चिड़ियाघर में खपाया गया और इसके जरिए लाखों की आय अर्जित की गई. मोदी ने सवाल पूछा कि इस पूरे मामले के उजागर होने के बावजूद भी नीतीश कुमार ने तेजस्वी और तेजप्रताप के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
मोदी ने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने औरंगाबाद में अपने नाम से खरीदी गई करोड़ों की 45 डिसमिल जमीन को घोषणापत्र में छुपा लिया. मगर मुख्यमंत्री अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाए हैं.
गौरतलब है कि सुशील मोदी पिछले 2 महीने से लालू और उनके दोनों बेटों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और उनके द्वारा आयोजित की गई हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का दस्तावेज के साथ सबूत पेश कर रहे हैं.
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भूमि की बर्थडे पार्टी में छाए वरुण धवन-वाणी कपूर, डांस Video वायरल
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एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने 18 जुलाई को जुहू में अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया. इस खास पार्टी में बॉलीवुड के कई दिग्गज सितारे और फिल्ममेकर्स शरीक हुए. बर्थडे पार्टी से एक खास वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में वरुण धवन और वाणी कपूर साथ में फिल्म बेफिक्रे के गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं.
वरुण धवन बने चाचू नं 1, अनोखे अंदाज में फैन्स को भतीजी से मिलाया
रणवीर सिंह और वाणी कपूर की फिल्म बेफिक्रे के गाने ''नशे सी चढ़ गई'' पर इन दोनों का डांस इनकी केमिस्ट्री बयां करता है. हालांकि वरुण और वाणी साथ में किसी भी फिल्म में अब तक नजर नहीं आए हैं, लेकिन इस वीडियो से दोनों के बीच की कैमिस्ट्री तो पता चलती ही है. बात करें भूमि की बर्थडे पार्टी की तो इसमें शशांक खेतान और करण जौहर सरीखे कई दिग्गज फिल्ममेकर शरीक हुए.
@nikhilthampi insta story Varun Dhawan dancing with Vaani Kapoor at Bhumi's Birthday Bash. @varundvn @_vaanikapoor_ #VD #VarunDhawan #VarunDvn #Varun
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Jul 18, 2018 at 6:37am PDT
चाचा बने वरुण धवन, भाभी जानवी ने दिया बेटी को जन्म!
बर्थडे गर्ल ने अपने खास मेहमानों का स्वागत करने के साथ ही खुद मीडिया में आकर केक ऑफर किया. वर्क फ्रंट की बात करें तो भूमि जल्द ही फिल्म सोन चिरैया में सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजर आएंगी. फिल्म में सुशांत एक डकैत का किरदार निभाते नजर आएंगे जिसके लिए उनका फर्स्ट लुक पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल किया जा चुका है.
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स्वच्छता और साफ सफाई पर हुई प्रतियोगिता में बिहार की बेटी को सम्मान
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बिहार की बेटी ने एक बार फिर पूरे भारत में नाम रोशन किया है. सहरसा की रहने वाली चंदकांता नैना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मान मिलेगा.
स्वच्छता
और साफ सफाई पर आयोजित प्रतियोगिता में सफल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को सम्मानित करेंगे.
चंद्रकांता नैना बैजनाथपुर स्थित मनोहर उच्च विद्यालय की नौवीं कक्षा में पढ़ती है. उसने स्वच्छता और साफ सफाई पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता के सीनियर ग्रुप में सफलता हासिल की है. इस प्रतियोगिता का आयोजन भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा किया गया था.
2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन चंद्रकांता नैना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मानित होगी. जिले के गम्हरिया गांव निवासी दयानंद यादव की बेटी चंदकांता नैना साधारण सी परिवार में जन्मी और पली बढ़ी और फिर ये सिद्ध कर दिखाया है कि गांव की बच्चियां भी उड़ान भर सकती है.
स्कूल के प्रधान विनय कुमार पासवान उसकी इस कामयाबी पर गौरवान्वित महसूस करते हुए कहते है कि चंदकांता नैना ने न सिर्फ स्कूल का नाम रौशन किया है बल्कि पूरे देश के लिए यह अनुकरणीय है.
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जमानत एक नियम है और जेल अपवाद: सलमान खुर्शीद
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जेल पर अपने बयान पर उभरे विवाद के बाद संतुलन करने की कवायद के तहत केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह फैसला अदालतों को करना होता है कि किसे हवालात में डालना है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने ही जमानत को नियम और जेल को अपवाद ठहराया है.
खुर्शीद ने कहा था कि न्यायपालिका को देश की राजनीतिक अर्थव्यवस्था को समझने की जरूरत है. अपने इस विवादास्पद बयान के संदर्भ में कल रात मंत्री ने कहा कि लोगों को हवालात में डालने का फैसला मुझे नहीं लेना, यह अदालतों को लेना होता है.
उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि ‘जमानत नियम है और जेल अपवाद है.’ कानून मंत्री अपनी इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में बोल रहे थे, ‘अगर आप शीर्ष व्यापारियों को जेल में डालेंगे तो क्या निवेश आ पाएगा.’ उच्चतम न्यायालय ने आज इस बयान को चिंताजनक बताया.
खुर्शीद ने कहा कि उनकी टिप्पणी का 2जी मामले से कोई लेना देना नहीं है लेकिन वह प्रश्नकर्ता की इस बात से सहमत हुए कि कई लोग सोचते हैं कि घोटाले में लंबे समय तक हिरासत में रहे लोग अपनी आजादी से महरूम रहे हैं.
खुर्शीद ने कहा कि बदलते समाज में प्रत्येक संस्थान को बदलते वक्त के तकाजों को पूरा करना होता है और अदालतों ने पर्यावरण संरक्षण के मामले में ऐसा किया है जिसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि उसी तरह हमारे समय का तकाजा है कि हमें विरोध की कद्र करनी चहिए.
खुर्शीद ने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय है बिना यह कहे माओवादी समर्थक विनायक सेन को जमानत दी कि वह निर्दोष हैं.
उन्होंने फैसले को उत्कृष्ट बताते हुए कहा, ‘उन्होंने (शीर्ष अदालत ने) कहा था कि उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. यदि वह गलत हैं तो दंडित किया जाएगा. लेकिन उन्हें जेल में रखने की कोई वजह नहीं है. उन्होंने :शीर्ष अदालत ने: उन्हें जमानत दी.’ कानून मंत्री ने कहा, ‘लेकिन जब आर्थिक मुद्दे आते हैं तो क्या उच्चतम न्यायालय विकासशील आर्थिक मुद्दों पर ध्यान देता है जैसे कि हम सब देते हैं.’
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हिमाचल हादसा: परिजनों को डेढ़ लाख का मुआवजा, खतरनाक जगहों पर की जाएगी तारबंदी
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हिमाचल सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार ने रविवार को ब्यास नदी में बह गए इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है. हिमाचल सरकार ने डेढ़ लाख रुपये की तत्काल राहत का ऐलान किया है, जबकि आंध्र सरकार ने पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है.
राहत राशि की घोषणा करते हुए हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने हर मृतक के परिजन को डेढ़ लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है. मृतक छात्रों के शव भेजने का इंतजाम किया है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहयोग मुहैया कराया है.' दूसरी ओर, चंद्रबाबू नायडू सरकार ने मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मामले में लापरवाही की जांच की मांग करेंगे.
हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हिमाचल को एनडीआरएफ के बटालियन मुहैया कराए जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि डिविजनल आयुक्त मंडी की ओर से दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिन नदियों पर बांध बने हैं वहां की संवेदनशील जगहों की तारबंदी की जाएगी ताकि लोग इन जगहों के नजदीक न जाएं. इन जगहों पर चेतावनी सिग्नल के साथ साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि अलार्म प्रणाली को ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा और लोगों को अलार्म के बारे में सूचित किया जाएगा ताकि वे जरूरी सावधानी बरत सकें और किसी तरह का खतरा उठाने से बचें. ब्यास नदी के किनारे फोटोग्राफी कर रहे हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज के 25 छात्र लारजी जल विद्युत परियोजना के जलाशय से अचानक पानी छोड़ने की वजह से बह गए थे.
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ग्रेजुएट उम्मीदवारों के लिए LIC में वैकेंसी
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लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) ने वैकेंसी निकाली है. इच्छुक उम्मीदवार 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं.
पद का नाम:
फाइनांशियल एडवाइजर
पदों की संख्या:
50
उम्र सीमा:
18-65 साल
योग्यता:
ग्रेजुएट
ज्यादा जानकारी के लिए लिंक:
www.maharojgar.gov.in
ईमेल आईडी:
[email protected]
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KBC में 5 करोड़ के सवाल का ऐसा था प्रेशर, पानी पी-पीकर दिया था जवाब
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केबीसी के सबसे चर्चित प्रतिभागियों में सुशील कुमार का नाम लिया जाता है. वो बिहार के हैं और उन्होंने सोनी टीवी पर प्रसारित गेम शो के पांचवे सीजन में पांच करोड़ रुपये जीते थे. हालांकि यह इतना आसान नहीं था. उन्होंने बेइंतहा तनाव से गुजरते हुए पांच करोड़ के सवाल का दबाव महसूस किया था. इसे सुशील से बेहतर कौन जान सकता है. एक गलत जवाब, उसे खाली हाथ लौटा सकता था. (नीचे सवाल और उस वक्त की पूरी डिटेल पढ़ सकते हैं)
गेम शो में अमिताभ बच्चन ने जिस वक्त पांच करोड़ का सवाल पूछा था, सुशील को पेशाब भी लगी हुई थी. उसने अमिताभ से इस बात का भी जिक्र किया था. हालांकि गेम पूरा होने तक नियमों के मुताबिक़ उसे बाहर जाने की अनुमति नहीं थी. सवाल का यह दबाव सिर्फ सुशील ही नहीं वहां मौजूद उनकी पत्नी, रिश्तेदार और शो में आए कई दूसरे लोगों के चेहरे पर भी साफ़ नजर आ रही थी.
क्या था वह सवाल ?
अमिताभ ने पांच करोड़ के लिए जो सवाल पूछा था वह गेम शो का 13वां और आख़िरी सवाल था. सुशील कशमकश में थे. बार-बार कुर्सी पर बैठे उनकी बेचैनी साफ़ दिख रही थी. दरअसल, उनके पास डबल डिप और फोन फ्रेंड की दो लाइफलाइन बची थी. इनके इस्तेमाल में पर्याप्त खतरे भी थे. 5 करोड़ का सवाल था -
16 अक्टूबर 1868 को अंग्रेजों के हाथों निकोबार द्वीप समूह बेचने के बाद भारत से किस औपनिवेशिक शक्ति का अंत हो गया था?
जवाब के चार विकल्प थे
1) बेल्जियम
2) इटली
3) डेनमार्क
4) फ्रांस
और बेकार हो गई एक लाइफ लाइन
काफी कोशिश के बावजूद सुशील को सवाल का सही जवाब समझ नहीं आया. उन्होंने फोन ऑफ़ फ्रेंड लाइफलाइन इस्तेमाल की. इसके लिए उन्होंने मोतिहारी (बिहार) में श्याम किशोर प्रसाद से बातचीत की. फोन लाइन पर अमिताभ ने श्याम किशोर के साथ उनका लाइनअप कराया. श्याम किशोर को महज 30 सेकंड के अंदर सवाल सुनकर जवाब देना था. सुशील ने जल्दी-जल्दी सवाल बताने की कोशिश की. दुर्भाग्य से वह तय समय में श्याम किशोर को सवाल नहीं समझा पाए और उनकी लाइफलाइन बर्बाद हो गई.
लाइफ लाइन बर्बाद होने के बाद सुशील ने क्या किया?
ऐसा होने के बाद गेम शो में मौजूद उनके परिजनों के चेहरे उतर गए. सुशील पांच करोड़ जीत पाएंगे या नहीं - गेम शो और टीवी सेट पर डटे लोगों की रोमांचक दिलचस्पी का विषय बन गया.
"इटली आया नहीं, फ्रांस गया नहीं"
तीसरी लाइफ लाइन बर्बाद होने के बाद सुशील ने खुद सवाल का जवाब देने का प्रयास किया. वह बुदबुदा उठा- "इटली आया नहीं फ्रांस बाद में गया. बाकी दो में से कोई एक जवाब है." इस दौरान सुशील की परेशानी देख अमिताभ ने उसे गेम शो भी छोड़ने की सलाह दी. ऐसा कर वह एक करोड़ जीतकर वापस जा सकता था. हालांकि सुशील फिर बुदबुदाया. "इटली आया नहीं. फ्रांस गया नहीं. तो फिर बचे यही दोनों." अमिताभ ने सुशील से फिर कहा, "अगर आपको यही लग रहा है तो आप डबल डिप खेल सकते हैं."
पेशाब की नहीं मिली अनुमति
सुशील को पेशाब जाना था. अमिताभ ने उसे इजाजत नहीं दी. सवाल से परेशान सुशील कुछ देर चुप बैठा रहा. अमिताभ ने उसे फोकस बनाने की सलाह दी. वह बेहद दबाव महसूस कर रहा था, उसने अमिताभ से पानी पीने की इजाजत ली. फिर उठकर ग्लास उठाया. पानी पीते हुए वह लगातार कम्प्युटर की स्क्रीन पर सवाल दोहराता रहा. हालांकि अमिताभ की सलाह पर वह बैठ गया. सुशील ने फिर सवाल देख बुदबुदाना शुरू किया, "इटली आया नहीं, फ्रांस गया नहीं." उसके ऐसा करते ही शो में मौजूद लोग ठहाका मारकर हंसने लगे. हालांकि सुशील के लिए ये बेहद दबाव और परेशानी का वक्त था.
इस्तेमाल की आख़िरी लाइफलाइन
जब सुशील, सवाल को लेकर किसी जवाब तक नहीं पहुंच पाया तो उसने डबल डिप आजमाने की बात कही. यह उसकी चौथी और आख़िरी लाइफलाइन थी. इस दौरान अमिताभ ने उसे बताया कि अब वो गेम छोड़ नहीं सकता है. अब उसे खेलना ही पड़ेगा. डबल डिप में सुशील ने पहला जवाब डेनमार्क बताया.
अमिताभ ने जवाब को लॉक किया.
वहां मौजूद हर शख्स रोमांच के चरम पर था. यहां गलती का मतलब था, पांच करोड़ जीतने की कगार तक पहुंचकर खाली हाथ लौटना.
क्या रकम जीत पाया सुशील कुमार?
हालांकि सुशील का जवाब सच निकला. जैसे ही कम्प्युटर स्क्रीन ने
अनाउंसमेंट की सुशील कुमार ने पानी की ग्लास
अपने सिर पर उड़ेल दिया. वह खुशी से झूम उठा. तालियों के शोर में अमिताभ ने उसे बाहों में भींच लिया. उसकी पत्नी भी काफी देर तक अमिताभ से लिपटकर रोती रही.
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गुजरात सरकार ने आसाराम की जमानत याचिका का किया कड़ा विरोध
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गुजरात सरकार ने सूरत की एक महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में आसाराम की जमानत याचिका का विरोध किया है. सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में एक एफिडेविट जमा किया है. सरकार ने कहा है कि आसाराम लड़कियों के साथ ओरल सेक्स करता था और अगर उसे जमानत पर रिहा किया गया, तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है.
गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट में न्यायाधीश एजे देसाई के सामने पेश अपने जवाब में जमानत का विरोध किया. सरकार ने आसाराम पर षड्यंत्र रचते हुए किशोरियों और महिलाओं के शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है. इस एफिडेविट में गवाहों के बयान भी दर्ज हैं. एफिडेविट में कहा गया है कि आसाराम पहले इन लड़कियों चुनता था और फिर आश्रम की साधिकाओं की मदद से उनके साथ दुष्कर्म करता था.
एफिडेविट में सरकार ने आसाराम पर आरोप लगाया है कि वह लड़कियों को सम्मोहित करता था. वह लड़कियों के सम्मोहन के दौरान लड़कियों को 'गोपियां' और खुद को 'कृष्ण' कहता था. इसके बाद वह लड़कियों से दुष्कर्म करता था और कहा करता था कि यह 'शक्तिपात की क्रिया' है, जिससे वे अपने जीवन में ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं. इस तरह का सम्मोहन करने के बाद आसाराम लड़कियों को आश्रम से निकलने नहीं देता था, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही 75 वर्षीय आसाराम ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. उधर आसाराम के वकीलों का कहना है कि उनके खिलाफ जो एफिडेविट फाइल किया गया है, वो कानूनी तौर पर नया नहीं है और इसमें वही पुरानी बातें दोहराई गई हैं. वहीं सरकार ने एफिडेविट में ये भी कहा है कि अगर आसाराम को जमानत मिल जाती है तो वो सबूतों को नुकसान पहुंचा सकता है. आसाराम के वकीलों ने आरोप लगाया है कि इस मामले में 12 साल बाद केस दर्ज किया गया है और यह पुलिस व नेताओं की वजह से है.
गौरतलब है कि सूरत में रहने वाली दो महिलाओं ने पिछले साल अक्टूबर में आसाराम के खिलाफ अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में बलात्कार, आपराधिक षड्यंत्र तथा हथियार अधिनियम के धाराओं के तहत मामाला दर्ज कराया था. आसाराम को जोधपुर से ट्रांसफर वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया था. आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र भी पेश किया जा चुका है. फिलहाल आसाराम जोधपुर की युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में जोधपुर जेल में बंद है.
इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत रद्द करने की याचिका भी खारिज कर चुकी है. आसाराम के साथ उसका बेटा नारायण साईं भी दुष्कर्म मामले में ही सूरत की जेल में बंद है. पिछले दिनों निचली अदालत ने नारायण साईं की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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बुक रिव्यू: मांझी का बैरी भी था और साथी भी था 'पहाड़'
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किताबः
पहाड़ (पेपरबैक)
लेखक:
निलय उपाध्याय
पब्लिशरः
राधाकृष्ण प्रकाशन
कीमतः
275 रुपए
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'मांझी: द माउंटेनमैन' दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित है. इन्हीं दशरथ मांझी के जीवन पर निलय उपाध्याय ने किताब लिखी है- 'पहाड़'.
कौन था दशरथ मांझी?बिहार के गया शहर के पास एक छोटे सा गांव है- गेहलौर. इस गांव और सबसे पास वाले कस्बे के बीच एक पहाड़ था जिसे भेद पाना नामुमकिन था. गांव में किसी भी तरह की सुविधाएं न होने के कारण कस्बे तक पहुंचने के लिए 70 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता था. इसी गांव में रहता था एक गरीब मजदूर, दशरथ मांझी. समय पर अस्पताल न पहुंच पाने की वजह दशरथ की पत्नी की मौत हो गई. फिर उसने फैसला किया कि वह पहाड़ को तोड़कर वहां सड़क बनाएगा. 22 साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार वह ऐसा करने में सफल हुआ और 'माउंटेनमैन' कहलाया.
सिर्फ प्रेम कहानी ही नहीं है पहाड़
दशरथ मांझी की कहानी जज्बे और संघर्ष की कहानी भी है और प्रेम कहानी भी. लेकिन दशरथ और पिंजरी का प्रेम मात्र एक-दूसरे को 'पा लेने' और 'लिव हैप्पिली एवर आफ्टर' के मिथक पर आधारित नहीं है. उनके जीवन की डोर एक-दूसरे के साथ-साथ समाज से भी बंधी हुई है. उपन्यास में उनकी सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां सामने आती हैं जो उन्हें एक गरीब और प्रताड़ित जीवन जीने पर मजबूर करती हैं. प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ने के लिए दशरथ के सभी छोटे-बड़े संघर्ष एक पूरे समुदाय के संघर्षों को चित्रित करते हैं.
प्रकृति भी एक चरित्र है
पर्यावरण के साथ प्रेम-भाव से रहना चाहिए, लेखक का यह दृष्टिकोण उपन्यास में देखा जा सकता है. साथ ही, ये उल्लेखनीय है कि किस प्रकार एक मूक-स्थिर पहाड़ उपन्यास में एक चरित्र की तरह उभर कर आता है, जो दशरथ का बैरी भी बनता है और साथी भी.
क्यों पढ़ें?
आप किसी भी उम्र के हों, एक अच्छी प्रेम कथा हमेशा आपका दिल छूती है. 'पहाड़' पढ़ते हुए भी ऐसा ही लगेगा. साथ ही यह कहानी है मानव दृढ़ता और गरिमा की, असंभव को संभव बना सकने की क्षमता की. लेखक ने दशरथ मांझी के जीवन का गहरा अध्ययन तो किया ही है, साथ ही उसमें अपनी भाषा और किस्सागोई की खुशबू जोड़ी है. सहज और सरल भाषा का प्रयोग करते हुए भी लेखक ने बहुत सूक्ष्मता से एक छोटे से गांव की राजनीतिक समस्याओं को भी दिखाया है.
लेखक के बारे में
निलय उपाध्याय की सबसे लोकप्रिय पहचान तो यही है कि उन्होंने 'देवों के देव महादेव' समेत कई टीवी सीरियल और फिल्में लिखे हैं. लेकिन अदब की दुनिया में वह कविताओं और उपन्यासों, दोनों के लिए जाने जाते हैं. मुंबई में रहने वाले निलय का लिखा नाटक 'पॉपकॉर्न विद परसाई' काफी चर्चित रहा है. 'पहाड़' इनका तीसरा उपन्यास है.
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ये क्या, MP में इस साल 5 नहीं 6 सितंबर को मनाया जाएगा टीचर्स डे
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मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री फिलहाल विदेश दौरे पर
शिक्षक दिवस के मौके पर सभी कार्यक्रम टाले गए
शिक्षा मंत्री देश से बाहर क्या गए, मध्य प्रदेश में शिक्षक दिवस की तारीख ही बदल गई. यहां इस साल पहली बार शिक्षक दिवस 5 की बजाय 6 सितंबर को मनाया जा रहा है.
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 6 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने का फैसला किया है. ये पहला मौका है जब मध्य प्रदेश में इतना बड़ा बदलाव किया गया है. और तो और सरकार ने भी कहा है कि शिक्षा मंत्री फिलहाल विदेश दौरे पर हैं, इसलिए उनके आने के बाद ही 6 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाएगा.
बता दें कि डॉ. प्रभु राम चौधरी मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं. वो अपनी 35 सदस्यीय टीम के साथ दक्षिण कोरिया में एक शैक्षणिक दौरे पर हैं. कहा जा रहा है कि 6 सितंबर की सुबह वो वापस लौट सकते हैं. ऐसी सूचना है कि शिक्षक दिवस पर पहले से कई कार्यक्रम निर्धारित हैं लेकिन उनका समय बदलने की आशंका है क्योंकि शिक्षा मंत्री उस दिन प्रदेश में नहीं होंगे.
शिक्षक दिवस के दिन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2018 और प्रादेशिक शिक्षक पुरस्कार 2019 वितरित किए जाने की तैयारी थी लेकिन अब इसे 6 सितंबर कर दिया गया है, क्योंकि मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित शिक्षा मंत्री उस दिन शामिल नहीं हो सकेंगे. शिक्षा मंत्री कार्यालय ने 'इंडिया टुडे' को इस खबर की पुष्टि की है. शिक्षक दिवस के दिन लगभग सभी कार्यक्रम टाल दिए गए हैं. इस खास दिन पर मध्य प्रदेश में केवल एक सेमिनार आयोजित करने की तैयारी है.
डॉ. चौधरी की टीम दक्षिण कोरिया के एजुकेशन सिस्टम का अध्ययन करेगी. मध्य प्रदेश में इसे कैसे लागू किया जा सकता है, इस पर अपने सुझाव देगी. इसी साल मई में शिक्षा निदेशक जयश्री कियावत की अगुवाई में एक दल दक्षिण कोरिया गया था. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो उस दौरे के सुझाव अभी तक सरकार को नहीं दिए जा सके हैं. इसके बावजूद दूसरी टीम सियोल के दौरे पर निकल गई.
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए दक्षिण कोरिया गए हैं. उनके पास सबसे अच्छी शिक्षा प्रणाली है. शिक्षक दिवस टालने के फैसले को बीजेपी ने तानाशाही रवैया बताया है. डॉ. हितेश वाजपेयी ने 'इंडिया टुडे' से कहा, 'पूरे देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. पिछले 70 साल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार नौकरशाहों के दबाव में ऐसे फैसले ले रही है.'
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J-K विधानसभा में अभी क्या है दलों की स्थिति, किसके पास कितना नंबर
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भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. 2014 के आखिर में राज्य में चुनाव हुए थे और पीडीपी के 28 विधायक और बीजेपी के 25 विधायक जीतकर आए थे. दोनों पार्टी ने साथ मिलकर सरकार बनाया था और महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी थीं. तो बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद अब क्या स्थिति है जम्मू-कश्मीर विधानसभा में, आइए जानते हैं..
कुल सीट (जम्मू-कश्मीर विधानसभा) - 89
सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत- 44
पीडीपी- 28
बीजेपी- 25
नेशनल कांफ्रेंस- 15
कांग्रेस- 12
अन्य- 9
बीजेपी को छोड़ अन्य पार्टियों के पास कितनी सीट
बीजेपी के बिना पीडीपी, एनसी और कांग्रेस के विधायकों को अगर मिला दें तब भी विधानसभा में बहुमत पूरा हो सकता है. तीनों के पास कुल 55 सीटें हो जाएंगी, जो बहुमत से काफी अधिक है.
उधर, बीजेपी ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप दी है. बीजेपी की ओर से राज्यपाल शासन की मांग की गई है. बीजेपी नेताओं से मिलने से पहले अमित शाह ने NSA अजित डोभाल से भी मुलाकात की थी.
अमित शाह ने इस शख्स से की मुलाकात, और फिर कश्मीर में गिर गई सरकार
फैसले के बाद बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि हमने गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर के तीन साल के कामकाज, सभी एजेंसियों से राय लेकर ये फैसला किया है. जिसके बाद ये तय हुआ है कि बीजेपी अपना समर्थन वापस ले रही है. राम माधव ने कहा कि तीन साल पहले जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थी जिसके कारण ये गठबंधन हुआ था. लेकिन जो परिस्थितियां बनती जा रही थीं उससे गठबंधन में आगे चलना मुश्किल हो गया था.
सभी से चर्चा के बाद हुआ फैसला
बीजेपी नेता राममाधव ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई. पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है.
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कामसूत्र की थीम पर तैयार की गई है ये एडल्ट कार, देखें तस्वीर
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हो सकता है आप एक ऐसे इंसान हों जिसे कारों में कोई दिलचस्पी न हो, खासकर Fiat 500 जैसी कारों में. लेकिन जब आप गैरेज इटैलिया कस्टम्स की कामसूत्र की थीम पर आधारित कार को देखेंगे तब आपकी आंखें जरुर इस कार को ढूंढेंगी. इस कार का नाम Fiat 500 Kar_masutra रखा गया है. जैसा कि नाम से ही मालूम होता है इस स्पेशल Fiat 500 को सेक्शुअल बिहेवियर पर वात्स्यायन द्वारा लिखे गए पौराणिक हिंदू ग्रंथ कामसूत्र के थीम पर तैयार किया गया है.
Garage Italia Customs,
BMW i8 और i3
जैसे कारों को डिजाइन करने के लिए मशहूर है. कंपनी का कहना है कि वो आज की खास डिमांड के हिसाब से पारंपरिक इटैलियन बनावट को कला के रुप में अपने डिजाइन में उतारते हैं. हम मान सकते हैं कि कंपनी ने नए 500 मॉडल्स में यूनिकनेस की एक अलग परिभाषा गढ़ दी है.
इस एडल्ट कार के दो वर्जन अब तक तैयार किए गए हैं, जिसमें से एक कामसूत्र के थीम पर आधारित हैं, जहां इसके एक्टिरियर में कपल्स अलग-अलग पोजिशन में नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरे मॉडल को जापान के 19 वीं शताब्दी के शुंगा वूडब्लॉक के थीम पर बनाया गया है. जहां गुप्तांग नजर आ रहे हैं.
इस कार के बाहरी डिजाइन को जिस तरह
एडल्ट लुक
दिया गया है, वैसे ही इसके अंदरी बनावट को भी एडल्ट लुक दिया गया है. इसकी बनावट चटक लाल रंग में की गई है ताकी उस तरह का माहौल पैदा किया जा सके. इसके अलावा डैशबोर्ड से लेकर केबिन और सीट तक को एडल्ट लुक में डिजाइन किया गया है. कार के अंदर आइट्म्स भी ऐसे ही रखे गए हैं. इसके बाद भी किसी को और भी ज्यादा प्राइवेसी चाहिए, तो वे लाल रंग के पर्दों से खिड़कियों को ढंक भी सकते हैं और एडल्ट ओन्ली वाला साइन ऑन भी कर सकते हैं.
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आवरण कथाः चिंता लिए आई चुनावी जीत
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गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की दोहरी जीत के कुछ ही घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पहुंचे. सरकार और पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी उनके साथ थे. मोदी ने जो भावोत्तेजक विजयी भाषण दिया उसमें जीत का जोश था, संतुष्टि का भाव था और विकास को लेकर उनकी प्रतिबद्धता का होशियारी भरा दोहराव भी.
''भारत माता की जय" के उद्घोष के साथ भाषण समाप्त करने की आदत के अलावा इस दफा उन्होंने असामान्य तरीके से वहां मौजूद लोगों से अपने साथ यह नारा भी लगवाया कि ''जीतेगा भाई जीतेगा, विकास ही जीतेगा". ऐसा करके वे आगे की बड़ी लड़ाइयों के लिए भी एजेंडा तय कर दे रहे थे जिनमें 2019 के आम चुनावों में फिर से जीत हासिल करने की कोशिश से पहले कुछ अहम राज्यों के विधानसभा चुनाव शामिल हैं.
जीत का लुत्फ लेते हुए भी मोदी की अपने विरोधियों से कई कदम आगे जाकर सोचने की काबिलियत ही उन्हें इस सदी में देश का सबसे प्रमुख नेता बना देती है. मार्च में उत्तर प्रदेश में भाजपा की निर्णायक जीत और उस समय हुए चार राज्यों के चुनावों के बाद तीन राज्यों में सरकार बनाते समय मोदी ने अपनी विजय रैली में घोषणा की थी कि 2022 तक, जब देश अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा, वे एक नया भारत बना देंगे जो देश की युवा आबादी के सपनों को पूरा करेगा, वे युवा जो भारत की आबादी का 65 फीसदी हैं.
यह कहते हुए उन्होंने नई पीढ़ी के लिए एक परिकल्पना को रूप दे दिया और परोक्ष रूप से उनसे यह अपील भी कर डाली कि वे इस सपने को पूरा करने के लिए उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुन लें. गुजरात की जीत के बाद मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को संकेत दे रहे थे कि 2019 के लिए उनका मुख्य दारोमदार पहले विकास पर होगा, हिंदुत्व पर नहीं.
नए साल की चुनौतियों और जरूरतों से प्रधानमंत्री किसी और के मुकाबले कहीं ज्यादा वाकिफ हैं. गुजरात की जीत ने उन्हें भाजपा की अस्मिता बनाए रखने में भले मदद दे दी हो पर अपने कार्यकाल के बाकी बचे 18 महीनों के लिए उन्हें कई सारी चिंताएं और चेतावनियां भी दे डाली हैं.
पहले गुजरात की जीत. मोदी के गृह प्रदेश में भाजपा के लिए जो एक आसान-सी जीत होनी चाहिए थी, वह एक कड़े संघर्ष में नजदीकी मुकाबले में तब्दील हो गई. एक ढीले-ढाले राज्य नेतृत्व, बागी हार्दिक पटेल को मिल रहे समर्थन और ईंट का जवाब पत्थर से देने को तत्पर जुझारू राहुल गांधी के कारण यह नजदीकी जीत हासिल करने के लिए मोदी को राजनैतिक रणनीतिकार और वक्ता के अपने समूचे कौशल और अमित शाह की संगठनात्मक दक्षता का पूरा इस्तेमाल करना पड़ा.
बेशक राज्य में भाजपा की रिकॉर्ड छठी जीत पक्की करके मोदी ने बड़ा काम किया है. मोदी-शाह की जोड़ी ने मिलकर 2014 के बाद से 14 विधानसभा चुनावों में से 11 में भाजपा को जीत दिलाई है. पहली बार भाजपा देश के 29 राज्यों में से 19 में सत्ता में मौजूद है, कांग्रेस को उसने पांच राज्यों में समेट दिया है और अब वह कांग्रेस की जगह देश की अकेली राष्ट्रव्यापी पार्टी हो गई है.
अब बात चिंताओं की. गुजरात के नतीजों ने भाजपा की कमजोरियां भी उजागर कर दीं. 2018 में जब वह राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनावों के लिए खुद को तैयार करेगी तो ये कमजोरियां उसे परेशान करेंगी. वोट बटोरने वाले नेता के रूप में मोदी के ऊपर जरूरत से ज्यादा निर्भरता है और दूसरी कतार का नेतृत्व उभरकर सामने नहीं आ रहा. वोट की प्रवृत्ति में भी शहरी-ग्रामीण भेद साफ नजर आ रहा है. गांवों में कांग्रेस ने भाजपा को मात दे दी क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी किसानों की दिक्कतों और ग्रामीण गरीबी को दूर करने जैसे मसलों से निबटने में नाकाम रही.
युवाओं और बेरोजगारों में भी मोहभंग की स्थिति बढ़ रही है, जिन्हें राहुल और हार्दिक ने कारगर तरीके से एकजुट किया. यह मान लेना जी को दिलासा देना ही होगा कि मतदाताओं ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती लाने के बावजूद नोटबंदी और जीएसटी का अनुमोदन किया है. गुजरात के शहरों ने मोदी का साथ दिया है तो बस इसलिए कि बाकी लोगों की तुलना में वे अब भी मोदी को ही मौजूदा आर्थिक हालात से देश को बाहर निकालने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति मानते हैं. इस वजह से भी कि केंद्र सरकार ने जीएसटी संबंधी उन कई दिक्कतों को हटाने के लिए अपने कदम वापस खींच लिए जिनके कारण राज्य के व्यापारी विरोध में खड़े हो गए थे.
आखिर में, पार्टी के लिए चेतावनियां. उसमें सत्तारूढ़ होने का घमंड साफ दिखा और फिर इस यकीन के कारण कि किसी राज्य को केंद्रीय नियंत्रण से भी चलाया जा सकता है, ऐसा लगता है, भाजपा उसी जाल में फंसती जा रही है जो हमेशा से कांग्रेस की खूबी रही है. हर कीमत पर जीत हासिल करने के उसके दृष्टिकोण के चलते वह दूसरी पार्टियों से आ रहे दलबदलुओं को प्रोत्साहित कर रही है.
इससे वह उस वैचारिक शुद्धता से समझौता कर रही है जिसका वह दंभ भरा करती थी. पार्टी के निष्ठावानों में भी इससे असंतोष पैदा हो रहा है. इसकी मिसाल राज्यसभा चुनावों से ठीक पहले अहमद पटेल को हराने की कोशिश में शंकरसिंह वाघेला और उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल किए जाने के तौर पर देखी जा सकती है. वह टर्निंग पॉइंट बना और कांग्रेस ने खुद को एकजुट करते हुए हार्दिक समेत तीन युवा नेताओं के साथ गठजोड़ बना जोरदार मुकाबला खड़ा कर लिया.
फिर मोदी और भाजपा ने जीतने की बेताबी में गुजरात में प्रचार के आखिरी दौर में गुजरात के विकास मॉडल की बातों को किनारे करके सांप्रदायिक तौर पर विभाजनकारी बातों को केंद्र में कर लिया. मोदी ने भी प्रधानमंत्री की गरिमा से नीचे उतरकर अपने पूर्ववर्ती डॉ. मनमोहन सिंह पर देशद्रोह का आरोप मढ़ डाला. इस बात पर कि उन्होंने एक पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री के लिए अपने पूर्व मंत्रिमंडलीय सहयोगी मणिशंकर अय्यर के दिए निजी भोज में शिरकत की थी. नतीजाः कांग्रेस राख से जी उठी और भाजपा की प्रभुसत्ता को चुनौती देने वाली मुक्चय विपक्षी पार्टी के रूप में हरकत में आ गई.
गुजरात के सबक भाजपा के लिए ही नहीं हैं. नव-निर्वाचित पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अधीन कांग्रेस ने भले जोरदार मुकाबला किया हो पर उसमें उस मारक प्रहार का अभाव नजर आया. उसका पार्टी संगठन भाजपा के लिए शाह के खड़े कर लिए गए ताकतवर संगठन के जवाब में कुछ भी नहीं. हर चुनाव भाजपा की तरह लडऩे की बजाए कांग्रेस का रुख बड़ा शिथिल है, जैसे कि वह किसी पीएचडी की थीसिस की तैयारी कर रही हो. गुजरात में ऐन चुनावों से कुछ महीने पहले जागने की बजाए उसे पूरे पांच साल सक्रिय विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए थी ताकि वह निरंतर राज्य सरकार की प्रामाणिकता में सेंध लगाती.
राहुल के नए जोश ने फिर से चमक तो पैदा की है पर उन्हें लंबा सफर तय करना है. सोशल मीडिया की जीत पोलिंग बूथ की जीत में तब्दील नहीं हो जाया करती. उसके लिए तो जमीन पर लोग चाहिए और मतदाताओं के साथ आखिरी मौके तक संवाद. राहुल को प्रतिबद्ध पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक कतार चाहिए ताकि वे आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की ताकत का मुकाबला कर सकें.
अच्छा संकेत है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें उन्होंने मजबूत स्थानीय नेतृत्व खड़ा करने की दिशा में काम किया है जो चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से काफी पहले से लोगों कर पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा है. उन्हें गठबंधन बनाने की एक नीति पर भी काम करना होगा ताकि साझा विपक्ष को इतनी सीटें मिल सकें कि वह भाजपा को प्रभावी चुनौती दे सके.
गुजरात में जब कांग्रेस ने विभिन्न समुदायों के नेताओं से गठजोड़ कायम कर जाति का कार्ड खेलना शुरू किया तो भाजपा परेशानी में पड़ गई थी. तब हिंदुत्व के बल पर एकजुट हिंदू वोट की धारणा को आगे बढ़ाने वाले संघ परिवार को भी अपनी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत समीकरणों पर काम करना पड़ा.
अयोध्या विवाद में फैसला 2019 के मध्य में आने की उक्वमीद है और अगर यह उसके पक्ष में रहता है तो वह उसका इस्तेमाल हिंदुत्व को फिर से एजेंडे में लाने के लिए कर सकती है. लेकिन हिंदू हृदय सम्राट की पदवी हासिल करने के बाद भी साफ तौर पर मोदी राज्य विधानसभाओं या लोकसभा, किसी भी चुनाव में जीत के लिए मंदिर या हिंदुत्व की अपील का भरोसा नहीं कर रहे हैं. न ही वे जातिगत खेल खेलने से संतुष्ट हो सकते हैं.
प्रधानमंत्री को इस बात का अंदेशा है कि भाजपा 2014 में उसे बहुमत दिलाने वाले उत्तरी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में अपनी सीटों की संख्या को फिर से दोहरा पाने में सफल नहीं हो पाएगी. इसीलिए कट्टर हिंदुत्व वाला अपना समर्थक आधार बनाए रखकर भी मतदाताओं के बड़े दायरे को आकर्षित करने के लिए विकास का दांव खेला जा रहा है.
विकास के कार्ड को प्रभावी बनाने के लिए भी गुजरात से बड़ा संदेश यही मिल रहा है कि मोदी को आर्थिक विकास पर दोगुनी मेहनत करनी होगी. खास तौर पर किसानों की समस्याओं और आम रोजगार के मुद्दों पर ध्यान देना होगा. पांच तिमाहियों तक लगातार गिरावट के बाद हाल ही में जीडीपी के आंकड़ों में हुई वृद्धि सरकार के लिए बड़ी राहत की बात रही है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का मानना है कि ''सबसे खराब दौर अब बीत चुका है और धीमे-धीमे पर ठोस ढंग से अब हम ऊपर चढ़ रहे हैं. अगले साल तक हम 7.5 फीसदी की दर तक पहुंच जाएंगे."
कृषि के मामले में उनकी सलाह है कि अनाज पैदा करने और एमएसपी की संस्कृति से परे हटकर उस दिशा में बढऩा चाहिए जहां किसानों को कृषि-प्रसंस्करण मूल्यवर्धन शृंखला में गहराई से जोड़ा जाए. इसके लिए सरकार को कृषि ढांचा मजबूत करने और मंडियों के हाल दुरुस्त करने में खासा निवेश करना चाहिए. उसे भंडारण और प्रसंस्करण की सुविधाएं भी खड़ी करनी होंगी.
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और रोजगार पैदा करने के लिए मोदी के सहायक से लेकर वरिष्ठ अफसर तक उस दिशा में भी काम कर रही है जिसे वह त्वरित कारक की संज्ञा देती है. मतलब यह कि आवासन, पर्यटन और टेक्सटाइल्स जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों में ऐसी योजनाएं तैयार करना जो तमाम बाधाओं को दूर करके थोड़े समय में खूब सारा रोजगार पैदा कर सकती हों. इसके अलावा सड़कों, हवाई अड्डों और रेल नेटवर्क को बढ़ाकर व्यापक ढांचागत तेजी लाने की कोशिश है.
चर्चा यह भी है कि निर्यात क्षेत्र पर ध्यान दिया जाए, जो फिर से हरकत में आने लगा है. उसे 12 फीसदी ईपीएफ सब्सिडी देने की भी चर्चा है. जिन अन्य क्षेत्रों पर सरकार के तुरंत ध्यान की जरूरत है उनमें एनपीए के मुद्दे को जल्द निबटाकर निजी निवेश को बढ़ावा देना भी है. एनपीए के चक्कर में बैंकों से कर्ज देने का काम बंद-सा हो गया है. एक अधिकारी का कहना था कि हम इन सारे मुद्दों का समाधान करने के लिए कई नए तरीकों पर काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री को उन तमाम स्कीमों के क्रियान्वयन में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिन सबका ऐलान उनके सत्ता संभालने के बाद किया गया था. इनमें से कई, जैसे कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना, एलपीजी सिलेंडर की स्कीम, एलईडी बल्ब आपूर्ति, शौचालयों का निर्माण और गांवों में बिजली आपूर्ति का प्रावधान काफी सराहनीय कदम रहे हैं. इनका उन्हें चुनावी लाभ भी मिला है. एक सकारात्मक बात यह भी है, इस सरकार पर अब तक भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा है.
मोदी को ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो किसी गलती के कारण कामकाज पंगु करने की बजाए गलती को दुरुस्त करने में ज्यादा यकीन रखता है. जीएसटी में संशोधन इसका अच्छा संकेत है. अब प्रस्ताव यह भी है कि पेट्रोल को भी जीएसटी में ले आया जाए ताकि राज्य उपभोक्ताओं पर ज्यादा शुल्क न लगा सकें और इस तरह से पेट्रोल की कीमतें नीचे आ जाएं. इससे शहरी भारत में, खास तौर पर मध्यम वर्ग में उत्साह बढ़ सकता है जो फिलहाल जीएसटी की प्रक्रिया के कारण फिलहाल दुराव की स्थिति में है.
अर्थव्यवस्था को लग रहे झटकों के बावजूद हाल की चुनावी जीतों से यह जाहिर होता है कि मोदी को अब भी तीव्र विकास के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति माना जाता है. 2019 के चुनावों को जीतने की दौड़ में अभी वही सबसे आगे हैं बशर्ते वे विकास के सीधे रास्ते पर आगे बढ़ते रहें और छुटभैये भगवा संगठनों को अपनी परिकल्पना में अड़ंगा लगाने का मौका न दें.
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